ये जो हर टीवी पे यह कहता घूम रहा है कि, "कोई कस्सी से हमला करेगा तो पुलिस क्या करेगी?" कोई इन महाशय से पूछने वाला हो कि "कोई को" कस्सी उठाने की नौबत ही क्यों आई? क्या वह शांत खड़ी या बैठी पुलिस पे कस्सी ले के दौड़ा था? जवाब है नहीं| अपितु पुलिस उसके पीछे इतना हाथ धो के पड़ी कि वह सड़क से खेतों में भी उतर गया तो भी पुलिस ने पीछा नहीं छोड़ा| तो ऐसे में कोई क्या करेगा, उसको आत्मरक्षा में जो हाथ आया उठा लिया|
अपने कल्चर के मूल्यांकन का अधिकार दूसरों को मत लेने दो अर्थात अपने आईडिया, अपनी सभ्यता और अपने कल्चर के खसम बनो, जमाई नहीं!
Monday, 30 August 2021
कोई कस्सी से हमला करेगा तो पुलिस क्या करेगी?:
बसताड़ा टोल प्लाजा, करनाल पर हरयाणा पुलिस के किसानों पर निर्मम एक्शन के इर्दगिर्द घूमते पहलु!
1 - पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की आई टिप्पणी, "जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते में सरकारों से जवाब माँगा है कि 9 महीने लम्बे रोड-जाम क्यों"? - लगता है बसताड़ा टोल के जरिये कोर्ट के लिए जवाब तैयार करने की कोशिश की गई थी कि बर्बर हमला करके, किसानों को हिंसक करवाओ ताकि हिंसक होने का हवाला दे कर सुप्रीम कोर्ट से धरने उठवाने का ग्राउंड तैयार हो सके| परन्तु धन्य हैं किसान जिन्होनें धैर्य दिखाया व् हिंसक नहीं हुए| और उल्टा हरयाणा सरकार को ही आलोचना झेलनी पड़ रही है|
ऐसा कल्चर नार्थ-वेस्ट इंडिया का तो बिल्कुल नहीं हो सकता!
1 - कोई लड़का गाम-गुहांड की नहाती हुई लड़कियों के कपड़े उठा ले जाए, और उस पे भी उसको आदर्श माना जाए; ऐसा कल्चर नार्थ-वेस्ट इंडिया का तो बिल्कुल नहीं हो सकता|
Saturday, 28 August 2021
खाप गणतांत्रिक (republic) सिस्टम है या लोकतान्त्रिक (democracy)?
लेख का निचोड़: खापें लोकतांत्रित प्रणाली आधारित होती हैं गणतांत्रिक नहीं; जैसा कि इनको गणों से लगभग हर इतिहासकार जोड़ के लिखता है|
Friday, 27 August 2021
शामलाती-पंचायती जमीनें पुरखों ने अडानी-अम्बानी को देने के लिए नहीं छोड़ी थी!
अपितु गांव के साझले कामों के लिए छोड़ी थी| अन्यथा इतने ही भूखे व् स्वार्थी होते तो वह पुरखे लाल-डोरे से बिलकुल सटा के खेत काट लेते|
Thursday, 26 August 2021
सुनी है दुनियां में सबसे ज्यादा "अहिंसा" जैन धर्म पालता है!
तो फिर यह गौतम अडानी व् अमित शाह को इसकी शिक्षा नहीं दी गई या यह दोनों जैन धर्म की अवज्ञा कर चुके हैं? सुनी है मोदी भी छुपे रूप से जैनी ही हैं (हिन्दुओं का मूर्ख बनाने को इस मुखौटे में छुपा बैठा बताया अन्यथा चतुर्मास के व्रत भी रखता है; जो जैन समाज का "रोजे" रखने जितना पक्का नियम है)|
किसान से बड़ा कोई वास्तविक योगी-तपस्वी नहीं!
Wednesday, 25 August 2021
किसान आंदोलन को इसके अंजाम तक पहुंचाने हेतु अगली कूटनैतिक डॉज क्या चाहिए होगी?
अगर सामाजिक व् आर्थिक उन्नति चाहिए तो अन्धविश्वास व् अंधश्रद्धा को साइड में रखना ही होगा| जिनको इनको साइड में रखना किसी धर्म के खतरे में आ जाने जैसा लगता हो तो वह "सन 1789 की फ़्रांसिसी क्रांति" व् 15वीं सदी की "यूरोप की ब्लैक प्लेग त्राशदी" पढ़ लें| इन दोनों घटनाओं के बाद भी यहाँ ईसाई धर्म ही है, कहीं कोई धर्म खत्म नहीं हुआ| हाँ, जो खत्म हुआ वह हुआ अन्धविश्वास व् अंधश्रद्धा; जिससे लोग बाहर आये व् सामाजिक व् आर्थिक तौर पर आज़ाद बने|
Sunday, 22 August 2021
सम्मोहन में लपेटी मार्केटिंग व् मिथ्या आध्यात्म, घरों की उधमिता (entrepreneurship) को खा जाते हैं व् जनता को बड़ी ब्रांड्स की मात्र 'कंज़्यूमर-मार्किट' बना छोड़ते हैं!
निचौड़: उधमिता सिर्फ आपको इकॉनमी नहीं अपितु कल्चर भी बचा कर देती है| अकेले मर्दों के ताश नाश ना कर रहे, लुगाई भी बराबर की आहुति डाल रही हैं| वह कैसे, नीचे पढ़ते चलिए:
Friday, 20 August 2021
पैसे व् पॉवर से बड़ी होती है unity - किसान आंदोलन ने उदाहरणों समेत इसको साबित करना शुरू कर दिया है!
इसका सबसे बड़ा उदाहरण पंजाब में सेट हुआ है|
Wednesday, 18 August 2021
बाबा गुलाम मोहम्मद जौला साहब बोले व् बुलवाये : "हर-हर महादेव, अल्लाह हू अकबर"!
एक तरीका अंधभक्तों का है जो डंडा दे के भी लोगों से "जय श्री राम" बुलवाने को निताने हुए रहते हैं और एक तरीका उदारवादी जमींदारों के प्यार-मोहब्बत का है कि मुसलमान "हर-हर महादेव" बोलता है तो हिन्दू "अल्लाह-हू-अकबर"| यह वीडियो मारो उनके मुंह पर जो कहते हैं कि मुस्लिमों से यह बुलवा के दिखा दो, वह बुलवा के दिखा दो व् खामखा भड़का के आपके अंदर मुस्लिमों पे प्रति जहर भरते हैं व् दूसरी तरफ आपके ही धर्म में आपके प्रति 35 बिरादरियों को भड़का के रखते हैं| पुरखों की लाइन पर चलो, उससे सर्वोत्तम कोई मार्ग नहीं|