Tuesday, 15 June 2021

"बिना हिसाब व् जवाबदेही के दान देना, करप्शन की सबसे बड़ी जड़ होती है"!

यही वजह है कि "दादा खेड़ा वेलफेयर ट्रस्ट - निडाना, जिला जिंद (यह जिंद है जींद नहीं; "जिंद ले गया दिल का जानी" वाले गाने वाला जिंद; जिंद का अर्थ होता है जान) के तहत चलने वाली "दादा खेड़ा लाइब्रेरी - निडाना" हर तिमाही इसमें आए दान-चंदे की एक-एक पाई की रिपोर्ट इसके शुरू किये जाने के दिन से पब्लिक करती आई है| कोरोना काल के चलते अभी लाइब्रेरी बंद चल रही है, अन्यथा कोरोना से पहले तक व् दोबारा खुलने के बाद भी यह विधान लाइब्रेरी धुर दिन तक निभाएगी| और हमें गर्व है कि इस सिस्टम के तहत चलने वाले विरले ही सिस्टम होंगे समाज में, जिसमें कि एक हमारी टीम ने मेरे पैतृक गाम में स्थापित किया हुआ है मार्च 2018 से | 


इसलिए धर्म करो या समाज सेवा; अपनों की कमाई अपने हाथों से पूरी जवाबदेही से जहाँ-जिनसे जिन उम्मीदों-अपेक्षाओं के साथ लगा-लगवा सको सिर्फ वहीँ दान दो| अन्यथा बिना नियंत्रण व् बिना निगरानी का दान घपले-घोटालों व् करप्शन की जड़ बनता है चाहे वह कितने ही बड़े धर्म-भगवान के नाम पर उगाहा-उठवाया गया हो| पैसे के मामले में जवाबदेही से बड़ा दूसरा कोई धर्म नहीं| विचारणीय है कि ऐसे लोग भगवान के नाम पे लिया डकारने से नहीं हिचकते; तो तुम, तुम्हारी अपेक्षा या तुम्हारी काण (शर्म) लागी उनकी छोटी साली| देख रहे हो ना 2 करोड़ की जमीन 16.5 करोड़ में खरीदी तो 14.5 करोड़ किधर गए होंगे? तुम्हारी चुप्पी, सूखी भावनाओं या मायावी भय-लालचों में आ के किये दान; इन लोगों को इतना ताकतवर भी बना देती है कि तुम सिर्फ आलोचना करने मात्र के पात्र रह जाते हो; इनका इलाज रत्ती भी नहीं  कर सकते; क्योंकि सर पे भी तुम ही धरते हो रिफल के| और फिर उम्मीद यह भी कि हमें करप्शन रहित छूत-अछूत रहित समाज व् सिस्टम भी चाहिए| बिल्कुल मिलेगा ऐसा समाज व् सिस्टम परन्तु अगर उतनी ही ललक से करप्शन व् छूत-अछूत रहित सिस्टम्स खड़े करोगे या उनका हिस्सा बनोगे| 


दूर रहो ऐसे लोगों व् सोच से जो यह कह के दान लेते या करवाते हैं कि, "दान का हिसाब नहीं होता"| ऐसे लोगों को बढ़ावा देना कभी भी आपको करप्शन व् छुआ-छूत रहित समाज व् सिस्टम नहीं बनाने देगा| 


जय यौद्धेय! - फूल मलिक 

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