Monday, 8 April 2024

Charisma of 1938's Mortgaged Land Recovery Act in 2024, solved a matter of 125 years old!

86 साल पहले, सन् 1938 में सर छोटूराम ने पंजाब में किसानों के हित के लिए जो कानून बनाए थे, उन कानूनों को संयुक्त पंजाब के इतिहास के सुनहरे कानूनों के रूप में याद किया जाता है। उन चार कानूनों में से एक ”कृषि उत्पाद मंडी अधिनियम - 1938" को बचाने के लिए किसानों ने अभी एक साल तक आंदोलन चलाया ही था। उसी दौरान एक और कानून बनाया थे ”पंजाब बंधक भूमि बहाली अधिनियम - 1938”, जिसकी बुनियाद पर कुरुक्षेत्र जिले के माजरी कला और ठोल के एक किसान परिवार को 125 साल पहले गिरवी रखी गई जमीन वापिस मिली। 


वरिष्ठ आईएएस अधिकारी खेमका ने 1938 में सर छोटूराम द्वारा पेश किए गए एक कानून (पंजाब बंधक भूमि बहाली अधिनियम, 1938) का भी हवाला दिया। खेमका ने कहा, "यह ध्यान में रखना चाहिए कि 1938 का अधिनियम भूमि मालिकों को बंधक भूमि पर कब्ज़ा वापस दिलाने और किसानों को सूदखोरी से राहत प्रदान करने के लिए एक लाभकारी कृषि कानून है।" 


सर छोटू राम द्वारा पेश किए गए कानून के बाद, किसानों को अपनी गिरवी रखी गई भूमि की बहाली के लिए केवल जिला कलेक्टर को एक आवेदन प्रस्तुत करना था। वर्तमान मामले में भी, मूल भूमि मालिक (बीरू) के उत्तराधिकारियों ने अक्टूबर 2018 में कलेक्टर (पेहोवा एसडीएम) के समक्ष भूमि की बहाली के लिए एक याचिका दायर की थी।


News brief by: Rakesh Sangwan




No comments: