Tuesday, 27 May 2025

कोथ मसले में शुक्राई नाथ के पीछे हटने के पीछे की असल वजह!

कोथ मसले में छुपे रूप से घुसाया गया फंडी विचारधारा से आने वाले महंत शुक्राई नाथ का भाग खड़ा होना कहो या अपनी जिद्द रुपी हथियार को डाल देना कहो (भले महामंडलेश्वर बाळकनाथ समझौते की जितनी मानवकारी वजहें बताते रहें वीडियो पे आ कर मीडिया के आगे); परन्तु असली वजह जो निकल कर आई, वह जाट व् इसके मित्र समाजों के लिए एक बहुत सीरियस संदेश भी है व् आत्मबल को बढ़ा के सही दिशा में सरजोड़ कर धर्म के नाम पर जमीन-जायदाद के लालचियों से अपनी नस्लों की वैचारिक बाड़ करने का आत्मविश्वास भी देती है| 


जैसा कि सभी को पता ही है, गाम कोथ-कलां 'दादा काळा पीर' की गद्दी 'गुरु गोरखनाथ' फिलोसॉफी की गद्दी है; जो ना ही तो मूर्ती-पूजा करते हैं व् ना ही वर्णव्यवस्था को मानते होते| ऐसे में इनमें यह वर्णवादी व्यवस्था वाला लोभ-लालच क्यों समा जाता है इसकी असली वजह कल पता लगी; जब इस मसले में तह तक जुड़े कुछ लोगों से फ़ोन पर बात की| 


सबसे पहले तो इस मसले में शुक्राई नाथ द्वारा अपने हाथ वापिस खींच इस गद्दी को छोड़ देने की वजह जानें| वजह रही इस गद्दी के आसपास के वर्णवादी विचार वाले मूर्तिपूजा आधारित धर्मकेंद्रों में इस मसले के जरूरत से ज्यादा लम्बा होते जाना व् बढ़ता चले जाने से पनपा संशय व् भय| खासतौर से भनभौरी वालों को भय सताने लग गया था कि तीन महीने हो गए ना जाट काबू आ रहे, ना दब रहे व् ना ही जाट मान रहे; जबकि इस मसले से जुड़े दोनों तरफ के काफी लोगों को साम-दाम-दंड-भेद के जरिए तोड़ने-डराने आदि की तमाम कोशिशें की जा चुकी हैं व् सभी नाकाम हो रही हैं| ऐसे में इनको भय सताने लगा कि कहीं कोई अनहोनी हो गई व् जाटों ने यहाँ से शुक्राईनाथ को खदेड़ने की मुहीम छेड़ दी तो नंबर कल को तुम्हारा भी लगेगा| व् ऐसे ही कोथ के इर्दगिर्द जितने भी इस तरह के प्रमुख धर्मकेंद्रों वाले बैठे हैं; सभी में यह मंत्रणा व् संशय गया| सबसे ज्यादा चिंता इनको यह सता रही थी कि अगर एक बार जाट समाज उग्र हो गया तो फिर सर्वसमाज के औरतों-बच्चों में तुम्हारा जो भी भय कहो या प्रभाव वह सब खत्म होते देर नहीं लगेगी व् जाटू विचारधारा बढ़ निकलेगी|  


और निर्धारित हुआ कि तुम चले तो थे इस मठ की आड़ में 'गोरखनाथियों को हथियार व् ढाल बना' अपना एजेंडा लागू करने कि अगर कोथ वाला कामयाब होता है तो फिर हम वर्णवादी भी तैयारी बैठाएंगे भनभौरी आदि की जमीनें अपने नाम करने के लिए; परन्तु फ़िलहाल के लिए तो लगता है काँप गए यह सभी| 


तो फिर तय हुआ कि अपनी इज्जत बचाने को खुद ही उलटे भी हटो व् मीडिया को बुला के यह स्क्रिप्ट पढ़ दो कि हमने किसी पंचायत या किसी सामाजिक समूह आदि ने नहीं, बल्कि अपनी स्वचेतना से यह फैसला लिया है| 


बहुत दिनों बाद उस कहावत को आंशिक रूप से साबित होते हुए देखा जिसमें कहा गया है कि, "जाट, रोटी भी खुवावेगा तो गळ म्ह ज्योड़ा (रस्सा) गेर कैं"| निसंदेह इस मानसिक जीत के बाद, और भी कहीं जहाँ ऐसी कोशिशें हो रही होंगी, वह कुंध भी पड़ेंगी व् समाज की वैचारिक स्वछंदता कायम रह सकेगी| ऐसे किस्से विश्वास जगाते हैं कि समाज थोड़ा सा भी सरजोड़ करके अपनी कटिबद्धता दिखा दे तो फंडी-फलहरी इतने भर से ठिठक जाते हैं| 


जय हो कोथ वालों की, कोथ के बारह तपे व् खाप की!

Thursday, 24 April 2025

'धर्म पूछा, जाति नहीं" की बकवाद काटने वाले जवाब देवें!

मैं इसकी निंदा करता हूं कि अगर पहलगाम, कश्मीर में वाकई धर्म पूछकर गोली मारी गई हैं तो; परन्तु यह सत्य नहीं क्योंकि तीन मुस्लिम भी इस हमले में मारे गए हैं; फिर भी इस मुद्दे को "धर्म पूछने" का मुद्दा बना के "जाति नहीं पूछी" की बकवाद फैलाने वाले जरा इस बात की भी घोर निंदा करते हुए, इसको खत्म करने की तरफ कोई एक्शन लेंगे/लिवाएँगे कि :-


1. जहां जाति पूछ कर गोली मार दी जाति हैं।

2. जाति पूछकर ही बारात पीट दी जाति हैं।

3. जाति पूछकर ही रैप कर दिया जाता है।

4. जाति पूछकर ही सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाता है। 

5. जाति पूछकर ही दाखिले किए जाते है।

6. जाति पूछकर ही इंटरव्यू में बाहर कर दिए जाते है। 

7. जाति पूछकर ही खटिया पर बैठने दिया जाता है।

8. जाति पूछकर ही घोड़ी से उतारकर मार दिया जाता है। 

9. जाति पूछकर ही अन्याय किया जाता है।

10. जाति पूछकर ही न्याय किया जाता है।

11. जाति पूछकर ही प्रमोशन ओर डिमोशन होते है।

12. जाति पूछकर ही पुलिस स्टेशनों में धाराएं बढ़ा दी जाती है।

13. जाति पूछकर ही राजनीति चमकाई जाती है।

14. जातीय शोषण पूछकर ही जहां बयान दिए जाते हैं।

15. जाति पूछकर ही न्यायालय में फैसले पलट दिए जाते हैं।

16. जाति पूछकर ही पड़ोस में मकान नहीं खरीदने दिए जाते हैं।

17. जाति पूछते ही तय हो जाता है उसे जानवर समझें या इंसान।

18. जाति पूछकर ही पानी पिलाएं या नहीं।

19. जाति पूछकर ही मंदिर में आने दे या नहीं।

20. जाति देखकर ही मीडिया तय करती हैं मुद्दा उठाएं या दबाएं 

21. जाति पूछकर ही मकान तुड़वा दिए जाते है।

22. जाति पूछकर ही जमीनों पर कब्जे कर लिए जाते हैं।

23. जाति पूछकर ही नक्सली घोषित कर मरवा दिए जाते हैं 

24. जाति पूछकर ही वोट लिए जाते है दिए जाते है।

25. यहां तक कि मर जाने के बाद भी जाति पूछकर अंतिम संस्कार नहीं होने दिए जाते हैं।


और इनमें से आधे से ज्यादा पॉइंट्स तो लीगल सिस्टम में हो रहे हैं, ना कि समाज की गलियों में| और नहीं तो लीगल सिस्टम से इसको बाहर करना तो तुम्हारे हाथ की बात है; क्या करोगे ऐसा? अगर नहीं तो बंद करो अपना यह ड्रामा! 


इस विषय पर सुनिए दादा ओमप्रकाश जी धनखड़, प्रधान धनखड़ खाप व् प्रवक्ता सर्वखाप का संदेश:




Sunday, 13 April 2025

पहले अर्थ पीटना था,ताड़ना अब शिक्षा हो गई!

 शब्दों का षड्यंत्र: इतिहास की सबसे बड़ी साजिश?


मनुवादी ग्रंथों की परीक्षा हो गई

पहले अर्थ पीटना था,ताड़ना अब शिक्षा हो गई


गोरखपुर के छापा खाने के पोद्दार की फट गई हैं

अम्बेडकर वादियों के ज्ञान से नाक कट गई है



आजकल रामचरितमानस को लेकर विवाद गर्माया हुआ है—विशेष रूप से एक शब्द: “ताड़ना”।

1953 में गीता प्रेस, गोरखपुर के अनुवादक हनुमान प्रसाद पोद्दार ने “ढोल, गँवार, शूद्र, पशु, नारी सकल ताड़ना के अधिकारी” में ‘ताड़ना’ का अर्थ दंड (punishment) बताया था—और यह आप खुद उस संस्करण में देख सकते हैं।


मगर हाल के वर्षों में उसी शब्द का अर्थ बदलकर शिक्षा (discipline/learning) कर दिया गया है।


सोचिए—

* अनुवादक वही

* प्रकाशन वही

* किताब वही


फिर अर्थ क्यों बदला गया?

क्या ये सामान्य गलती है या सुनियोजित षड्यंत्र?


“शब्दों का अर्थ बदल देना इतिहास बदल देने जैसा होता है।”


भारत में सदियों से शूद्रों और स्त्रियों को ग्रंथ पढ़ने का अधिकार नहीं था।

जब पढ़ने का अधिकार नहीं था, तो सवाल उठता है—धार्मिक ग्रंथ किसने लिखे? किसने अर्थ निर्धारित किए?

बिल्कुल—ब्राह्मणों ने। और वही आज इन शब्दों के अर्थों को अपने हिसाब से पलटते हैं।


इतिहास गवाह है—

* सम्राट अशोक के शिलालेखों को भी सदियों तक भीम की गदा बताया गया।

* जब 1837 में जेम्स प्रिंसेप ने उसे पढ़ा, तब असली इतिहास सामने आया कि अशोक बौद्ध सम्राट थे।

* उन्होंने ‘देवानं पिय’ लिखा था, जिसका अर्थ ‘देवों का प्रिय’ बताया गया।

लेकिन जब ब्राह्मणवादियों ने इसे अपनी डिक्शनरी में दर्ज किया—तो अर्थ बदल दिया:

मूर्ख, बकरा, जड़ (Stupid, Dumb, Animal-like)।


क्या कोई राजा खुद को मूर्ख कहेगा?

क्या सम्राट अशोक या समुद्रगुप्त जैसे राजा स्वयं को बकरा कहेंगे?


इसका सीधा मतलब है—

संस्कृत डिक्शनरी बाद में बनी। जब तक सम्राट “देवानं पिय” लिखवा रहे थे, तब तक संस्कृत मुख्यधारा की भाषा नहीं थी।

असल भाषा पाली या प्राकृत थी, न कि संस्कृत।


बाद में इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया:

* सम्राट अशोक को शिवभक्त बना दिया गया। 

* बौद्ध आचार्य पराशर को ब्राह्मण ऋषि कहकर गोत्र दे दिया गया।

* पाणिनि के 1000 सूत्रों को 4000 करार दे दिया गया।


ये सब क्यों हुआ?

क्योंकि ज्ञान और शब्दों की सत्ता जिनके पास होती है, इतिहास वही तय करते हैं।


अब सवाल आपसे:

* क्या इतिहास के ये फर्जीवाड़े उजागर नहीं होने चाहिए?

* क्या जिन्होंने यह सब किया, उन्हें माफ़ी नहीं मांगनी चाहिए?


जैसे पोप ने माफ़ी मांगी,

क्या भारत के शब्द माफिया कभी माफ़ी मांगेंगे?


और अंत में:

‘ताड़ना’ का मतलब क्या है?

* तुलसीदास ने रामचरितमानस अवधि भाषा में लिखी थी।

* शब्द सागर (सं. हरगोविंद तिवारी, भोला नाथ तिवारी) के अनुसार—

ताड़ना = मारना, दंड देना, घुड़की देना।


संस्कृत डिक्शनरी भी यही कहती है:

“ताड़ना” = पीटना, दंड देना (punishment, beating)


तो फिर, शिक्षा कहां से आ गया?

जाट कौम 2025 वर्ष का कैंलेंडर!

 जाट बलवान जय भगवान

 जाट कौम 2025 वर्ष का कैंलेंडर

 1 Jan वीर गोकुला जाट (हगा गोत्र) बलिदान दिवस

 6 Jan सूबेदार छोटूराम श्योराण पुण्यतिथि

 9 Jan राजा नाहर सिंह तेवतिया बलिदान दिवस

 9 Jan चौधरी छोटूराम ओहल्याण पुण्यतिथि

 9 Jan डॉ सरूप सिंह हुड्डा जयंती

 10 Jan शूटर दादी चंद्रो तोमर जयंती

 13 Jan चौधरी दौलतराम सारण जयंती

 14 Jan राजा खेमकरण सोगरिया जयंती

 15 Jan चौधरी दल सिंह ढुल जयंती

 15 Jan शहीद मेजर अमित देशवाल जयंती

 15 Jan शहीद कैप्टन पवन कुमार खटकड़ जयंती

 17 Jan किसान केसरी बलदेव राम मिर्धा (राहड़़ गोत्र) जयंती

 20 Jan आजाद कवि चौधरी मुंशीराम पुनिया जांडली पुण्यतिथि

 21 Jan चौधरी दल सिंह ढुल पुण्यतिथि

 20 Jan चौधरी रामनारायण जिंदा (मायला गोत्र) जयंती

 21 Jan श्री नरेंद्र बल्हारा जयंती

 26 Jan शहीद बाबा दीप सिंह संधू जयंती

 29 Jan लोक देवता वीर तेजाजी (धौलिया गोत्र) जयंती

 (अंग्रेजी कैंलेंडर के अनुसार 29 जनवरी भारतीय कैंलेंडर के अनुसार माघ शुक्ल चतुर्दशी को जोकि 2025 के वर्ष में 11 फरवरी को‌ है)

