Sunday, 8 November 2015

बिहार इलेक्शन परिणाम पर मोदी जी की अतंर्वेदना कराह रही है, कुछ ऐसे!

गाने की तर्ज: "कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो!"

अमितशाह कहो, भागवत कहो, नहीं तुम कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो,
क्या कहना है, क्या सुनना है, मोदी को सब पता है, तुमको कुछ ना पता है|
पाकिस्तान में पटाखा फुटा है, और काऊ शर्मिंदा बनी है|

........................ ख़ामोशी दा म्यूजिकल ........................

बस एक जुमले हैं, बस एक सेल्फ़ी-बाबू हैं|
अमितशाह कहो, भागवत कहो, नहीं तुम कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो,

कितने सयाने निकल-निकल के, मनोहर खट्टर जैसे बोल घड़-घड़ के,
बीफ पे लेक्चर झाड़ें थे पागल, कंधों से ऊपर अक्ल की गागर, अधजल छलके-छलके!
बिहार तक पहुंचे टहलते-फिरते, भगवे के रंग में ढलते-ढलते,
बीफ पे लेक्चर झाड़े था पागल, चले था कोई काऊ की पूंछ पकड़े-पकड़े!

........................ ख़ामोशी दा म्यूजिकल ........................

और इस पल में कोई नहीं है,
बस एक जुमले हैं, बस एक सेल्फ़ी-बाबू हैं|
अमितशाह कहो, भागवत कहो, नहीं तुम कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो,

सुलगी-सुलगी जनता, बहकी-बहकी समता,
धधकते-धधकते, धर्म के ठेकेदार आये, पिघले-पिघले सब छन-छन|
सुलगी-सुलगी जनता, बहकी-बहकी समता,
धधकते-धधकते, धर्म के ठेकेदार आये, पिघले-पिघले सब छन-छन|

........................ ख़ामोशी दा म्यूजिकल ........................

और इस पल में कोई नहीं है,
बस एक जुमले हैं, बस एक सेल्फ़ी-बाबू हैं|
अमितशाह कहो, भागवत कहो, नहीं तुम कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो,

सप्रेम - फूल मलिक

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