फंडी प्रोपैगैंडा डिफ्यूज एजेंसी के हवाले से पता लगा है कि अबकी बार मंडियों की बजाए, फंडी, FPC (farmer produce company) को फसल खरीद हेतु मैदान में उतार रहे हैं; जो कि अल्टीमेटली आपसे खरीदे हुए अनाज को अडानी-अम्बानी के गोदामों में पहुंचाने का काम करेंगे, बिचौलियों की तरह| यह आपसे MSP से भी 100-200 रूपये ज्यादा के दाम पर अनाज उठाएंगी, फटाफट आपकी पेमेंट भी करवाएंगी| इससे होगा यह कि किसानों में से जो भी इनके झांसे में आएगा, उसको सरकार के नए कानून लाभकारी प्रतीत होंगे| वाह क्या प्रेशर है किसान आंदोलन का!
परन्तु सावधान, यह "नई बोतल में पुरानी शराब" वाली कहावत जैसी बात होगी; यानि सरकारी मंडियों को खत्म करने हेतु अडानी-अम्बानी सीधे-सीधे मार्किट में ना आ कर, इन FPCs वालों के जरिये साल-दो-साल लगा के MSP से ऊँचे रेट पर खरीदवा के सरकारी मंडियां खत्म करेंगे; बिल्कुल JIO फ़ोन की तरह, शुरू में फ्री में दिया और फिर जब मार्किट कैप्चर हो गई तो आज कितना पे करते हो सब जानते ही हो|
और इसीलिए छोटे कस्बों स्तर की मंडियां उठाई जा रही हैं, तो किसान इनको वापिस लगवाने बारे सरकार पर प्रेशर बनावें अभी से| ताकि जब सीजन पे फसल आवे तो यह मंडियां उपलब्ध मिलें व् किसान इनकी अनुपलब्धता के चलते कहीं FPC वालों के ही हत्थे ना चढ़ जावें|
यह FPC वही हैं जो लोग 2011-12 से बना के छोड़ देते आ रहे हैं, जिनमें 95% आज तक धेले का बिज़नेस नहीं कर पाई अर्थात फ़ैल-सुसुप्त पड़ी हुई थी| अब अडानी-अम्बानी की नैया पार लगाने को फंडियों की सरकार ने यह बाईपास का रास्ता निकाला है| यह FPC वाले वही ग्रुप्स हैं, जिनके 50-60 मालिकों को सरकार ने दिसंबर महीने में हरयाणा के किसान बता के बिलों के समर्थन में बताया था, टीवियों पे कृषि मंत्री को बिलों पे समर्थन देते दिखाया था| FPC अच्छी चीज हो सकती हैं परन्तु इस बार यह गलत उद्देश्य साधने हेतु सरकार द्वारा इस बिचौलिया किरदार में उतारी जा रही हैं|
वैसे तो किसान स्वत: ही बहुत जागरूक हो रखा है और जो किसान खड़ी फसल को जलाने या खड़ी फसल में आग लगाने तक को तैयार है; वह MSP पर मंडियों में ही बेचेगा या अपने घर रोक लेगा| फिर भी किसान और ज्यादा सतर्क रहे, उसके लिए यह जानकारी दी जा रही है|
सावधान: वैसे तो किसान नेताओं की इंटेलिजेंस इतनी मजबूत है आज के दिन कि उनको हाथों-हाथ यह खबर पहुँच चुकी होगी; फिर भी हर सम्भव किसान व् किसान नेता तक इसको पहुंचाने हेतु आपका धन्यवाद होवे| इससे किसान नेता और ज्यादा बेहतर स्ट्रेटेजी बनाने व् सुझाने में प्रसस्त होवेंगे|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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