हिंदू–मुला –सिख जाटों में शादियां होती थी। यानी कि जाटों में आपसी धार्मिक छुआछूत इतनी नहीं थी!
1870 के बाद ये प्रोपगैंडा जोरों से चलाया गया कि तलवार के बल पर मुस्लिम बनाए गए!
भाटों अनुसार जाटों के नो लाख गोत? यानी कि भाटो को जाटों की कोई ज्यादा जानकारी नहीं थी, नॉर्थ वेस्ट में जट बहुत बड़ा समाज था तो इन्होंने अंदाजे से गप्प पेल दी? और दूसरा ये कि इससे ये भी अंदाजा लगता है कि भाट जाटों के संपर्क में ज्यादा पुराने नहीं हैं।
By: Rakesh Sangwan
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