कर्नाटक में लिंगायत ठीक वैसे ही मठ-स्कूल चलाते हैं जैसे हरयाणा में आर्य समाजियों द्वारा मठ, गुरुकुल, डीएवी सीरीज चलित हैं|
कर्नाटक का लिंगायत समुदाय 1990 के बाद वापिस कांग्रेस को लौटा है; वजह जानते हैं?
वजह है वहां पिछले 5 साल में, बीजेपी ने सभी लिंगायत मठ-स्कूल-संस्थाओं में एक तो बीजेपी-आरएसएस के कारिंदे घुसा दिए थे व् दूसरा इन संस्थाओं को कोई भी सरकारी फंड देने से पहले उस फंड से 30% राशि की कटौती की जाती थी| इससे लिंगायत ख़ासा नाराज हुए बीजेपी से व् नतीजा आपके सामने है|
अब हरयाणा में भी यही हुआ है, पिछले ही महीनों में यहाँ भी आर्य-समाज के पुराने कटटर वोटर्स के वोट काट के संघी समर्थित लोग आर्य समाज की तमाम संस्थाओं में घुसा दिए हैं| पिछले कई सालों से इन संस्थाओं के चुनाव नहीं होने दिए हैं व् एडमिनिस्ट्रेशन के जरिये इनके तमाम संसाधनों की लूट मचा रखी है| बाकी तो जो वजहें हैं सो हैं ही जैसे कि किसान-मजदूरों-व्यापारियों की; परन्तु आशा है कि स्थानीय लोगों के दान-जमीन से बने यह मठ-शिक्षण संस्थानों पर कब्जा व् इनसे धन उगाही की संघियों की इस गुंडई पर अब हरयाणा भी लगाम लगाएगा|
जय यौधेय! - फूल मलिक
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