Monday, 1 March 2021

किसान आंदोलन को टैकल करने हेतु फंडी ला रहे हैं FPC नाम का पैंतरा, किसान सावधान!

फंडी प्रोपैगैंडा डिफ्यूज एजेंसी के हवाले से पता लगा है कि अबकी बार मंडियों की बजाए, फंडी, FPC (farmer produce company) को फसल खरीद हेतु मैदान में उतार रहे हैं; जो कि अल्टीमेटली आपसे खरीदे हुए अनाज को अडानी-अम्बानी के गोदामों में पहुंचाने का काम करेंगे, बिचौलियों की तरह| यह आपसे MSP से भी 100-200 रूपये ज्यादा के दाम पर अनाज उठाएंगी, फटाफट आपकी पेमेंट भी करवाएंगी| इससे होगा यह कि किसानों में से जो भी इनके झांसे में आएगा, उसको सरकार के नए कानून लाभकारी प्रतीत होंगे| वाह क्या प्रेशर है किसान आंदोलन का!

परन्तु सावधान, यह "नई बोतल में पुरानी शराब" वाली कहावत जैसी बात होगी; यानि सरकारी मंडियों को खत्म करने हेतु अडानी-अम्बानी सीधे-सीधे मार्किट में ना आ कर, इन FPCs वालों के जरिये साल-दो-साल लगा के MSP से ऊँचे रेट पर खरीदवा के सरकारी मंडियां खत्म करेंगे; बिल्कुल JIO फ़ोन की तरह, शुरू में फ्री में दिया और फिर जब मार्किट कैप्चर हो गई तो आज कितना पे करते हो सब जानते ही हो|
और इसीलिए छोटे कस्बों स्तर की मंडियां उठाई जा रही हैं, तो किसान इनको वापिस लगवाने बारे सरकार पर प्रेशर बनावें अभी से| ताकि जब सीजन पे फसल आवे तो यह मंडियां उपलब्ध मिलें व् किसान इनकी अनुपलब्धता के चलते कहीं FPC वालों के ही हत्थे ना चढ़ जावें|
यह FPC वही हैं जो लोग 2011-12 से बना के छोड़ देते आ रहे हैं, जिनमें 95% आज तक धेले का बिज़नेस नहीं कर पाई अर्थात फ़ैल-सुसुप्त पड़ी हुई थी| अब अडानी-अम्बानी की नैया पार लगाने को फंडियों की सरकार ने यह बाईपास का रास्ता निकाला है| यह FPC वाले वही ग्रुप्स हैं, जिनके 50-60 मालिकों को सरकार ने दिसंबर महीने में हरयाणा के किसान बता के बिलों के समर्थन में बताया था, टीवियों पे कृषि मंत्री को बिलों पे समर्थन देते दिखाया था| FPC अच्छी चीज हो सकती हैं परन्तु इस बार यह गलत उद्देश्य साधने हेतु सरकार द्वारा इस बिचौलिया किरदार में उतारी जा रही हैं|
वैसे तो किसान स्वत: ही बहुत जागरूक हो रखा है और जो किसान खड़ी फसल को जलाने या खड़ी फसल में आग लगाने तक को तैयार है; वह MSP पर मंडियों में ही बेचेगा या अपने घर रोक लेगा| फिर भी किसान और ज्यादा सतर्क रहे, उसके लिए यह जानकारी दी जा रही है|
सावधान: वैसे तो किसान नेताओं की इंटेलिजेंस इतनी मजबूत है आज के दिन कि उनको हाथों-हाथ यह खबर पहुँच चुकी होगी; फिर भी हर सम्भव किसान व् किसान नेता तक इसको पहुंचाने हेतु आपका धन्यवाद होवे| इससे किसान नेता और ज्यादा बेहतर स्ट्रेटेजी बनाने व् सुझाने में प्रसस्त होवेंगे|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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