कल की धर्मान्धता में अंधे लोगों की पंचायत से अपने आपको अलग रख के; आपने पाल-खाप की निष्पक्ष छवि व् परिभाषा को बरकरार रखने का जो संदेश दिया है; यह पीढ़ियों-सदियों युगयुगान्तर इतिहास में दर्ज हो गया है| पूर्वाग्रह से ग्रसित भीड़ का जमावड़ा, कभी कोई पंचायत हो ही नहीं सकती व् खाप/पाल पंचायत का तो दूर-दूर तक मतलब ही नहीं| पूर्वाग्रह में सिर्फ कटटरता के म्वादी खड़दू-खाड़े होते हैं; जो जाहिल-गंवार जानवर टाइप मूढ़मति लोग करते हैं|
इनसे दूर रह कर, आपने अपने आपके सभ्य व् सामाजिक होने का जो परिचय दिया है; इसके लिए आपको बारम्बार सलूट है! आपके इन फैसलों की गूँज देशों-विदेशों धरती के हर कोने तक जा रही है| हम आपके बाहर बैठे वंश इसको फैला रहे हैं| आपकी कीर्ति-आभा यूँ ही नभायमान रखी जाएगी; आप ऐसे ही हमारा मार्ग प्रसस्त रखें!
विशेष: पाल व् खाप पर्यायवाची शब्द हैं जो एक ही तरह ही सामाजिक संस्था के है; इनकी umbrella body सर्वधर्म सर्वजातीय सर्वखाप है!
जय यौधेय! - फूल मलिक
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