Monday, 9 November 2015

जय माँ काली, हरयाणे वाली!

बोंधु बोला, "जय माँ काली कलकत्ते वाली!"

हरयाणवी बोला, "जय माँ काली, हरयाणे वाली! जिसको घर तू उस घर हर दिन दिवाली!"

बोंधु चौंक के बोला भाई यह हरयाणा में कौनसी "माँ काली" आ गई?

हरयाणवी ने कहा हमारे यहाँ भैंस को "माँ काली" बोलते हैं। जिसके घर यह हो उस घर कभी कर्जा नहीं चढ़ता, घर में दूध से ले के पैसे की कमाई की कोई कमी नहीं रहती। हरयाणवी बोला तू बता तुम्हारी "माँ काली" जिसके घर हो उस घर देखी है कभी दूध देती या कमाई से उस घर को भर्ती?

हरयाणवी के तर्क के आगे बेचारा बोंधु गस खा के गिर गया।

जय योद्धेय! - फूल मलिक

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