Wednesday, 13 November 2024

गोधरा क़े हिन्दू पोस्टर बॉय अशोक मोची बारे तो वीडियो देखा ही होगा आपने. आज बलबीर को जान लीजिए!

बाबरी मस्जिद क़े गुम्बद क़े ऊपर खड़ा ये आदमी अपने हरियाणा क़े पानीपत का रहने वाला राजपूत परिवार से बलबीर सिँह था. बलबीर सिँह ही वो शख्स था जो सबसे पहले बाबरी मस्जिद पे चढ़ा और पहला हथोड़ा चलाया मस्जिद तोड़ने क़े लिए..

बलबीर सिँह क़े पिता एक अध्यापक थे, हाथ करघे का काम था परिवार में, पढ़ाई में होशियार था RSS की शाखाओं में जाने लगा. पिता क़े ना करते करते हिन्दू धर्म का ठेका उठा लिया और फिर शिवसेना का हिस्सा हो गया.. अयोध्या पहुंचने वाले पहले जत्थे का नेतृत्व बलबीर सिँह कर रहा था. मस्जिद तोड़कर ही दम लिया और देश में रामराज्य स्थापित कर दिया.( हीरो जैसा स्वागत हुआ पानीपत में.) ( घर आया बाबू ने बोला -कि तू क्या करक़े आया है अंदाजा है..? और कुर्सी पाने वाले कुर्सी पा जाएंगे तुझे क्या मिलेगा.. देश में दंगे होंगे अलग..)
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बलबीर सिँह को कुछ महीने में एहसास हुआ कि बापू ने ठीक कहा था, फायदा उठाने वाले फायदा उठा गए तुझे क्या मिला..? आहिस्ता आहिस्ता आँखें खुली पश्चाताप से भर गया.. आखिर में इसने खुद ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और जिस बलबीर को शिक्षक पिता की तर्ज बढ़कर अफसर बनना था, जिसे परिवार का करघे वाला काम संभालना था वो आजकल मोहम्मद आमिर बनकर हैदराबाद में अपने बच्चों संग जीवन बीता रहा है...
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लोग मंदिर मस्जिद बुते बड़ी बड़ी कुर्सियां पा गए. और अशोक मोची व् बलबीर जैसे युवा धर्म का जिम्मा अपने कंधो पे उठा तलवार और हथोड़ा अपने हाथों में लिए,, यूँ ही देश की गलियों में कहीं गुमनाम हो गए...!

Rajesh Malik




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