Sunday, 24 October 2021

अब फंडी की नजर जमीन बाबत जमींदारों की लड़ाई लगवाने की भी है दलित-ओबीसी के साथ, कितने तैयार हो इससे बचने हेतु!

जिन जमींदारों ने अकबर के जमाने से तो कनफर्म्ड टैक्स दे-दे जमीनें बनाई, अब फंडी की नजर इसी जमीन बाबत उनकी लड़ाई लगवाने की है दलित-ओबीसी के साथ; क्या तैयार हो थम इससे निबटने के लिए?
फंडी भी वह जिसको तुम दान-चंदा दे के सर पर धरते हो व् जो कभी भी तुम्हारी तरह, तुम्हारे पुरखों की तरह हाड़तोड़ मेहनत करके जमीन-संसाधन नहीं जुटाता| उसका अगला टारगेट तुम्हारे दलित-ओबीसी से तुम्हारी टैक्सो, मालदरखासों के भरने के जरिए सदियों से कमाई जमीनों पर यह झगड़े लगाने की कवायद तैयार कर रहा है कि उनको बिना किसी ऐतिहासिक टैक्स रिकॉर्ड मेंटेनेंस के जमीनों की मलकियत चाहिए हो|
सनद रहे, यह फैक्ट्रियों, दुकानों, शॉपिंग-माल्स में दलित-ओबीसी की मलकियत का मुद्दा नहीं उठवाने जा रहा और ना ही धर्मस्थलों की आय-सम्पत्ति में हिस्सेदारी हेतु आवाज उठवाने जा रहा; परन्तु तुम्हारी जमीनों बारे उठवाने की शुरुवात जल्द कर रहा है|
क्या तैयार हो तुम, दलित-ओबीसी को इस मुद्दे पर इनके बहकावे में नहीं आने दे, दलित-ओबीसी को बल्कि धर्मस्थलों व् फैक्टरियों की प्रॉपर्टीज व् आमदनी में हिस्सा दिलवाने का उलटवार करने को?
अगर नहीं तो अपने तरकस कस लो वक्त रहते|
जय यौधेय! - फूल मलिक

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