अपने बच्चों को बड़े प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले जरा चौंक जाएँ और चेक
करें कि आपका बच्चा उसकी क्लास के कौनसे सेक्शन में है क्योंकि इन स्कूलों
में एक क्लास के तहत सेक्शन बनाने के यह पैमाने सामने निकल के आ रहे हैं:
1) ब्राह्मण-बनिया-अरोड़ा/खत्री का बच्चा ऐसे स्कूलों के "A" सेक्शन में पढ़ाया जा रहा है और उनके लिए अलग से टीचर आता है जिसको 20 हजार या इससे ऊपर की सैलरी दी जाती है|
2) जाट-राजपूत-बिश्नोई-रोड़ व् अन्य किसानी जातियों के बच्चे "B" सेक्शन में पढ़ाये जा रहे हैं और इनको पढ़ाने वाले टीचर्स को 7-10 हजार सैलरी दी जा रही है|
3) ओबीसी, एससी/एसटी है के बच्चे को 'C' सेक्शन में पढ़ाया जा रहा है और टीचर को सैलरी दी जा रही है 5-7 हजार रूपये|
मेरे को इस व्यवस्था के कई भुग्तभोगियों ने यह बातें बताई हैं जिसके बाद से मैं हरयाणा के तमाम जिलों से इन बातों पर जानकारी जुटाने में जुटा हुआ हूँ और हो सका तो जल्द ही ऐसे स्कूलों की लिस्ट आपके समक्ष लाऊंगा| तब तक आप भी पता करवाइये कि अगर आपके बच्चे भी इन जैसे स्कूलों में पढ़ते हैं तो कहीं उनको भी इसी पैटर्न पर तो नहीं पढ़ाया जा रहा है| और आप भरम में जी रहे हों कि हम तो अपने बच्चे को फलां-फलां प्राइवेट स्कूल में इतनी महँगी फीस पे पढ़ा रहे हैं|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
1) ब्राह्मण-बनिया-अरोड़ा/खत्री का बच्चा ऐसे स्कूलों के "A" सेक्शन में पढ़ाया जा रहा है और उनके लिए अलग से टीचर आता है जिसको 20 हजार या इससे ऊपर की सैलरी दी जाती है|
2) जाट-राजपूत-बिश्नोई-रोड़ व् अन्य किसानी जातियों के बच्चे "B" सेक्शन में पढ़ाये जा रहे हैं और इनको पढ़ाने वाले टीचर्स को 7-10 हजार सैलरी दी जा रही है|
3) ओबीसी, एससी/एसटी है के बच्चे को 'C' सेक्शन में पढ़ाया जा रहा है और टीचर को सैलरी दी जा रही है 5-7 हजार रूपये|
मेरे को इस व्यवस्था के कई भुग्तभोगियों ने यह बातें बताई हैं जिसके बाद से मैं हरयाणा के तमाम जिलों से इन बातों पर जानकारी जुटाने में जुटा हुआ हूँ और हो सका तो जल्द ही ऐसे स्कूलों की लिस्ट आपके समक्ष लाऊंगा| तब तक आप भी पता करवाइये कि अगर आपके बच्चे भी इन जैसे स्कूलों में पढ़ते हैं तो कहीं उनको भी इसी पैटर्न पर तो नहीं पढ़ाया जा रहा है| और आप भरम में जी रहे हों कि हम तो अपने बच्चे को फलां-फलां प्राइवेट स्कूल में इतनी महँगी फीस पे पढ़ा रहे हैं|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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