एक युवा मित्र (नाम गोपनीय रख रहा हूँ) ने बताया कि आज उनके
इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कॉलेज, द्वारका (दिल्ली) में मैडम नोनिका दत्ता
"socialism, communism and casteism in India" विषय पर भाषण देने आई थी तो
जो वो भाषण दे के गई उसमें भगत फूल सिंह मलिक और जाटों पर ऐसा जहर उगल के
गई है कि उनको सुनके मित्र को इतनी आग लगी हुई थी कि उसने सशब्द सब बातें
मुझे बताई, जिनको मैं यहां साझा कर रहा हूँ|
युवा विद्यार्थी मित्र ने बताया कि मैडम ने भाषण में कुछ ऐसे बातें रखी, "जो भैंसवाल-गोहाना की तरफ के मलिक जाट हैं जो भगत फूल सिंह को अपना हीरो मानते हैं, भगत फूल सिंह और वहाँ मलिक व् अन्य गोतों के लोकल जाटों ने उनके साथ मिलके बहुत गंदे काम किये हैं| यह कहते हुए उसने कहा कि भगत फूल सिंह ने निजी तौर पर हत्याएं तक की थी| मैडम यहीं नहीं रूकती कहती हैं कि 1947 के दंगों में गठवाला जाटों ने मुस्लिमों को मार दिया, उनके जन-धन को जला दिया, जितने गंदे काम हो सकते थे उतने किये| और मैडम भाषण में ही दावा करती हैं कि यह सब बातें उनको भगत फूल सिंह जी की बेटी बहन सुभाषिनी जी ने खुद बताई| और जाटों को क्रूर दिखाते हुए आगे जोड़ती हैं कि और इसीलिए आज गोहाना-रोहतक-सोनीपत-जींद की तरफ आपको कोई मुस्लिम नहीं दिखेगा|"
मित्र आगे बोला कि एक छात्रा ने जब उनसे पूछा कि mam there are many stories in india why you chose this only?
तो मैडम का जवाब था कि मेरा मकसद है अनपॉपुलर हिस्ट्री को पॉपुलर करना|
युवा मित्र फिर बताता है कि उस मैडम ने इस किस्से को हिटलर के नाजिज्म से जोड़ के प्रस्तुत किया|
मेरी प्रतिक्रिया: एंटी-जाट लोगो तुम किस नीचता तक गिरोगे? खैर तुम पड़ो कुँए में या निकलो झेरे में, मेरी बला से| मेरी प्रतिक्रिया तो सिर्फ मेरे जाट समाज के युवा, विद्वान व् बुद्धिजीवी वर्ग से है कि:
1) सर्वप्रथम तो आप भगत फूल सिंह जी द्वारा हिन्दू धर्म, आर्य समाज, गौसेवा और हिन्दू से मुस्लिम बनाने हेतु लोगों के शुद्धिकरण के लिए किये कार्यों बारे पढ़ें| उन्होंने 1916 से ले 1938 तक के काल में भिन्न-भिन्न मौकों पर समालखा व् उस वक्त के पंजाब के कई अन्य स्थानों पर कई गौहत्थे नहीं खुलने दिए| आपने 1920 में गुरुकुल भैंसवाल और 1936 में गुरुकुल खानपुर की स्थापना की| 1928-29 में होडल और पलवल के मुस्लिम जाट शुद्धिकरण करके वापिस हिन्दू बनाये| 1940 में गाँव मोठ में मुस्लिम रांघड़ चमारों का कुआँ नहीं बनने दे रहे थे परन्तु आपने 23 दिन तक आमरण अनशन करके कुआँ बनवाया और उसी कुँए के पानी से अनशन तोड़ा| 1941 के लोहारू कांड में आर्य समाज बनाम मुस्लिम जिरह में लाठियां खाई, मूर्छा झेली| और फिर तब हिन्दू धर्म और आर्यसमाज की सेवा के फलस्वरूप आपसे द्वेष खाए बैठे मुस्लिमों ने 1942 में घात लगाकर आपको मार दिया|
2) इन मैडम जैसे दोमुहें सांपों से जाट युवा और बुद्धिजीवी सावधान व् सतर्क रहें| ऐसे लोगों के बारे इनके उगले इन जहरों को दबावें ना, छुपावें ना अपितु मान-प्रतिष्ठा के साथ अपने बच्चों और युवा को बता के ऐसे लोगों से उनको सचेत करें|
