वही 12 साल हो लिए आज निडाना हाइट्स की वेबसाइट को बने हुए, इस लिंक से विजिट करें साइट पर - www.nidanaheights.com
सूर्यकवि दादा फौजी जाट मैहर सिंह जी की यह रागणी याद आई, जब पीछे मुड़ के देखा कि निडाना हाइट्स की वेबसाइट को बने तो आज 19 अप्रैल 2024 को पूरे बारहा साल हो लिए| वेबसाइट का लिंक व् उस साल मुख्य मीडिया अखबारों व् पत्रिकाओं द्वारा कवर की गई इस वेबसाइट की न्यूज़-स्टोरीज सलंगित कर रहा हूँ| मई-जुलाई 2012 में इसको सबसे पहले मीडिया कवरेज देने वाले, भाई रवि हसीजा (दैनिक जागरण के प्रथम पृष्ठ पर), भाई नरेंद्र कुंडू आज समाज के हरयाणा पेज पर व् मैडम मोनिका गोयल, Samvad Magazine, Department of Public Relations, Govt. of Haryana में स्टोरी पब्लिश करने पर, इनके प्रति gratitude आज भी कायम है; तीनों की कॉपी सलंगित हैं|
19 अप्रैल 2012 से ले 2020 तक वेबसाइट को निरंतर अपडेट करते रहे, परन्तु फिर यूनियनिस्ट मिशन (2015) को खड़ा करने से होते हुए, निडाना में हमारी लाइब्रेरी टीम बनने से लाइब्रेरी (2018) स्थापित करते हुए, उज़मा बैठक (2020) आ गई और सिलसिला शुरू हुआ, पहले से रिसर्च व् पुरख-दर्शन से अर्जित ज्ञान के आधार पर 1600 पन्नों जितनी लिखित सामग्री (PDF टाइप के डाक्यूमेंट्स अलग) लिए निडाना हाइट्स वेबसाइट के तथ्यों को साथ-साथ review व् rectify करने का| हालाँकि review व् rectify का काम एक पुस्तक के रूप में लगभग पूरा भी हुआ पड़ा है, इसके PDF के हिंदी-इंग्लिश वर्जन जारी भी हो चुके हैं परन्तु व्यक्तिगत व् प्रोफेशनल व्यस्तताओं के चलते, इस पुस्तक को पब्लिश करने व् निडाना हाइट्स को इसके हिसाब से अपडेट करने का 2020 के बाद से अवसर ही नहीं लग सका|
पिछले 4 साल से बिना किसी अपडेट के चलते हुए भी वेबसाइट अब एक ऐसी ब्रांड बन चुकी है कि विगत सवा दो सालों में 4 लाख 52 हजार बार गूगल सर्च में लोगों के सामने आई है व् औसतन पहले 10 पेजों में रैंक करती रही है (आंकड़ों का स्क्रीनशॉट सलंगित है)| इन विगत सवा दो सालों में "दादा नगर खेड़ा" "हरयाणवी कल्चर", "haryanvi language words", "100 sentences in haryanvi", "haryanvi words", "dhanana", "malik caste in haryana", "haryanvi language sentences", "dada kheda ka itihas", "haryanvi slangs", "dujana caste", "haryanvi sentences", "खाप" आदि ऐसे कीवर्ड्स हैं जिनपे टॉप सर्च में रहती है, इन कीवर्ड्स का चार्ट भी सलंगित है|
यह वेबसाइट, 12 सालों से आज तक मात्र एक ऐसी वेबसाइट का गौरव लिए चल रही है जो हिंदी, अंग्रेजी के साथ-साथ हरयाणवी वर्जन की बनी वेबसाइट है| आशा है कि जल्द वक्त आएगा जब इसको नए शोध से निकल के आये ज्यादा दुरुस्त तथ्यों के साथ अपडेट किया जाएगा|
जय यौधेय! - फूल मलिक
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