Monday, 2 January 2023

Jat Customary Law in United Punjab in 1872

 जाटों का अलग अपना सिस्टम था। जाटों के रिवाज ही उसका कानून और संविधान थे, जिसके तहत उसकी कबीलदारी चलती थी। हमारी खाप इसका उदाहरण हैं, जिन्हें धीरे धीरे समाप्त कर सिर्फ नाम नाम की खाप छोड़ दी। ब्रिटिश हुकूमत ने भी माना कि जाटों की अपनी शासन प्रणाली है, जो उसके रिवाजों के आधार पर है न कि किसी धार्मिक आधार पर। The Punjab Past And Present, Vol-XI, Part I-II, Page no. 257 पर लिखा है कि - 


वास्तव में, 'पंजाब लॉ एक्ट, 1872,' 24 और 25 विक्ट..सी. 67, इंपीरियल पार्लियामेंट द्वारा अधिनियमित, महारानी विक्टोरिया के शासनकाल के 24वें और 25वें वर्ष में, इसकी धारा 5 द्वारा, विशेष रूप से मान्यता दी गई है कि पंजाब के जाट अपने विशिष्ट रीति-रिवाजों द्वारा शासित होते हैं - न कि किसी व्यक्तिगत या धार्मिक कानून, जैसे हिंदू कानून द्वारा। पंजाब में बाद के न्यायिक फैसलों ने दोहराया है कि कस्टम (रिवाज) पंजाब में फैसलों का पहला नियम है। मूल रूप से जाट पक्ष होने पर न तो हिंदू कानून और न ही मुस्लिम कानून लागू होता था। इस प्रकार सीथियन (जाट) न केवल अपने मवेशियों और घोड़ों के झुंडों को पंजाब क्षेत्र में लाया, बल्कि वह अपने अजीबोगरीब और प्राचीन रीति-रिवाजों को भी लाया, जिसने दूसरों को सम्मान और मान्यता देने के लिए मजबूर किया।


-राकेश सिंह सांगवान




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