Friday, 4 December 2015

कौन कहता है कि जाट को बीजेपी/आरएसएस की सरकार आने से सिर्फ नुकसान ही हुआ है?

एकमुश्त आरएसएस/बीजेपी का राज आने से हरयाणा में इतना तो फायदा हुआ है कि कल तक जो दलित जाट में ही अपना सबसे बड़ा दुश्मन देखता था या उसको प्रोपगैंडे करके जाट को उसका सबसे बड़ा दुश्मन दिखाया जाता था, आज उसको असली और सीधा दुश्मन स्पष्ट नजर आने लगा है|

समझ तो पिछड़े को भी आ गया है कि उसका असली दुश्मन कौन है, उदाहरण के तौर पर बिहार; परन्तु हरयाणा में शायद राजकुमार सैनी जैसे प्रोपगैंडा के तहत लांच किये लीडरों की वजह से हरयाणा का पिछड़ा अभी जल्दबाजी में नहीं दिखना चाहता| कोई नी, हर फसल खरीद पर ऐसे ही अभी हाल के हुए "धान खरीद घोटाले" होते रहे तो पिछड़ी जातियों में किसान-वर्ग की जातियों वाले पिछड़े को तो पांच साले होते-होते जरूर दिखने लग जायेगा|

अत: क्या यह फायदा किसी भी बड़ी ग्रांट या योजना से कम है कि इनकी बदौलत दलित को अब सीधा और असली दुश्मन दिखने लगा है| बस जो वर्ण और जाति की उंच-नीचता में पड़ा जाट है, अब वो भी इस उंच-नीचता को उन्हीं पर उड़ेल दे जो इसके रचियता हैं|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

No comments: