Monday 30 August 2021

बसताड़ा टोल प्लाजा, करनाल पर हरयाणा पुलिस के किसानों पर निर्मम एक्शन के इर्दगिर्द घूमते पहलु!

1 - पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की आई टिप्पणी, "जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते में सरकारों से जवाब माँगा है कि 9 महीने लम्बे रोड-जाम क्यों"? - लगता है बसताड़ा टोल के जरिये कोर्ट के लिए जवाब तैयार करने की कोशिश की गई थी कि बर्बर हमला करके, किसानों को हिंसक करवाओ ताकि हिंसक होने का हवाला दे कर सुप्रीम कोर्ट से धरने उठवाने का ग्राउंड तैयार हो सके| परन्तु धन्य हैं किसान जिन्होनें धैर्य दिखाया व् हिंसक नहीं हुए| और उल्टा हरयाणा सरकार को ही आलोचना झेलनी पड़ रही है|


2 - हरयाणा सरकार ऐसी कृत्रिम हिंसाएं घड़ के राज्य में पंचायत व् जिला परिषदों के चुनावों को और आगे टहलाना चाहती हो|

3 - 5 सितंबर को होने वाली मुज़फ्फरनगर किसान महापचांयत को बिगाड़ने हेतु खापों में लड़ाई लगवाने की कोशिश फ़ैल होने के बाद यह बौखलाए व् कुछ नहीं सूझा तो इनको लगा होगा कि हिंसा करवा दो, शायद कुछ इनके मनमुताबिक हाथ लग जाए| परन्तु इसमें भी कुछ नहीं मिला|

4 - जैसा कि बसताड़ा काण्ड के बाद खट्टर व् दुष्यंत दोनों पंजाब के आग्गुओं को घेर रहे हैं तो यह पंजाब किसान यूनिट्स को प्रेशर में लेना चाहते हों या हरयाणा की किसान यूनियनों में बहम डाल उनको पंजाब यूनिट्स से लड़वाना चाहते हो| यह प्लान सीधा अमितशाह का है, जिसको एग्जिक्यूट करने की यह कोशिश हुई है| क्योंकि हरयाणा का भी एक आधा किसान नेता अभी भी अमितसाह वाली भाषा बोल रहा है|

5 - टीवी-मीडिया के जरिए, किसानों के खिलाफ कृत्रिम हिंसा के सबूत घड़ना व् उनको सुप्रीम कोर्ट में रखने की मंशा होना - जैसे कि दुष्यंत चौटाला का बार-बार हर टीवी चैनल पर यह कहते हुए घूम जाना कि, "कोई कस्सी से हमला करेगा तो पुलिस क्या करेगी?" जबकि इसमें वह इस बात को दरकिनार कर रहे हैं कि किसान को कस्सी उठाने की नौबत क्यों आई? उस पूरे इंसिडेंट में पुलिस उस किसान के बिल्कुल इस हद तक हाथ धो के पीछे पड़ी कि वह सड़क से खेतों तक में उतर गया, फिर भी पुलिस उसके पीछे लगी रही तो और इससे क्या करता वो? इसका मतलब पुलिस चाह रही थी कि कोई तो उनपे जवाबी हमला करे तो उस किसान को आत्मरक्षा हेतु जो मिला वो उठाना पड़ा|

खैर जो भी हो, धन्य हैं किसान व् किसान आग्गु जो इतना धैर्य धारे चल रहे हैं कि फंडियों की इतनी बर्बरता के बाद भी अहिंसा की लाइन से विचलित नहीं हुए व् इस बार भी इनका यह पैंतरा दोगुनी आत्मशक्ति के पलटवार से इनके मुंह पे ही दे मारा|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

No comments: