Friday 19 August 2022

भाभियों को बहन कहना व् देवर-जेठों को भाई साहब कहना; अति-मर्दवादी समाजों का कल्चर है हमारा नहीं!

ऐसे मर्दवादी समाज, जो माँ की हॉनर किलिंग करने वाले को भी भगवान मानते हैं; यह उन समाजों का कल्चर है| हॉनर किलिंग करने वाला जहाँ भगवान हो, वहां औरत कितनी दबा के रखी जाती है, इसी से अंदाजा लगा लो| 


यह लोग बेहद वासनाकृत लोग हैं, इनके यहाँ सगी बेटियों को देख संखलित हो जाने वाले उदाहरण होते हैं; इनके चलते इनकी औरतें बहुत शर्म व् डर महसूस करती यहीं| और उनमें इनके प्रति कुंठा भर जाती है| 


यह कुंठा फूट के कहीं बाहर ना निकल पड़े; इसलिए देवर-जेठ को "भाई साहब" बोल के उस कुंठा को कुछ हद तक शांत रखवाने के चोंचले हैं यह इन अति-मर्दवादी समाजों के| 


जाटों में, देवर-जेठ मतलब देवर-जेठ व् भाई-बहन मतलब भाई-बहन| 


हमारे यहाँ ना तो हॉनर किलिंग करने वाले को भगवान बनाते, ना बेटियों को देख संखलित होने वालों को व् ना ही अपनी बहन को अपनी बुआ के लड़के के साथ भगाने वाले को| कोई ऐसा हो भी जाता है हमारे समाजों में तो उसको या तो समाज से निष्काषित करते हैं या उसके हाल पे छोड़ देते हैं| 


कोई मेल ही नहीं है जी सोच से ले अचार-व्यवहार किसी का भी| 


जय यौधेय! - फूल मलिक 

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