Friday, 18 June 2021

जब चौधरी चरण सिंह को 10 मिनट भाषण देते देख ही कहा दिया कि यह लड़का एक दिन भारत का प्रीमियर (प्रधानमंत्री) बनेगा: दीनबन्धु सर चौधरी छोटूराम

 जब चौधरी चरण सिंह को 10 मिनट भाषण देते देख ही कहा दिया कि यह लड़का एक दिन भारत का प्रीमियर (प्रधानमंत्री) बनेगा: दीनबन्धु सर चौधरी छोटूराम


सर छोटूराम की बेचारा जमींदार व् ठग बाजार की सैर पुस्तकें पढ़ के बनाए थे चौधरी चरण सिंह ने मंडी कानून व् कर्जा कानून|
बात 1929 की है जब पंजाब के प्रतिष्ठित किसान नेता और जमींदारा पार्टी के संस्थापक दीनबन्धु सर चौधरी छोटूराम लाहौर से आगरा जा रहे थे। मथुरा के निकट से जब वह गुजरे तो वहां एक छोटी सी नुक्कड़ सभा दिखाई दी जिसमे अधिकतर किसान दिखाई दे रहे थे और एक युवा उन्हें सम्बोधित कर रहा था। उन्होंने गाड़ी रुकवा ली और दूर से ही उनका वक्तव्य सुनने लगे। उस समय उनके निजी डॉक्टर नंदराम देशवाल उनके साथ थे।
दस मिनट बाद उन्होंने अपने डॉ नन्दलाल देशवाल को कहा एक दिन यह लड़का भारत का प्रधानमंत्री बनेगा। पर यह जिन लोगों के बीच घिरा हुआ है वो इनको ज्यादा दिन सत्ता में नही रहने देंगे, इसके कन्धे पर पैर रखकर वो लोग बादशाह बनेंगे। अतः इसे अभी से सावधान रहने की जरूरत है।
इसके हर बोल में किसान का दर्द छलकता है पर मुझे एक बात से आपत्ति है यह जमींदारी के नाश का जो प्रण लेता है वह गलत है।
क्योंकि जिन राज्यो में रियासतों के राज है वहां जमींदार क्रूर व सत्ता के दलाल है पर हमारे पंजाब में रियासत नही जनता का राज है यहां जमींदारा वर्ग तो खुद किसान है।
ऐसे में हम इन छोटे छोटे जमींदारों अर्थात किसानों के नाश की कामना नहीं कर सकते। उन्हें बताये कि यहां जमींदारा उन्मूलन की नहीं साहूकार उन्मूलन की आवश्यकता है।
क्योंकि साहूकार शुरुवात में कर्ज़ तो 100 रुपये देता है पर जब भी किसान उसका ब्याज देने जाता है तो वह 100 के पीछे एक 0 जीरो और लिखकर उसे 1000 कर देता है।
अनपढ़ किसान की सात पीढ़ी तक यह जीरो बढ़कर 100000000 हो जाती है। न कर्ज़ चुकता है ना उसका मूल। अत आप जाए और उन्हें मेरी यह बात बतला देवे।
अब डॉ नन्दराम देशवाल ने यही किया और चौधरी चरण सिंह को सब बात बतला दी और दीनबन्धु द्वारा लिखे गए लेख #बेचारा_जमींदार और #ठगी_के_बाजार_की_सैर वाली किताब सौंपते हुए कहा यह पढ़े और मरते दम तक किसान के हित की बात पर ही अड़े रहना।
अब युवक चरण सिंह सन् 1930 में गोपीनाथ ‘अमन’ के साथ नमक सत्याग्रह में शामिल हो गये और एक बड़े समुदाय का नेतृत्व करते हुये पकड़े गये। यह आपकी प्रथम जेल यात्रा थी जिसमें 6 माह की सजा हुई।
