Sunday, 16 August 2015

भगतो, भागो-दौड़ो "तेल-जिहाद" आया!

विगत लोकसभा इलेक्शन से पहले की बात हैं, जब मोदी जी को पीएम कैंडिडेट घोषित किया-किया था| मैंने तभी कह दिया था कि अटल ने तो सिर्फ मुसर्रफ को आगरा में बिरयानी खिलाई थी, आडवाणी जिन्नाह की मजार पे जा के रोया था, इसको देखना यह अगर मस्जिद-मस्जिद माथा टेकता ना फिरे तो| आज मेरी वह दूरदृष्टि सच हुई|

अब कोई यह मत कह देना कि बिज़नेस डील्स के लिए ऐसा करना होता है, क्योंकि इन जनाब से पहले भी बहुत पीएम ने विजिट किये हैं अरब देश, पर मस्जिद पे धक्के खाता कोई नई फिरा। सिर्फ ऑफिसियल मीटिंग्स अटेंड करी और वापिस।

इनको फिरना पड़ रहा है क्योंकि जो यह इंडिया में माइनॉरिटी के साथ करते हैं, उसको कम्पेन्सेट जो करना है, वरना शेख लोग इनकी इंडिया में की जा रही हरकतों को देख इनको घास भी ना डालें।

आखिर ऐसी "थूक के चाटने वाली" हरकतें करते ही क्यों हैं जो अगर जिसका विरोध किया जाए तो फिर उसके बिना काम ही नहीं चला सको?

Phool Malik

Modji at Moqsue in Abu-Dhabi: http://www.deccanchronicle.com/150816/nation-current-affairs/article/narendra-modi-arrives-uae-discuss-terror-trade-top-leaders

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