माइथोलॉजी के अनुसार जब ब्रह्मा-विष्णु से सृष्टि सम्भलनी बस से बाहर की हो जाती है तो शिवजी उतरते हैं मैदान में| और पिछले दस महीने से किसान (तुम्हारे ही अनुसार शिवजी की जटाओं से निकले हुए) रुपी शिवजी तीसरी आँख खोले तुम्हें चेता रहा है, तुम्हें समझा रहा है| समझ जाओ, क्यों तांडव करवाओ हो|
अपनी कमजोरी समझो, तुम चीजों को आर्डर में रखने की कैपेसिटी नहीं रखते; यह कैपेसिटी शिवजी की है; तुम्हारे अनुसार उसकी जटाओं से जन्मों की है; और उनकी सुन लो| जिसका काम उसको साजे, के तहत पीछे हटो और शिवजियों को देश को आर्डर में करने दो| खामखा जिद्द पे अड़े हो कि नहीं आर्डर में भी हम ही रखेंगे; अरे भाई जब जन्मजात तुम में यह गुण है ही नहीं तो क्यों देश का रायता सा फैला रखा है?
विशेष: यह पोस्ट सिर्फ अंधभक्तों को उन्हीं की भाषा में समझाने हेतु है; बाकी सामान्य लोग तो पहले से ही समझे हुए हैं|
जय यौधेय! - फूल मलिक
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