जेल में रहकर आपने सर चौधरी छोटूराम के जाट गजट के उर्दू संस्करण का हिंदी व अंग्रेज़ी में अनुवाद करके “#मंडी_बिल” व “#कर्जा_कानून” नामक पुस्तकें लिखीं। जेल से बाहर आने पर “भारत की गरीबी व उसका निराकरण” नामक बहुचर्चित पुस्तक लिखी। उत्तरप्रदेश में “जमींदारी नाशन कानून” जो लागू हुये, इन्हीं की देन है। जेल से छूटते ही आप प्रथम पंजाब के प्रसिद्ध माल व कृषि मन्त्री चौ० सर छोटूराम के सम्पर्क में आये, जिन्होंने इन पुस्तकों के अध्ययन व चौधरी चरणसिंह जी से विचार मंथन किया । 1. दीनबन्धु सर चौधरी छोटूराम ने अपने मंत्रित्वकाल में #कर्जा_कानून से कर्जा माफी करके 8.32 लाख किसानों को फिर से नया जीवन दिया। 2. #साहूकार_पंजीकरण एक्ट लागू करके नकली डिग्री खत्म की अब साहूकार न जमीन गिरवी रख सकता था न घर व पशु छीन सकता था, 3. #रहन_भूमि_वापसी कानून लागू करके 8 लाख किसानों की 33 लाख एकड़ जमीन साहूकार से छीनकर वापस किसानों को दी थी 4. #कृषि_उत्पादन_एक्ट 1938 कानून किसान जो अपने खेत मे बोता है उसका वह मालिक है उसकी कीमत किसान तय करेगा 5. #मंडी_बिल 1939 मंडी कानून किसान को दूसरी मंडियों के बन्द होने या भाव गिरने के समाचार देकर उसका माल नही लूट सकते। आदि लागू किये थे। 6. #हरिजन_मजदूर एक्ट 1938 लागू करके पहली बार दलित युवाओ को सरकारी नौकरी में मान्यता दी। उससे पहले किसी दलित को सरकारी नौकरी की इजाजत नही थी। 7. #हरिजन_सम्पति एक्ट 1940 लागू करके दलितों को प्रॉपर्टी शिक्षा और आर्थिक पूंजी रखने का अधिकार दिया जिसके लिए दलित 5 हजार साल (मनु स्मृति) के कारण से तरस रहे थे। 8. #अवकाश_एक्ट: 1939 इसके जरिये मजदूरों व कारीगरों को हफ्ते में रविवार को पूरी छुट्टी मिली व सुबह दस से शाम 5 बजे तक 8 घण्टे की नौकरी का समय निर्धारित हुआ।
सर चौधरी छोटूराम ने उन्हें कहा जिस तरह जंगल मे बाघ अकेला राजा होता है उसी तरह भारतवर्ष में यदि संगठित हो तो किसान अकेला राजा होगा। यह संयुक्त पंजाब में हमने सिद्ध कर दिखाया है।
जहां #धर्म (हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई बिश्नोई आर्य समाजी #क्षेत्र (हरियाणा पंजाब हिमाचल) #भाषा (हरियाणवी पंजाबी उर्दू पख्तून पहाड़ी) से इतर हर किसान एक झंडे तले एकजुट खड़ा है। अतः आप किसान के अधिकार की वकालत करे। सर चौधरी छोटूराम ने आगे कहा हम #किसान के बालक है सदियों से #पगड़ी हमारे सिर पर हमारी इज्जत व वैभव बनकर सज रही है। हम हिन्दू है सिख या मुस्लिम पर हमारी पगड़ी हमारे लिए जान से अधिक महत्व रखती है। नोट: अफसोस है कि इन्ही किसान व मजदूर हितैषी कानूनों को वर्तमान #मोदी मन्त्रिमण्डल ने रदद् करके दुबारा सन 1936 के कानून लागू कर दिए जो अंग्रेज़ो ने अपने एजेंट साहूकारों के लिए बनवाये थे।
हम नपुंसक की तरह ताली बजाने को मजबूर है क्योंकि जिस कौम का एक #खसम नही रहता उसके 70 खसम अपने आप बन जाते है। जैसे आज हमारी हालात है।
सॉर्स: #जाट_गजट_पत्रिका लेखक: चौधरी रणधीर देशवाल #जिला_रोहतक_हरियाणा (संयुक्त #पंजाब)

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