Friday 6 August 2021

फंडी कैसे समाज में polarisation व् manipulation का गेम खेलते हैं, उसकी इस धाती से समझिए!

समझिए व् यह अंकुर जहाँ फूटता दिखे उसको वहीँ दबोचिए!

मीडिया द्वारा ऐसे शरारतपूर्ण टाइटल वाले कार्यक्रमों से हर प्रकार के नेता को दूर रहना चाहिए| यह घोर सनकी इसी तरीके से समाज में polarisation व् manipulation का खेल खेलते हैं| कृपया हो सके तो यह संदेश हर किसान नेता तक पहुँचावें व् ऐसे कार्यक्रमों का भहिष्कार करवावें|

इस तरह के टाइटल्स रख के, यह लोग पूरे 1 घंटे के प्रोग्राम में 70 बार जाट-जाट चिल्लायेंगे व् नॉन-जाट पब्लिक को जता देंगे कि यह किसान आंदोलन भी सिर्फ जाटों का है व् बीजेपी की खाट भी सिर्फ जाट खड़ी करेंगे| व् इन्हीं प्रोग्राम्स में जो भी जाट नेता चला जाएगा, उसको दिखा-दिखा फंडी ओबीसी व् दलित्स में यह प्रचारित करेंगे देखो इधर हम राष्ट्रभक्ति की बात करते हैं व् यह जाट-जाट चिल्लाए जाते हैं|

यह ऐसे टाइटल्स से प्रोग्राम ब्राह्मण, बणिया, राजपूत, अरोड़ा, खत्री या किसी अन्य जाति के नाम से क्यों नहीं करते कभी? टाइटल्स मैं सुझा देता हूँ जैसे कि, "अरोड़ा, बनेगा बीजेपी की राह का रोड़ा", "बणिया, केजरी को सपोर्ट दे, बीजेपी से कटवाएगा धनिया" या "ब्राह्मण, सबका बिगाड़ देगा सामण" आदि-आदि|

विशेष: लेखक हर जाति, हर वर्ग से प्यार करता है| परन्तु समाज में असली जातिवाद व् वर्णवाद के बीज बोने वाले मीडिया व् इन मीडिया के सलाहकार फंडियों को आईना दिखाना चाहता है कि यह हरकतें कल को तुम्हारे समाजों के टाइटल्स के साथ होने लगी तो सहन तो कर लोगे ना; या कहीं फिर आ जाओ जातिवाद-जातिवाद चिंघाड़ते?

जय यौद्धेय! - फूल मलिक


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