3) हर खाप, हर गाँव और हर गोत अपने-अपने इतिहास, इसकी मुख्य तिथियाँ और हस्तियां अपने बच्चों को जरूर बतावें ताकि ऐसे लोगों के बरगलाने से ना सिर्फ बच सकें अपितु ऐसे लोगों का विरोध भी कर सकें|
4) ऐसे एंटी-जाट लोगों और इनके बनाये धर्म के लिए जाट अगर अपने प्राण भी दे देवें तो आपका क्या स्तुति गान यह लोग करेंगे, इसकी जीती-जागती मिशाल हैं यह मैडम| इसलिए ऐसी मैडम और इनके समुदाय के लोगों के किसी भी प्रकार के धार्मिक एजेंडा या देशभक्ति एजेंडा के बहकावे में जाट युवा ना आवें और इन मामलों में अपना मार्ग अपना इतिहास (हो सके तो सीधा अपने बड़ों और बुजुर्गों से) जान के ही निर्धारित करें|
चलते-चलते मैडम नोनिका दत्ता से सविनय निवेदन: मैडम सुना है आप उसी बंगाल की हैं जिनके लिए वृन्दावन विधवा आश्रम बनाये गए हैं और अस्सी प्रतिशत आपकी ही कौम की बंगाली विधवाएं इन आश्रमों में रहती हैं| मैडम आपसे निवेदन है कि आप पहले अपने इतिहास और आपके समाज में औरतों के साथ होते वृन्दावन जैसे सामूहिक सार्वजनिक सर्वविदित सामाजिक अपराध का अध्यन कर, उनको मुक्त करवा लेवें; जाट तो खुद को संभालने में पहले भी सक्षम थे और आज भी हैं| और जैसे आप जहर उगल रही हैं ऐसे जरियों से ना तो जाट इतिहास में दबा या बदनाम हुआ और ना ही अब आप कुछ कर पाएंगी, क्योंकि हमारा युवा अब जो भी बाहर या आप जैसों के भाषणों में सुन के आता है आके अपने समाज से साझा करने लगा है|
मैडम का जाट कौम का बताया यह इतिहास साझा करने हेतु ब्रदर आपका धन्यवाद| जाट युवा ऐसे ही दिखती-सुनती-मिलती जानकारियों को साझा करते रहें, हम आपके बड़े उसकी सच्चाई आपको बताने हेतु आपके पीछे खड़े हैं|
विशेष: हालाँकि मैं खुद भी इन मैडम को यह प्रतिक्रिया पहुंचाउंगा, फिर भी इसको इन मैडम तक पहुंचाने वाले का पहले से धन्यवाद!
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
युवा विद्यार्थी मित्र ने बताया कि मैडम ने भाषण में कुछ ऐसे बातें रखी, "जो भैंसवाल-गोहाना की तरफ के मलिक जाट हैं जो भगत फूल सिंह को अपना हीरो मानते हैं, भगत फूल सिंह और वहाँ मलिक व् अन्य गोतों के लोकल जाटों ने उनके साथ मिलके बहुत गंदे काम किये हैं| यह कहते हुए उसने कहा कि भगत फूल सिंह ने निजी तौर पर हत्याएं तक की थी| मैडम यहीं नहीं रूकती कहती हैं कि 1947 के दंगों में गठवाला जाटों ने मुस्लिमों को मार दिया, उनके जन-धन को जला दिया, जितने गंदे काम हो सकते थे उतने किये| और मैडम भाषण में ही दावा करती हैं कि यह सब बातें उनको भगत फूल सिंह जी की बेटी बहन सुभाषिनी जी ने खुद बताई| और जाटों को क्रूर दिखाते हुए आगे जोड़ती हैं कि और इसीलिए आज गोहाना-रोहतक-सोनीपत-जींद की तरफ आपको कोई मुस्लिम नहीं दिखेगा|"
मित्र आगे बोला कि एक छात्रा ने जब उनसे पूछा कि mam there are many stories in india why you chose this only?
