Monday, 17 August 2015

भगतों के हृदय-विच्छेदन हुए!

भगतों के हृदय-विच्छेदन हुए,
छाती पे सांपन लेटन हुए!

सरदार ने मारी ऐसी पलटी,
मस्जिद से शेयर कर दी सेल्फ़ी।...
हर भगत कराह रहा ऐसे,
जैसे गधा दुलत्ती देतन रहे!
भगतों के हृदय-विच्छेदन हुए,
छाती पे सांपन लेटन हुए!


'तेल-जिहाद' लानन को गए थे,
हमने मथ्था टिकाने को कब कहे थे?
कांग्रेस-राज में स्वीकार मंदिर की,
तोहार उपलब्धि बतलावन के ना रहे।
भगतों के हृदय-विच्छेदन हुए,
छाती पे सांपन लेटन हुए!

सेल्फ-स्टाइल्ड राष्ट्रवादिता,
भोंदुओं को बहकाने की लिम्का।
मुस्लिम को शांति और सद्भावना,
वाला बता एक ही मुंह में पी गए!
भगतों के हृदय-विच्छेदन हुए,
छाती पे सांपन लेटन हुए!

मोहब्बत को तिजारत बना डाला,
हमारे विश्वास की होली जला डाला,
अटल तो सिर्फ बिरयानी खिलाये,
अडवाणी जर्रा रोये, तुम तो उन्हीं के होए।
भगतों के हृदय-विच्छेदन हुए,
छाती पे सांपन लेटन हुए!

हम तो से रूठे सनम,
तोहार दिए घात ने लूटे सनम|
फुल्ले-भगत ने लतियाये क्या,
घाव अब तो को दिखाएँ भी का .... मियाँ
भगतों के हृदय-विच्छेदन हुए,
छाती पे सांपन लेटन हुए!

Phool Malik

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