Sunday 8 August 2021

"पबनावा" रोड समाज के बड़े गामों में से एक गाम; जिसके ऐतिहासिक शोध से पता चलता है कि रोड समाज हरयाणा में औरंगजेब के जमाने से भी पहले वक्तों से बसता है!

"पबनावा" रोड समाज के बड़े गामों में से एक गाम; जिसके ऐतिहासिक शोध से पता चलता है कि रोड समाज हरयाणा में औरंगजेब के जमाने से भी पहले वक्तों से बसता है व् मराठा नहीं अपितु जाट समाज की तरह ही एक उन्मुक्त समाज है इस शोध से इसके व्यापक प्रमाण मिलते हैं:

देश के गौरव जीवेलिन थ्रो में ओलिंपिक गोल्ड लाने वाले नीरज चौपड़ा की इस आल्हादित करने देने वाली उपलब्धि के साथ ही रोड बिरादरी की आइडेंटिटी बारे भी सोशल मीडिया पर अलग-अलग पोस्टें देखी तो मुझे हरयाणा के विख्यात आर्कियोलॉजिस्ट व् फोटो एक्सपर्ट सर रणबीर सिंह फौगाट द्वारा किये व् निडाना हाइट्स वेबसाइट पर 2013 में ऑनलाइन पब्लिश किये गए इस आर्टिकल (http://www.nidanaheights.com/scv-hn-pabnava.html) का हवाला याद हो आया तो पब्लिक से साझा करने की सूझी|
इस आर्टिकल को गाम पबनावा के लोगों के बताए तथ्यों के आधार पर लिखा गया था, जो कि कुछ भ्रांतियों को स्पष्ट करता है:
1) रोड समाज, जाट समाज की भांति उन्मुक्त स्वभाव व् छवि का समाज है जो चतुर्वर्णीय व्यवस्था से अपने को जोड़ने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेता|
2) रोड समाज, यहाँ औरंगजेब के जमाने से भी पहले से बसता है (लिंक पर जा कर लेख के अंतिम भाग में पढ़ें), जो इस भ्रान्ति को दरकिनार करता नजर आता है कि रोड, पानीपत की तीसरी लड़ाई में हार के बाद, यहाँ रह गए मराठे या पेशवा हैं|
3) हरयाणा में आरक्षण की बात हो या सेण्टर में, रोड समाज को जाट समाज की श्रेणी में रखा जाता है, जिस श्रेणी में कि अन्य जैसे त्यागी, बिश्नोई, जट्ट सभी चतुर्वर्णीय व्यवस्था से खुद को तटस्थ रखते हैं|
अन्य भी सर्वसमाज का आदर है व् इस सर्वसमाज आदर की बात को सर्वोपरि रखते हुए यह बात जरूर कहनी चाहिए कि जो नीरज भाई का मैडल आने के बाद, इस समाज से अपनी नजदीकी दिखा रहे हैं; उन्हें स्मरण रखना चाहिए कि चाहे मिलके लड़ी आरक्षण की लड़ाई हो या अभी चल रहे किसान आंदोलन में अग्रणी समाजों के आपसी-सहयोग की बात हो या कृषक समाजो में सबसे ज्यादा समानता; जाट व् रोड समाज एक दूसरे के सबसे नजदीक बैठते हैं|
बाकी एनालिसिस पाठक खुद कर लें|
खैर, हरयाणा से व्यक्तिगत स्पर्धा में भाई नीरज चोपड़ा समेत भाई रवि दहिया व् भाई बजरंग पुनिया, तीनों को खासतौर से व् समस्त ओलिंपिक विजेताओं को बार-बार
बधाई
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जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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