Tuesday, 16 January 2024

ANCIENT EGYPTIAN RELIGION AND INDIA'S CONSPIRATORIAL HISTORY: INDIAN INTELLECTUALS HAVE WRITTEN WRONG HISTORY

 

तु अभी रह गुज़र में है क़ैद मुक़ाम से गुज़र 

मिस्र व हेजाज़ से गुजर, पारस व शाम से गुज़र (इक़बाल) 

हेजाज़ किसी देश का नाम नहीं है बल्कि हेजाज़ सऊदी अरब के जद्दह, मक्का, मदीना और तायफ के एलाक़ा को कहते है।इसी हेजाज़ से सातवी (7वी) शताब्दी के इस्लाम की तारीख़ वाबिस्तह है। 

भारत मे सब से पहला मंदिर आठवी (8वी) शताब्दी मे बना जिस मे बोध गया का महाबोधी मंदिर (726 AD) है, जो आज नज़र आता है।अशोक के वक्त का वैशाली विरान है केवल "अशोक के लाट" के। अशोक के तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय का खंढर नज़र आता है। 

जो भी पहला हिन्दू मंदिर भारत मे बना जैसे महाराष्ट्रा का अजंता-ऐलोरा (756-773) वह सब आठवीं शताब्दी के आखिर मे बना। उड़ीसा का कोणार्क या भुवनेश्वर का मंदिर जो आज नज़र आता है वह सब 12वी या 13वी शताब्दी मे बना। 

दुनिया का सब से पुराना मंदिर मिस्र में 7000-8000 साल पहले बना जो आज भी मौजूद है।मिस्र का सब से पुराना मंदिर 2000 साल तक बनता रहा, जो नया राजा बनता था वह मंदिर का विस्तार करवाता था। 

ईजिप्ट के राष्ट्रपति जमाल अबदूल नासीर ने जब 1956 मे मिस्र के आसवान मे नील नदी पर दुनिया का सब से बडा डैम बनाने का काम शुरू किया तो बनाते समय यह पता चला के 7,000 से भी पूराना कुछ संरचना (Structure) पानी मे चला जाये गा जिस मे सब से "विशाल संरचना" (huge structure) अबू सिम्बेल का मंदिर (Abu Simbel Temple) भी पानी के नज़र हो जाये गा। 

राष्ट्रपति नासीर ने ग्रीस और मिस्र के इंजीनियर को बोला कर कहा हम हर किमत पर इस मंदिर (Structure) को बचाना चाहते हैं। इंजीनियर लोगो ने इस को वहॉ से किसी दूसरी ऊँची जगह पर स्थानांतरित (relocate at higher place) करने की सलाह दी।

1964-68 मे करोड़ों डॉलर खर्च कर पूरी मंदिर को स्थानांतरित कर दिया गया जो आज भी "विशाल संरचना" के साथ आसवान डैम के करोड़ों विदेशी पर्यटक का मशहूर दार्शनिक जगह है (देखे नीचे पहली तसवीर)।
मुस्लिम मंदिर 20वी सदी मे भी नही तोडा तो मुग़ल कैसे 17वी शताब्दी मे मंदिर तोड़ता? यह सच्चाई शोध का विषय है न की आस्था का।

By: Mohammed Seemab Zaman

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