तो मैडम का जवाब था कि मेरा मकसद है अनपॉपुलर हिस्ट्री को पॉपुलर करना|
युवा मित्र फिर बताता है कि उस मैडम ने इस किस्से को हिटलर के नाजिज्म से जोड़ के प्रस्तुत किया|
मेरी प्रतिक्रिया: एंटी-जाट लोगो तुम किस नीचता तक गिरोगे? खैर तुम पड़ो कुँए में या निकलो झेरे में, मेरी बला से| मेरी प्रतिक्रिया तो सिर्फ मेरे जाट समाज के युवा, विद्वान व् बुद्धिजीवी वर्ग से है कि:
1) सर्वप्रथम तो आप भगत फूल सिंह जी द्वारा हिन्दू धर्म, आर्य समाज, गौसेवा और हिन्दू से मुस्लिम बनाने हेतु लोगों के शुद्धिकरण के लिए किये कार्यों बारे पढ़ें| उन्होंने 1916 से ले 1938 तक के काल में भिन्न-भिन्न मौकों पर समालखा व् उस वक्त के पंजाब के कई अन्य स्थानों पर कई गौहत्थे नहीं खुलने दिए| आपने 1920 में गुरुकुल भैंसवाल और 1936 में गुरुकुल खानपुर की स्थापना की| 1928-29 में होडल और पलवल के मुस्लिम जाट शुद्धिकरण करके वापिस हिन्दू बनाये| 1940 में गाँव मोठ में मुस्लिम रांघड़ चमारों का कुआँ नहीं बनने दे रहे थे परन्तु आपने 23 दिन तक आमरण अनशन करके कुआँ बनवाया और उसी कुँए के पानी से अनशन तोड़ा| 1941 के लोहारू कांड में आर्य समाज बनाम मुस्लिम जिरह में लाठियां खाई, मूर्छा झेली| और फिर तब हिन्दू धर्म और आर्यसमाज की सेवा के फलस्वरूप आपसे द्वेष खाए बैठे मुस्लिमों ने 1942 में घात लगाकर आपको मार दिया|
2) इन मैडम जैसे दोमुहें सांपों से जाट युवा और बुद्धिजीवी सावधान व् सतर्क रहें| ऐसे लोगों के बारे इनके उगले इन जहरों को दबावें ना, छुपावें ना अपितु मान-प्रतिष्ठा के साथ अपने बच्चों और युवा को बता के ऐसे लोगों से उनको सचेत करें|
3) हर खाप, हर गाँव और हर गोत अपने-अपने इतिहास, इसकी मुख्य तिथियाँ और हस्तियां अपने बच्चों को जरूर बतावें ताकि ऐसे लोगों के बरगलाने से ना सिर्फ बच सकें अपितु ऐसे लोगों का विरोध भी कर सकें|
4) ऐसे एंटी-जाट लोगों और इनके बनाये धर्म के लिए जाट अगर अपने प्राण भी दे देवें तो आपका क्या स्तुति गान यह लोग करेंगे, इसकी जीती-जागती मिशाल हैं यह मैडम| इसलिए ऐसी मैडम और इनके समुदाय के लोगों के किसी भी प्रकार के धार्मिक एजेंडा या देशभक्ति एजेंडा के बहकावे में जाट युवा ना आवें और इन मामलों में अपना मार्ग अपना इतिहास (हो सके तो सीधा अपने बड़ों और बुजुर्गों से) जान के ही निर्धारित करें|
चलते-चलते मैडम नोनिका दत्ता से सविनय निवेदन: मैडम सुना है आप उसी बंगाल की हैं जिनके लिए वृन्दावन विधवा आश्रम बनाये गए हैं और अस्सी प्रतिशत आपकी ही कौम की बंगाली विधवाएं इन आश्रमों में रहती हैं| मैडम आपसे निवेदन है कि आप पहले अपने इतिहास और आपके समाज में औरतों के साथ होते वृन्दावन जैसे सामूहिक सार्वजनिक सर्वविदित सामाजिक अपराध का अध्यन कर, उनको मुक्त करवा लेवें; जाट तो खुद को संभालने में पहले भी सक्षम थे और आज भी हैं| और जैसे आप जहर उगल रही हैं ऐसे जरियों से ना तो जाट इतिहास में दबा या बदनाम हुआ और ना ही अब आप कुछ कर पाएंगी, क्योंकि हमारा युवा अब जो भी बाहर या आप जैसों के भाषणों में सुन के आता है आके अपने समाज से साझा करने लगा है|
मैडम का जाट कौम का बताया यह इतिहास साझा करने हेतु ब्रदर आपका धन्यवाद| जाट युवा ऐसे ही दिखती-सुनती-मिलती जानकारियों को साझा करते रहें, हम आपके बड़े उसकी सच्चाई आपको बताने हेतु आपके पीछे खड़े हैं|
विशेष: हालाँकि मैं खुद भी इन मैडम को यह प्रतिक्रिया पहुंचाउंगा, फिर भी इसको इन मैडम तक पहुंचाने वाले का पहले से धन्यवाद!
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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