 29 Jan रामनिवास मिर्धा (राहड़़ गोत्र) पुण्यतिथि

 30 Jan मेवात विजय दिवस


 2 Feb शहीद करणीराम मील जयंती

 2 Feb महाराजा जगदेव पंवार जयंती (भारतीय कैंलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष बसंत पंचमी को)

 3 Feb बलराम जाखड़ पुण्यतिथि

 6 Feb कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों पुण्यतिथि

 6 Feb प्रताप सिंह कैरों (ढिल्लों गोत्र) पुण्यतिथि

 9 Feb चौधरी महेंद्र पाल सिंह बल्हारा जयंती (पूर्व प्रधानमंत्री फिजी देश)

 10 Feb जरनैल सरदार शाम सिंह अटारीवाला बलिदान दिवस

 11 Feb बाबा शाहमल सिंह तोमर जयंती

 12 Feb महाराजा सलकपाल तोमर (भारतीय कैंलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष माघ शुक्ल पूर्णिमा को)

 12 Feb राणा उदय भानु सिंह बमरौलिया जयंती

 12 Feb चौधरी अजित तेवतिया जयंती

 13 Feb महाराजा सूरजमल सिनसिनवार जयंती

 13 Feb शहीद फ्लाइंग ऑफिसर पंकज कुमार नांदल जयंती

 15 Feb स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद कवि जाट मेहर सिंह दहिया जयंती

 15 Feb ठाकुर देशराज सोगरवार जयंती (इतिहासकार)

 16 Feb परसराम सिंह मदेरणा पुण्यतिथि

 17 Feb लोठू सिंह निठरवाल बलिदान दिवस

 19 Feb भरतपुर स्थापना दिवस

 19 Feb चौधरी घासीराम मलिक जयंती

 20 Feb क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी कुलबीर सिंह संधू जयंती

 21 Feb राजा मानसिंह सिनसिनवार बलिदान दिवस

 21 Feb शहीद कैप्टन पवन कुमार खटकड़ बलिदान दिवस

 23 Feb सरदार अजित सिंह संधू जयंती

 24 Feb भगत फूल सिंह मलिक जयंती


 जाट आरक्षण (2016) में शहीद

 19 Feb राहुल दांगी

 20 Feb अर्जुन जाखड़, संदीप जाखड़, अजय मलिक, प्रदीप राणा, प्रदीप कोडान, जयदीप नांदल, कृष्ण फौगाट,

 प्रदीप राठी, रविन्द्र नांदल

 21 Feb जयवीर देशवाल, रामचन्द्र लोहचब, सुमित दहिया

 22 Feb राजेश खोखर, संदीप बजाड़,‌ दिलबाग खत्री, संदीप पहल, संजीव दहिया


 5 Mar कैप्टन नीरा आर्य जयंती (धामा गौत्र)

 6 Mar शहीद सन्दीप कड़वासरा बलिदान दिवस (जाट आरक्षण)

 11 Mar दिल्ली फतेह दिवस

 12 Mar शहीद चौधरी ताराचन्द सहारण आईपीएस एसपी बलिदान दिवस

 14 Mar अकाली बाबा फूला सिंह सराओ बलिदान दिवस

 15 Mar सरदार रायसल खोखर ने 1206 में मोहम्मद गोरी को मारा

 15 Mar चौधरी रामदान डऊकिया जयंती

 15 Mar साहिब सिंह लाकड़ा जयंती (दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री)

 18 Mar स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद कवि जाट मेहर सिंह दहिया बलिदान दिवस

 18 Mar कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों जयंती

 19 Mar भीम सिंह दहिया जयंती (इतिहासकार)

 21 Mar चौधरी हरलाल सिंह दुल्हड़ पुण्यतिथि

 23 Mar शहीद-ए-आज़म भगत सिंह संधु बलिदान दिवस

 23 Mar सरदार हरकिशन सिंह सुरजीत बसेरा जयंती

 24 Mar शहीद पायलट शैफाली चौधरी बलिदान दिवस

 (लौर गौत्र)

 26 Mar आजाद कवि चौधरी मुंशीराम पुनिया जांडली जयंती

 28 Mar चौधरी बंसीलाल लेघा पुण्यतिथि

 29 Mar तेजिंदर सिंह मान (बब्बू मान) जन्मदिन


 2 April शहीद कवि फौजी जाट मेहर सिंह की पत्नी श्रीमती प्रेमकौर की पुण्यतिथि

 6 April महाराजा हाथी सिंह तोमर जयंती (अंग्रेजी कैंलेंडर के अनुसार 6 अप्रैल भारतीय कैंलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल अष्टमी को जोकि 2025 के वर्ष में 6 अप्रैल को‌ है)

 6 April राजा नाहर सिंह तेवतिया जयंती

 6 April चौधरी देवीलाल सिहाग पुण्यतिथि

 7 April चौधरी सेठ छाजूराम लाम्बा पुण्यतिथि

 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह संधु अपने साथियों के साथ सेंट्रल असेंबली में पहुंचे और सेंट्रल असेंबली में बम फेंका व इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए जिससे पुरे देश में आजादी की चिंगारी की क्रांति फैल गई थी।

 10 April राय बहादुर चौधरी अमर सिंह सिरोही जयंती

 13 अप्रैल शहीद मेजर अमित देशवाल बलिदान दिवस

 13 April अंतरराष्ट्रीय जाट दिवस

 15 April एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह औलख जयंती

 17 April ठाकुर देशराज सोगरवार पुण्यतिथि (इतिहासकार)

 17 April कृषि वैज्ञानिक डा रामधन सिंह हुड्डा पुण्यतिथि

 21 April हरियाणवी कलाकार दरियाव सिंह मलिक पुण्यतिथि (राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित)

 25 April सरदार प्रकाश सिंह बादल ढिल्लों पुण्यतिथि

 28 April सरदार हरि सिंह नलवा उप्पल जयंती

 29 April राजा महेंद्र प्रताप सिंह ठेंनुआ पुण्यतिथि

 30 APRil सरदार हरि सिंह नलवा उप्पल बलिदान दिवस

 30 APRil शूटर दादी चंद्रो तोमर पुण्यतिथि


 1 May चौधरी निहाल सिंह तक्षक जयंती

 1 May कृषि वैज्ञानिक डॉ रामधन सिंह हुड्डा जयंती

 4 May चूरू स्थापना दिवस संस्थापक जाट राजा चूहरु नैन

 5 May महाराजा जस्सा सिंह संधू रामगढ़िया जयंती

 5 May परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह दहिया जयंती

 5 May शहीद कैप्टन सुनील खोखर जयंती

 6 May चौधरी अजीत सिंह तेवतिया पुण्यतिथि

 9 May काबुल विजय दिवस

 10 May दिल्ली विजय दिवस

 10 May चौधरी कुंभाराम आर्य जयंती (सुंडा गोत्र)

 12 May शहीद लांस नायक सरदार सिंह तहलान जयंती

 13 May शहीद करणीराम मील बलिदान दिवस

 13 May शहीद रामदेव सिंह गिल बलिदान दिवस

 13 May भीम सिंह दहिया पुण्यतिथि (इतिहासकार)

 15 May बाबा महेंद्र सिंह टिकैत पुण्यतिथि (बालियान गोत्र)

 16 May कुंवर नटवर सिंह भगौर जयंती

 17 May सूबेदार छोटूराम श्योराण जयंती

 20 May डॉ. जगजीत सिंह राठी जयंती

 24 May शहीद करतार सिंह सराभा जयंती (ग्रेवाल गोत्र)

 25 May बलवीर सिंह सीनियर पुण्यतिथि (दोसांझ‌ गोत्र)

 29 May चौधरी चरण सिंह तेवतिया पुण्यतिथि

 29 May शुभदीप सिंह सिद्धू (सिद्धू मुस्सेआला) पुण्यतिथि


 1 June पंजाब माता विद्यावती कौर पुण्यतिथि

 1 June चौधरी बहादुर सिंह भोबिया पुण्यतिथि

 1 June शहीद कैप्टन पृथ्वी सिंह डागर जयंती

 2 June चौधरी चेतीलाल नौहवार जयंती

 3 June चौधरी भजनलाल मांझू पुण्यतिथि

 6 June सम्राट हर्षवर्धन बैंस जयंती

 6 June शहीद चौधरी ताराचन्द सहारण आईपीएस एसपी जयंती

 9 June सरदार बाज सिंह बल बलिदान दिवस

 11 June शुभदीप सिंह सिद्धू (सिद्धू मूस्सेआला) जयंती

 12 June आगरा विजय दिवस

 15 June राजा देवी सिंह गोदारा बलिदान दिवस

 15 June चौधरी लोठु सिंह निठरवाल जयंती

 17 June राय बहादुर चौधरी अमर सिंह सिरोही पुण्यतिथि

 19 June कर्नल महाराजा सर जगजीत सिंह साहिब बहादुर (आहलूवालिया गोत्र) पुण्यतिथि

 21 June एयर मार्शल अमरजीत सिंह चहल पुण्यतिथि

 27 June शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह पुण्यतिथि

 28 June शहीद चौधरी उदमीराम सरोहा बलिदान दिवस

 29 June सरदार बलदेव सिंह चोकर पुण्यतिथि

 29 June मास्टर चंदगीराम पहलवान कालीरामण

 पुण्यतिथि

 30 June साहिब सिंह लाकड़ा पुण्यतिथि (दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री)


 1 July तारू सिंह संधू बलिदान दिवस

 2 July चौधरी दौलतराम सारण पुण्यतिथि

 3 July दिगेन्द्र कुमार परस्वाल जन्मदिवस

 4 July ठाकुर राजाराम जाट सिनसिनवार बलिदान दिवस

 4 July ठाकुर रामकी चाहर जाट बलिदान दिवस

 8 July महाराज श्री सवाई बृजेंद्र सिंह सिनसिनवार पुण्यतिथि

 8 July शहीद कैप्टन सज्जन सिंह मलिक बलिदान दिवस

 11 July सरदार बलदेव सिंह चोकर जयंती

 12 July दारा सिंह रंधावा पुण्यतिथि

 12 July डॉ. जगजीत सिंह राठी पुण्यतिथि

 17 July फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों जयंती

 17 July एडमिरल सुनील लाम्बा जन्मदिवस

 18 July बाबा शाहमल सिंह तोमर बलिदान दिवस

 19 July शहीद लेफ्टिनेंट रविन्द्र छिकारा बलिदान दिवस

 20 July महाराजा अनंगपाल तोमर जयंती

 21 July खरताराम जाखड़ पुण्यतिथि

 22 July शहीद लेफ्टिनेंट जसमेल सिंह खोखर जयंती

 22 July शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट दिपिका श्योराण बलिदान दिवस

 22 July शहीद फ्लाइंग ऑफिसर पंकज कुमार नांदल बलिदान दिवस

 23 July परसराम सिंह मदेरणा जयंती

 25 July भगत शिरोमणि कर्माबाई जाट समाधी दिवस

 26 July कैप्टन नीरा आर्य पुण्यतिथि (धामा गौत्र)

 27 July हरफूल जाट जुलानी बलिदान दिवस (श्योराण गोत्र)

 30 July चौधरी शीशराम ओला जयंती

 31 July मोहम्मद रफी (भट्टी गोत्र) पुण्यतिथि


 1 Aug‌ सरदार हरकिशन सिंह सुरजीत बसेरा पुण्यतिथि

 2 Aug किसान केसरी बलदेव राम मिर्धा (राहड़़ गोत्र) पुण्यतिथि

 4 Aug डॉ सरूप सिंह हुड्डा पुण्यतिथि

 6 Aug शहीद लेफ्टिनेंट रविन्द्र छिकारा जयंती

 7 Aug महाराजा जवाहर सिंह सिनसिनवार बलिदान दिवस

 10 Aug नसीब सिंह कुंडू उर्फ़ रूंडा पुण्यतिथि

 10 Aug कुंवर नटवर सिंह भगौर पुण्यतिथि

 14 Aug भगत फूल सिंह मलिक पुण्यतिथि

 14 Aug कैप्टन बॉक्सर हवा सिंह श्योराण पुण्यतिथि

 15 Aug सरदार अजीत सिंह संधू पुण्यतिथि

 20 Aug भक्त शिरोमणि कर्माबाई डूडी जाट जयंती

 20 Aug शहीद पायलट शैफाली चौधरी जयंती (लौर गौत्र)

 22 Aug क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी कुलबीर सिंह संधू पुण्यतिथि

 23 Aug बलराम जाखड़ जयंती

 24 Aug रामनिवास मिर्धा (राहड़़ गोत्र) जयंती

 26 Aug चौधरी बंसीलाल लेघा जयंती

 28 Aug लोक देवता वीर तेजाजी (धौलिया गोत्र)

 वीरगति

 28 Aug चौधरी सचिन तालियान पुण्यतिथि

 28 Aug चौधरी गौरव तोमर पुण्यतिथि

 30 Aug बाबा नाथूराम मिर्धा (राहड़़ गोत्र) पुण्यतिथि


 5 Sep चौधरी मोहर सिंह निर्वाल बलिदान दिवस

 6 Sep महाराजा दलीप सिंह संधवालिया जयंती

 8 Sep बाबा बुद्ध जी रंधावा पुण्यतिथि

 9 Sep जाट आरक्षण नायक राहुल दांगी जयंती

 11 Sep कैप्टन पृथ्वी सिंह डागर बलिदान दिवस

 12 Sep सारागढ़ी विजय दिवस 21 जट्ट सिख

 12 Sep खेजड़ली बलिदान दिवस अमृता देवी बेनीवाल बिश्नोई

 13 Sep स्वामी केशवानंद ढाका पुण्यतिथि

 13 Sep जाट आरक्षण नायक सुनील श्योराण बलिदान दिवस

 14 Sep चौधरी भींयाराम सिहाग जयंती

 16 Sep एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह औलख पुण्यतिथि

 19 Sep शहीद मेजर अनूप सिंह गहलोत जयंती

 20 Sep महाराजा चूड़ामन सिंह सिनसिनवार पुण्यतिथि

 20 Sep चौधरी घासीराम नैन पुण्यतिथि

 22 Sep डोगराई विजय दिवस (जाट रेजीमेंट)

 25 Sep चौधरी देवीलाल सिहाग जयंती

 28 Sep शहीद-ए-आज़म भगत सिंह संधू जयंती

 30 Sep चौधरी गुल्लाराम बेन्दा जयंती


 1 oct प्रताप सिंह कैरों (ढिल्लों गोत्र) जयंती

 4 oct भरतपुर नरेश महाराजा किशन सिंह सिनसिनवार जयंती

 6 oct वीर पुष्कर सिंह पाखरिया (कुंतल तोमर) बलिदान दिवस (भारतीय कैंलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा को)

 6 oct बाबा बुद्ध जी रंधावा जयंती

 6 oct तारू सिंह संधू जयंती

 6 oct चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत (बाल्याण गोत्र) जयंती

 6 Oct चौधरी भजनलाल मांझू जयंती

 8 Oct चौधरी निहाल सिंह तक्षक पुण्यतिथि

 10 oct चौधरी भींयाराम सिहाग पुण्यतिथि

 12 oct अमर शहीद बख्तावर सिंह ठाकरान बलिदान दिवस

 12 oct चौधरी गुल्लाराम बेन्दा पुण्यतिथि

 16 Oct चौधरी घासीराम मलिक पुण्यतिथि

 20 oct चौधरी नाथूराम मिर्धा (राहड गोत्र) जयंती

 20 Oct शहीद लांस नायक सरदार सिंह तहलान बलिदान दिवस

 22 oct महाराजा दलीप सिंह संधवालिया पुण्यतिथि

 22 Oct राणा उदय भानु सिंह बमरौलिया पुण्यतिथि

 24 oct चौधरी रामदान डऊकिया पुण्यतिथि

 26 oct चौधरी कुंभाराम आर्य (सुंडा गोत्र) पुण्यतिथि

 26 oct चौधरी रामनारायण जिंदा (मायला गोत्र) पुण्यतिथि


 5 Nov वीर पुष्कर सिंह पाखरिया (कुंतल तोमर) बलिदान दिवस (भारतीय कैंलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को)

 9 Nov मास्टर चंदगीराम पहलवान कालीरामण जयंती

 13 Nov शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह (संधवालिया गोत्र) जयंती

 13 Nov शहीद बाबा दीप सिंह संधू बलिदान दिवस

 16 Nov शहीद करतार सिंह सराभा (ग्रेवाल गोत्र) बलिदान दिवस

 19 Nov दारा सिंह रंधावा जयंती

 20 Nov जाट रेजीमेंट स्थापना दिवस

 24 Nov चौधरी छोटूराम ओहल्याण जयंती

 24 Nov कर्नल महाराजा सर जगजीत सिंह साहिब बहादुर (आहलूवालिया गोत्र) जयंती

 25 Nov शहीद कैप्टन सज्जन सिंह मलिक जयंती

 27 Nov ब्रिगेडियर होशियार सिंह राठी बलिदान दिवस

 28 Nov सेठ चौधरी छाजूराम लाम्बा जयंती

 29 Nov स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद कवि जाट मेहर सिंह दहिया INA में भर्ती

 29 Nov महाराजा बलराम सिंह तेवतिया बलिदान दिवस

 30 Nov महाराजा बच्चू सिंह (गिर्राज शरण सिंह सिनसिनवार) जयंती


 1 Dec राजा महेंद्र प्रताप सिंह ठेंनुआ जयंती

 1 Dec महाराजा श्री सवाई बृजेंद्र सिनसिनवार जयंती

 2 Dec कैप्टन ईशर सिंह संधू पुण्यतिथि

 4 Dec शहीद मेजर अनूप सिंह गहलोत बलिदान दिवस

 5 Dec राजा मानसिंह सिंह सिनसिनवार जयंती

 5 Dec कर्नल पृथ्वी सिंह गिल पुण्यतिथि

 6 Dec परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह दहिया पुण्यतिथि

 8 Dec सरदार प्रकाश सिंह बादल ढिल्लों जयंती

 11 Dec कर्नल पृथ्वी सिंह गिल जयंती

 12 Dec शहीद लेफ्टिनेंट जसमेल सिंह खोखर बलिदान दिवस

 14 Dec शहीद फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों बलिदान दिवस

 14 Dec शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट दिपिका श्योराण जयंती

 15 Dec चौधरी शीशराम ओला पुण्यतिथि

 16 Dec शहीद ब्रिगेडियर होशियार सिंह राठी जयंती

 16 Dec कैप्टन बॉक्सर हवा सिंह श्योराण जयंती

 23 Dec चौधरी चरण सिंह तेवतिया जयंती

 24 Dec मोहम्मद रफी (भट्टी गोत्र) जयंती

 25 Dec महाराजा सूरजमल सिनसिनवार बलिदान दिवस

 25 Dec एयर मार्शल अमरजीत सिंह चहल जयंती

 26 Dec चौधरी सिकंदर हयात खान (चीमा गोत्र) पुण्यतिथि

 30 Dec कैप्टन ईशर सिंह संधू जयंती

 31 Dec बलवीर सिंह सीनियर जयंती (दोसांझ‌ गोत्र)

 Calender Post credit:- @sagar_khokhar_2000

विशेष नोट:- कैलेंडर में दिए गए जिस भी नाम के साथ भारतीय कैलेंडर के अनुसार लिखा हुआ है उनकी तारीख हर साल बदल जाएगी।


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Tuesday, 25 March 2025

कुंडली मिलान, नाड़ी-दोष ढोंग है, भरम मात्र है; अपने बच्चों की शादी हेतु इसको प्रयोग ना करें - ब्राह्मण सभा, NCR

 इतने दिन दुसरों का बेवकूफ बनाने इन लोगों (क्योंकि जब अपनों पर इसके दुष्प्रभाव पड़े तो बोले, अन्यथा धंधा इसी से आ रहा है/था; इसलिए ऐसे दोगले रवैये को ही फंडीपन कहा जाता है व् ऐसा रवैया रखने वालों को ही पुरखों ने फंडी कहा है; व् यह हर जाति में हो सकते हैं, फ़िलहाल उदाहरण उनका है, जिनकी यह वीडियो है; हालाँकि यह जागरूक लोग लगते हैं, परन्तु यह फंड फैलाने में इन्हीं के भाई-बंधु अग्रणी मिलते हैं) को जब ख़ुद के फैलाए अंधविश्वास और पाखंड का दुष्प्रभाव अपने समाज के युवक-युवतियों पर दिखने लगा तो अपनी सभा में खुद कबूल किया कि कुंडली, पत्रिका या मंगली, कुछ नहीं होता। इधर जागरूक लोग फंडियो के फैलाए अंधविश्वास और पाखंड का विरोध करते है,तो किसान कमेरे वर्गों के फंडियो के मानसिक गुलाम बने चरण वंदक जागरूक करने वालों के साथ बत्तमजी करते है। अब तो आपको अंधविश्वास और पाखंड में डालने वाले खुद ही इसको अस्वीकार कर अपने बच्चों की शादी करने हेतु इन चीजों को नहीं मानने को कह रहे हैं तो आप क्यों नहीं करते ऐसा?




Saturday, 22 March 2025

औरंगजेब का गुनाह ये था कि उसने

 *औरंगजेब का गुनाह ये था कि उसने* 

अपने पिता को मरते समय तक कैद करके रखा था..!!!

वह तो औरंगजेब था लेकिन ये लोग कौन थे????

1.सम्राट प्रसेनजीत को उनके बेटे ने विश्वासघात कर उन्हें कैद किया।

2.बिम्बिसार को उनके पुत्र अजातशत्रु ने कारागार में मार डाला।

3. अजातशत्रु का वध उसके पुत्र उदयभद्र ने किया।

4.उदयभद्र की हत्या उसके पुत्र अनिरुद्ध ने की।

5.अनुरुद्ध की हत्या उसके पुत्र मुंड ने की।

6.मुंड की हत्या उसके पुत्र नगदसक ने की 

7.समुद्रगुप्त के पुत्र रामगुप्त की हत्या छोटे भाई चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य ने की।

8.अशोक अपने भाइयों को मार कर गद्दी पर बैठे।

9.पांडव अपने सारे भाइयों को मारकर गद्दी पर बैठे।

10.राणा सांगा के पिता राणा उदय सिंह प्रथम ने राज्य के लिए अपने पिता राणा कुंभा की प्रातः काल मंदिर में धोखे से पीछे से वार करके हत्या की थी।

11. राणा सांगा ने अपने 2 बड़े भाइयों की हत्या कर शासन पर कब्जा किया! 

12. /13. सुग्रीव और विभीषण के उदाहरण भी इसी सूची के तहत आते हैं; परन्तु वह मैथोलॉजिकल चरित्र ज्यादा हैं व् वास्तिकता से परे हैं| ऐसे ही पांडवों का उदाहरण है, वह भी मैथोलोजिक्ल चरित्र हैं। 

इति सिद्धम्! सबके कुछ ना कुछ उस समय अपने अपने मसलात रहे होंगे राजी खुशी कोई ऐसे काम नहीं करता।

*Note:* इस लिए इतिहास और धर्मस्थल ज्यादा न खोंदें....अन्यथा बुद्ध निकलेंगे और फिर बहुत कुछ ऐसा भी निकलेगा जिसके जवाब न मिलेंगे... इसलिए बेहतर शिक्षा..! बेहतर चिकित्सा..!.. बेहतर अर्थव्यवस्था..! नौकरियों..! रोजगार.! व्यापार.! बच्चों के भविष्य के लिए खड़े हों... अपना भविष्य न खोदें..!!! वरना नफरतियों के बालक विदेश में पढ़ेंगे और तुम्हारी औलादें टपकती छतों वाले स्कूलों में!

Friday, 14 March 2025

Guru Nanak Dev Ji was a Jat - as "The Sikhs" Book by Sir John. J.H. Gordon written in 1902

 The Sikhs

जनरल जेम्स जॉन गोर्डन ने यह किताब आज से 122 साल पहले लिखी थी। और मुझे नहीं लगता कि उन्होंने यह किताब कोई एक सप्ताह में वैसे ही बिना किसी जांच पड़ताल के लिखी होगी। गोर्डन ने इस किताब में गुरु नानक जी से लेकर महाराजा रणजीत सिंह तक सब बारीकी से लिखा है। जाहिर है आज से 122 साल पहले जो साक्ष्य रहे होंगे उनमें अबतक काफी घोलमेल हो चुका होगा, और आम इंसान की आदत है कि वह इतिहास को वर्तमान के चश्मे से देखता परखता है।

By Unionist Rakesh Sangwan





Thursday, 13 March 2025

आखिरकार सातवीं सदी के चच-दाहिर के राज से ले के आज के बीजेपी-आरएसएस के राज तक, फंडियों ने अपनी दुर्गति देश के खाते में लिखने की परम्परा को कितनी सिद्द्त से निभाया है!

कुछ नहीं बदला फंडियों की थ्योरी-फिलोसॉफी व् 25% अक़्ली विजन में सातवीं सदी के चच-दाहिर के राज से ले के आज के बीजेपी-आरएसएस के राज तक! 4-5 पीढ़ियां लगा के 100-50 साल लगा के येन-केन-प्राकेण सत्ता पर काबिज होते हैं व् फिर वही ढाक के तीन पात; इनकी थ्योरी की यह जन्मजात 'गुलामी' की मानसिकता शायद ही रहती दुनिया तक भी कुत्ते की दुम सीधी नहीं होती की तर्ज पर कभी ही पीछा छोड़े! वह कैसे जरा नीचे पढ़िए व् वीडियो देखिए!


'मैं देश नहीं बिकने दूंगा' इसने जिस दिन से बोलना शुरू किया था; मेरे जैसों ने उसी दिन से मानना शुरू कर दिया था की देश को बेचेगा ही यह| और इस बेचने की पहले शुरुवात हुई अडानी-अम्बानी-टाटा आदि जैसों को सारा सरकारी तामझाम बेचने से; और अब स्टारलिंक की एंट्री के जरिए, देश को अमेरिका को बेचने से| अभी जो यह बिना invite के खुद अपॉइंटमेंट ले के भागा-भागा oval ऑफिस वाइट हाउस गया था; उस दिन किन-किन समझौतों पे साइन करके आया है व् स्टारलिंक की एंट्री को पुण्यप्रसून जैसे भारत की आर्थिक गुलामी की शुरुवात कहने लग गए हैं; देखें ऊपर वाली वीडियो में; अभी आगे और क्या-क्या बिकने वाला है अमेरिका के हाथों! जिस दिन से यह नारा लगाया था कि 'मैं देश नहीं बिकने दूंगा' उस दिन से शुरू हुई आंतरिक आर्थिक गुलामी का स्टारलिंक के जरिए, "बाह्य गुलामी" में बदलने की शुरुवात बता रहा है पुण्यप्रसून| 


वर्णवाद थ्योरी 25% अक़्ली व् 75% बेअक्ली थ्योरी है; जब तक व् जब-जब इससे बचोगे, देश तरक्की करेगा; व् जब-तब इसके चंगुल में फंसोगे देश गर्त में जाएगा ही जाएगा; 100 साल लगा के, 4-5 पीढ़ियां खपा के  25% अक़्ली आरएसएस वालों ने अंतत: अपनी गति पा ही ली! क्योंकि चार वर्ण में खुद को बाँट के चलते हैं, तो खुद को व् बाकियों में भी 25% अक़्ल ही तो छोड़ते हैं; बाकी 75% जिसको यह स्वघोषित खट्टर ताऊ वाली 'कंधे से ऊपर की मजबूती कहते हैं'; वह तो manipulation-polarisation, इस बनाम-उस वाली बेअक्ली के कुछ है ही नहीं!


जय यौधेय! - फूल मलिक


सोर्स: https://www.youtube.com/watch?v=RxpzNbF43lg


Saturday, 8 March 2025

DSC में फैलाई जा रही फंडियों द्वारा जाट के नाम की दहशत:

 *DSC में फैलाई जा रही फंडियों द्वारा जाट के नाम की दहशत:* 


और इसमें वह पोलिटिकल पार्टीज भी खासा ध्यान देवें, जिनको कल को हरयाणा की सत्ता चाहिए!


बात ये है कि फंडियों के सबसे बड़े ग्रुप के प्रचारकों द्वारा आजकल ग्राउंड पर हरयाणा विधानसभा चुनाव से नए उपजे DSC वर्ग को जाटों के खिलाफ खड़ा करने हेतु, कुछ इस तरीके की बातें उनके कानों में फूंकी जा रही हैं:

1 - 29 मार्च के बाद से कलयुग के खत्म होने का आगाज हो रहा है, व् प्रलय आने वाला है; जो कि सनातन धर्म के विघटन व् संहार की तरफ इशारा कर रहा है; जिसमें कि हमको सबसे बड़ा खतरा जाट से ही है| अत: आपको जाटों से हमारी रक्षा करनी होगी| और वह रक्षा होगी, हमें वोट करते रहने से व् जाट के विरुद्ध हमारा कवच बनने से| 

2 - किसान आंदोलन में देख लिया ना कैसे जाटों ने सनातन धर्म के उच्च कुलीन वर्ग को गालियां दी, राकेश टिकैत ने मंदिरों को डांट भी लगा दी थी कि जब गुरद्वारे-मस्जिद किसान आंदोलन में लंगर लगा रहे हैं तो मंदिर क्यों नहीं? तो इस बात के आक्रोश में जाटों में नीचे-नीचे अभी भी दर्द है व् यह दर्द किसी भी दिन फटेगा, तो आप DSC वाले वीरों को ही इन जाटों से हम निर्बलों की रक्षा करनी होगी| 

3 - जाटों ने तुम्हें हमेशा तंग किया है, तुम्हारे साथ अन्याय किया है; कभी तुम्हें सम्मान नहीं दिया; इसलिए भी इनसे बदला लेना चाहते हो तो हमारे रक्षक बनो; हम तुम्हें शरण देंगे, उचित सम्मान देंगे| 


व् ऐसी ही अन्य तमाम तरह की बेहूदगियों से DSC वर्ग को जाट से काट कर, उसके खिलाफ करने की ग्राउंड पे वर्कशॉप्स, गुप्त-मीटिंगे, बैठकें चल रही हैं| यह रिपोर्ट दो-तीन गांव से आई है व् इसका फैलाव जारी है| 


जबकि सच्चाई यह है कि DSC एक ऐसा वर्ग है, जिसका जाट जितना मान-सम्मान-रोजगार का बंदोबस्त किसी ने नहीं करके दिया कभी से; फंडी तो इतने भी नहीं कि DSC वालों को मंदिरों में सम्मान से पूजा तक करने देवें| परन्तु अब यह इस बात का ढोंग भी कर रहे हैं कि देखो मंदिरों में तुमको उचित सम्मान व् समरसता हम दे रहे हैं| 


ऐसे में हर वह जाट या जाट जैसी सोच वाला किसी भी अन्य वर्ग-जाति-धर्म का इंसान; इस बात को समझे कि यह कितना खतरनाक जहर है और इसकी काट के लिए सरजोड़ कर काम करना शुरू कीजिये; उसके लिए निम्नलिखित तरीके अपनावें:


1 - जितने भी व्हाट्सएप्प पर फंडियों के ग्रुप्स व् DSC ग्रुप्स जिनमें फंडी घुसे बैठे हैं; उनमें आप भी एंट्री लीजिये; वहां दो चीजें कीजिये; एक तो जाट के खिलाफ सीधे जाट का नाम ले कर, या कवरिंग वर्ड्स जैसे कि "हरयाणा के दबंग", "किसान आंदोलन वाले", "सबसे बड़े जमींदार" आदि शब्दों के प्रयोग हो कर ऎसी बातें हो रही हों, तो उनके स्क्रीनशॉट्स ले के सुरक्षित सेव कर लें, व् आप-हम जैसे समान विचारधारा वालों से उनको साझा करें| दूसरा यह पहचानें कि वहां उस ग्रुप में ऐसी बातों का विरोध करने वाला कौन है; उसको व्यक्तिगत रूप से कांटेक्ट करें व् इस पर विचार करवाएं कि उस ग्रुप में इन बातों को कैसे रोका जाए| 

2 - आपके गाम में DSC ग्रुप्स में जितने भी ख़ास मित्र प्यारे हैं विश्वसनीय हैं; उनसे इस प्रोपगैंडा बारे प्राइवेट या विश्वस्त साथियों के समूह में चर्चा करें; पहले उनको ऊपर बताए तरीके से जाट बारे उनके प्रति ईमानदारी व् इंसानियत के पुरखों द्वारा बरते सिद्धांत बताएं व् फिर उनसे कहें कि आगे कोई ऐसी बात करने, व्यक्तिगत रूप से आवे, कॉल करे या ग्रुप्स में बात करे तो उनके स्क्रीनशॉट ले लेवें, रिकॉर्डिंग कर लेवें व् आप से साझी करें| 


इसके अतिरिक्त आपको मौके के अनुसार जो जतन सही लगे उसको अपना के इन चीजों को रुकवाएं| और इसको करने के लिए आप गाम में हों, शहर में या विदेश में; जहाँ बैठे हो वहीँ से अपने सर्किल को एक्टिवेट करके यह कार्यवाही करें; परन्तु खुद का बचाव पहले जरूर बरतें| 


और इसमें वह पोलिटिकल पार्टीज भी खासा ध्यान देवें, जिनको कल को हरयाणा की सत्ता चाहिए! पोलिटिकल पार्टी भी इस बारे इस तरह के कुछ हल कर सकती हैं; अब पांच साल हाथ पे हाथ धर के बैठे रहोगे व् इलेक्शन के 3 महीनों में सब आपके पक्ष का बन जाए, ऐसा नहीं होने वाला है! अभी से काम पर लगाइए अपने कैडर को| 

Friday, 28 February 2025

Why Sir Chhoturam get Jats recruited in Jat Regiment for Britishers?

 Fandi स्पोंसर्ड एक "बर्बादीकिसान" ग्रुप "खाप-खेड़ा-खेत कल्चर-किनशिप" के महापुरुषों को शौर्यहीन करने पर लगा हुआ है व् इसी कड़ी में उन्होंने निशाना बना रखा है सर छोटूराम को| फैलाते फिर रहे हैं कि क्यों सर छोटूराम ने अंग्रेजों के लिए जाटों को उनकी फ़ौज में भर्ती करवाया था? व् इसी बिंदु का ओहड्डा ले के वह सर छोटूराम को अंग्रेजों का पिट्ठू बरगलाते फिर रहे हैं| 


इनको यह सलंगित वीडियो भेजें, इसमें प्रख्यात दार्शनिक डॉक्टर हिम्मत सिंह सिन्हा जी बता रहे हैं कि क्यों सर छोटूराम ने ऐसा किया था| डॉक्टर सिन्हा के अनुसार सर छोटूराम ने अगत भांप ली थी कि अगर अंग्रेजों की बजाए हिटलर का साथ दिया गया तो अंग्रेज जाएंगे व् नाजी यहाँ आ जाएंगे| जबकि अंग्रेजों की हालत वैसे ही पतली हुई पड़ी थी, उन दिनों|


वह तो शुक्र है कि हिटलर मारा गया, वरना इस बात से कौन इंकार कर देगा कि ऐसा नहीं हो सकता था अगर हिटलर जिन्दा रहता व् वह जीत भी जाता तो; इंडिया पर वह अपना कब्जा जमाता? 


इस बात से नेता जी सुभाषचंद्र बोस के निर्णय पर बात करना बनता है कि क्या फिर नेता जी सही थे, जो हिटलर का साथ दे रहे थे; या वह हिटलर को सिर्फ इस्तेमाल कर रहे थे; अंग्रेजों व् नाजियों की लड़ाई का फायदा उठा कर? खैर, ना तो उस वक्त नेता जी ही बचे व् हिटलर भी आत्महत्या कर गया; अन्यथा दोनों जिन्दा होते तो संभावना थी कि सर छोटूराम वाली बात ज्यादा सच साबित होती| 


Jai Yaudheya! - Phool Malik




और इस तरह ज़ेलेन्स्की, ट्रम्प व् वांस दोनों से दबा नहीं व् नहीं की मिनरल डील साइन!

यूक्रेन वाले ज़ेलेन्स्की के साथ ट्रम्प का पेंचा उसी मैटर पे फंसा है जिसपे अन्धभक्ताधिराज मोदी के साथ फंसा था| मोदी भी पहले इलेक्शन कैंपेन कर आया व् बाद में वहां गए-गवाए को ट्रम्प ने बुलाया लास्ट इलेक्शन के दौरान तो मिलने भी नहीं गया| यही ज़ेलेन्स्की ने किया, कमला हैरिस की इलेक्शन कैंपेन करके आया था पेंसिलवेनिया में सितंबर में| 


परन्तु मोदी व् ज़ेलेन्स्की में दिन रात का फर्क है; मोदी जहाँ चुपचाप जहाँ कहा वहां साइन कर आया व् ना ही ट्रम्प उसको ओवल हाउस (वाइट हाउस) के गेट पर लेने आया था, बल्कि उसकी एक कर्मचारी मात्र आई थी; ना मोदी को बुलाया गया था, बल्कि मोदी खुद अपॉइंटमेंट ले के गया था| 


जबकि ज़ेलेन्स्की को ट्रम्प ने बुलाया भी, गेट तक खुद लेने भी आया; भीतर अच्छी गर्मागर्म बहस हुई; खूब ज़ेलेन्स्की को दबाने की कोशिश की ट्रम्प व् वांस दोनों ने; परन्तु दबा नहीं ज़ेलेन्स्की व् ना ही मिनरल्स डील पे साइन किए| हार बेशक जाए बंदा, परन्तु दुनिया व् इतिहास उसको हार के भी जीता हुआ ही बताएगी; क्योंकि ट्रम्प व् वांस दोनों ने हाँगा लगा लिया वो भी अपने घर में बैठा के; परन्तु बंदा डील साइन नहीं करके आया!


शायद कल्चर का फर्क है यह; मोदी जहाँ एक फंडी-वर्णवादी कल्चर से आता है; जिसका अंत आप में दब्बूपन व् भीरुता का आना होता ही होता है; वहीँ उक्रेन का कल्चर एक दम विपरीत है| शायद उक्रेन के आसपास से ही खाप-खेड़ा-खेत कल्चर-किनशिप को मानने वाले समाजों जैसे की जाट का ओरिजिन बताया जाता है; इसके ऊपर ही तो है सीथियन रीजन; जहाँ से जाट का उदगम बताया जाता है; शायद उक्रेन भी इसका पार्ट ही हो| 


यही वो एथिकल गट्स हैं जिनको फंडियों से बचा के आगे अगली पीढ़ियों में बढ़ाने की बातें हम करते हैं| पिछले दस-ग्यारह सालों से खापलैंड व् मिसललैंड पर वर्णवादी फंडी लॉबी और क्या कर रही है, कभी 35 बनाम 1 तो कभी अग्निवीर तो कभी किसान आंदोलनों को दबाने या तोड़ने की कोशिशों के जरिए; परन्तु शाबाशी है इन खापों व् खालसा वालों की, कि मंदा तुर रहे हैं; परन्तु टूर रहे हैं; लेकिन इन फंडियों के आगे सरेंडर नहीं कर रहे| उम्मीद है कि हम इस डेमोक्रेटिक व् रिपब्लिकन बेबाकपन को ऐसे ही कायम रख के अगली पीढ़ियों दे पाएंगे| 


जय यौधेय! - फूल मलिक


https://www.youtube.com/watch?v=3YyaYuBsJQ0

Monday, 24 February 2025

'छावा' : हिंदुओं की 'हीनता बोध' पर नमक मलने की कहानी!

 14 फरवरी को विकी कौशल अभिनीत फिल्म 'छावा' महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गोवा में टैक्स फ्री हो चुकी है। फिल्म की 'सफलता' और चर्चा के कारण लोग शिवाजी के बेटे संभा जी के बारे में और ज्यादा जानने के लिए उत्सुक हो रहे हैं। उनका पहला पड़ाव Wikipedia है।

संभाजी के बारे में Wikipedia में शुरू में ही जो जानकारी दी गई है वह फिल्म के 'नैरेटिव' में सेंध लगा कर उसे तहस नहस कर देती है।
Wikipedia कहता है कि एक बार शिवाजी ने ही अपने बेटे संभा जी को कैद कर लिया था क्योंकि उसने किसी ब्राह्मण महिला की अस्मत से खिलवाड़ किया था। बाद में शिवाजी की कैद से भागकर वह मुगलों से जा मिला। और दिलेर खान के नेतृत्व में शिवाजी के खिलाफ ही लड़ाई छेड़ दी। (लिंक कमेंट बॉक्स में)
अंततः 19 फरवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने Wikipedia को नोटिस भिजवाई और इस 'आपत्तिजनक' हिस्से को हटाने को कहा।
यह इसका एक उदाहरण है कि फासीवादी दौर में पहले कहानी या नैरेटिव तैयार किया जाता है, फिर उसके हिसाब से इतिहास की मरम्मत की जाती है।
फिल्म के अंतिम दृश्य में औरंगजेब संभा जी से कहता है कि धर्म परिर्वतन कर लो और हमारे साथ आ जाओ। जवाब में संभा जी कहता है कि तुम मेरे साथ आ जाओ और इसके लिए तुम्हे अपना धर्म भी नहीं बदलना पड़ेगा। (पिक्चर हाल में तालियों की गड़गड़ाहट)
अब इस तथ्य से उन्हें क्या लेना देना कि औरंगजेब के दरबार में सबसे ज्यादा हिंदू थे। औरंगजेब का वित्त विभाग राजा रघुनाथ संभाल रहे थे और उनकी सेना की कमान जय सिंह और जसवंत सिंह संभाल रहे थे। दूसरी ओर संभाजी के पिता छत्रपति शिवा जी की सेना में करीब 60 हजार मुस्लिम थे जिनकी कमान इब्राहीम खान के हाथ में थी।
जिस तरह से सिगरेट की डिब्बी पर 'धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है' लिखा रहता है, उसी तरह इस बेहद गलीच सांप्रदायिक फिल्म में संभा जी से एक लाइन कहलवा दिया गया है कि हमारा संघर्ष किसी धर्म विशेष से नहीं है। लेकिन पूरी फिल्म में जो जहर उगला गया है वह हमारे विशेषकर हिंदुओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है, बिल्कुल किसी कैंसर की तरह है।
इसलिए इसे महज 'प्रोपेगंडा फिल्म' कहकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह BJP/RSS के हिंदुत्व फासीवाद प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई फिल्म है। 'हिंदुओं' पर इसके खतरनाक असर को इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि फिल्म देखने के बाद दिल्ली में कई नौजवानों ने अकबर, बाबर, हुमायूं रोड के चिन्हों पर पेशाब किया और नारे लगाए। इनके दिलों में मुस्लिमों के प्रति कितनी नफ़रत होगी, आप समझ सकते हैं।
फिल्म के अंत में आधे घंटे सिर्फ संभाजी के टार्चर का ग्राफिक चित्रण किया गया है, जिसका एक मात्र उद्देश्य हिंदुओं की 'हीनता बोध' के ज़ख्म पर नमक मलना और हिंदुओं की कृत्रिम नफरत को मुस्लिमों की तरफ मोड़ना है। फिल्म में सचमुच में संभा जी की चोटों पर नमक मला जाता है। फिर पर्दे पर संभा जी की आंख निकालना और जीभ काटना। उफ्फ...
आश्चर्य है कि इसके बाद भी इसे A सर्टिफिकेट न देकर U/A सर्टिफिकेट दिया गया है। पिक्चर हाल से निकलते हुए मैने देखा कि परिवारों के साथ 3-4 साल तक के बच्चे भी हैं। इनके कोमल दिलों दिमाग पर क्या असर हो रहा होगा। किस तरह की नफरत लिए हुए ये बड़े होंगे?
फिल्म की शुरुआत में एक युद्ध के बीच मुस्लिम बच्चे को संभा जी द्वारा बचाकर उसकी मां को सौंपना और फिल्म के अंत में औरंगजेब की सेना द्वारा एक हिन्दू बच्ची को आग में जला कर मार देना, और पर्दे पर उसका ग्राफिक चित्रण बीजेपी के 'ओपन एजेंडे' को पूरा करने के लिए ही है।
ऐसी फिल्मों की महिला पात्र महज पुरुष के 'इगो' को सहलाने के लिए ही होती हैं। इसलिए उनकी चर्चा ही यहां बेमानी है।
विक्की कौशल के अभिनय की बहुत प्रशंसा हो रही है। लेकिन ऐसी नफरत भरी लाउड फिल्म में एक्टिंग की नहीं बल्कि ओवर एक्टिंग की जरूरत होती है। और विक्की कौशल ने यह काम बखूबी किया है।
अब वे बॉलीवुड के नए 'हिंदू हृदय सम्राट' हैं, मनुवादी फासीवादी सांस्कृतिक फैक्ट्री का एक नया उत्पाद.....

Friday, 7 February 2025

सातवीं सदी से तो हम देखते-पढ़ते-सुनते आ रहे हैं कि अंतत: "इंडिया में पाई जाने वाली फंडी पॉलिटिक्स" का हश्र यही होता है जैसा "ट्रम्प ने मोदी व् बीजेपी पॉलिटिक्स" के साथ किया है!

Chronological आर्डर में समझिए:

1) चच-दाहिर ने धोखे से एक किसानी कौम से आने वाले राजा को सत्ता से हटाकर सत्ता हथियाई; तो मुहम्मद बिन कासिम चढ़ आया व् उस राजा को इतनी बुरी तरह से हराया कि उसकी बेटी तक को बंधी बना के ले गया| सुनते हैं कि मुस्लिम इतिहासकारों ने उस वक्त में किसी ने उनके इस हमले या कृत्य का विरोध कर मुस्लिम सेना के सिंध के मैदानों में 5 हजार सैनिक मारे तो वह खापों वाले जाट बताए जाते हैं| फंडी ही कहते हैं कि श्राप नाम की कोई बला होती है, लग जाए तो मलियामेट कर देती है, किसानी कौम को सताने का श्राप झेला; क्योंकि उस वक्त के इतिहासकार यह भी लिखते हैं कि चच व् दाहिर जाटों से इतने डरते थे कि उन्होंने जाटों का हथियार ले के चलना व् घोड़ों पर चलना दोनों बंद कर रखे थे|


2) सन 1025 में गज़नी गुजरातियों का सोमनाथ लूट के ले गया व् सभी फंडियों को ठीक ऐसे ही संताप लग गया था, जैसे अभी मोदी व् बीजेपी को ट्रम्प के कृत्यों से लगा हुआ है; काटो तो खून नहीं| जबकि जब तक हमला ना हुआ था तो घस्से इतने बड़े कि सेना सोमनाथ में घुसते ही अंधी हो जाएगी| इतिहासकार बताते हैं कि उस ग़ज़नी को सिंध-पंजाब के जाटों ने ही लूटा था; सर जयप्रकाश घुसकानी की लिखी "कौन कह था जाट लुटेरे" वाली रागणी में इस बात का जिक्र भी है| यानि फंडी सत्ता फिर चित्त हुई| 


3) 1193 में आया मोहम्मद घोरी, फंडियों की व् उनकी सत्ता की क्या हालत करके गया; सभी को मालूम है| यहाँ भी खापों-जाटों के दादा रायसाल खोखर ने ही उसको मारा बताते हैं| कोई फंडियों को ऐसे ही संताप लगा हुआ था, जैसे आज ट्रम्प के आगे मोदी-बीजेपी को लगा हुआ है| 


4) 1398 में तैमूर लंग चढ़ा आया था, बहुतेरे फंडी मोहम्मद बिन तुगलक के दरबारी बन उनके आगे अपनी कूटनीतियों की शेखियां बघार-बघार धन बटोरते थे; परन्तु जब असली तूफ़ान सर चढ़ा आया तो रोका उसको भी फिर से जाट राजा देवराज जी की बुलाई खाप पंचायत से गठित हुई सेना ने; जिससे कि उसके सेनापति दादा योगराज गुज्जर व् तैमूर को भाला मार घायल कर भागने को मजबूर करने वाले दादा हरवीर सिंह गुलिया जी जाने जाते हैं| 


5) बीच में ऐसे ही पांच-दस और छोटे-बड़े किस्सों से आगे बढ़ते हुए अब आते हैं सीधा पानीपत के तीसरे युद्ध पर| दम्भ व् वर्णवादी अहंकार में चूर पेशवे चढ़ आए पानीपत में अहमद शाह अब्दाली को ललकारने| जाट महाराजा सूरजमल को जीतने पे 'दिल्ली देनी मंजूर नहीं थी इनको' अपितु उनका उपहास व् अट्टाहस उड़ा के पानीपत जीतने चढ़े थे; 8 घंटों में पेशवा सदाशिव राव भाऊ (इसी के अपभृंश से हरयाणवी औरतों ने हाऊ शब्द बनाया था) पानीपत में घुटनों बैठ रोया था; रोया था उस पल को जिस पल को जब जाट का अट्ठास किया था| इनकी यह सत्ता यहाँ दम तोड़ी| पछतावा कुछ यूँ उतारा था कि जाट सेना के सैनिक जो पेशवा सेना छोड़ने गए थे, उनसे अपनी बेटियां ब्याह उनको वहीँ बसाया व् इसी युद्ध से दो कहावते चली कि "जाट को सताया को ब्राह्मण भी पछताया" व् "बिन जाटों किसने पानीपत जीते"| 


6) फिर से छोड़ दो बीच के कई फ़साने (ज्यादा लम्बा हो जाएगा लेख), सीधे आ जाओ किसान आंदोलन 2020-21 पर व् पहलवान आंदोलन 2023 पर| यहाँ भी इन्होनें उदारवादी किसानों की हर बेइज्जती व् तिरस्कार की हदें पार कर रखी हैं हुई हैं| क्योंकि इस किसान आंदोलन की सबसे बड़ी कौम जाट-जट्ट ही सेना में सबसे ज्यादा जाते हैं तो उसी चच-दाहिर की लाइन पे चलते हुए जनाब ने किसान आंदोलन का बदला "अग्निवीर" ला के लिया, कि इनको कम भर्ती करोगे तो सही रहेगा| अब ऐसे में ट्रम्प द्वारा इनके जबाड़े में हाथ फेर के देखना; सातवीं सदी से चली आ रही इनकी तथाकथित साम-दाम-दंड-भेद की दुर्गति ना तो और क्या है? श्राप-संताप तो नहीं लग रहा इनको अब फिर से?


कुछ नहीं बदला; वही पुनर्वृत हो रहा है, उदारवादी किसानी को दुर्गत कर, दम्भ में चढ़ते हैं व् होनी इनको फिर लपेटे लगा देती है| फंडी ही अक्सर श्राप-संताप आदि को मानते हैं तो यह कुत्ते की दुम की भांति और कितनी सदियां लगाएंगे खुद को सीधा करने में? कब समझेंगे कि तुम्हारी तथाकथित कूटनीति, राजनीति में जो यह manipulation व् polarisation का टेक्निकल लोचा है; इसको ठीक कर लो; वर्ण खुद को बर्बाद व् बदनाम रहोगे ही; साथ ही हम जैसों को भी लबेड़े रखोगे| 


चले हैं अंग्रेजों से राजनीति के दांव-पेंच लड़ाने; तुम सर छोटूराम थोड़े ही हो कि अंग्रेजों से गेहूं के दाम 6 रुपए से दस रुपए भी करवा ले व् 25 साल तक निष्कंटक यूनाइटेड पंजाब पे राज भी कर जाए| 


जय यौधेय! - फूल मलिक