Monday, 3 October 2016

एक अंधभक्त बोला, मुझे एक ऐसा वाकया दिखाओ जब मुस्लिमों ने जाटों के साथ निभाई हो!

मखा तू, एक नहीं ऐसे तीन वाकये ले:

1) चौधरी सर छोटूराम का धर्मरहित हिन्दू-मुस्लिम-सिख धर्म के किसानों का गठजोड़| जिसने मिलके यूनाइटेड-पंजाब में ऐसी धनाढयता की खुशहाली और सौहार्द की हरियाली छटा बिखेरी कि हरयाणा-पंजाब के किसानों की हवेलियों पे मोरनियां चढ़ गई थी|

"हवेली पे मोरनी" चढ़ने का मतलब है कि इस क्षेत्र के जिस किसान की मकान/हवेली पर मोरनी की फिरकी (जैसे फ्रांस में ख़ास घरों व् चर्चों पर मुर्गे की फिरकी चरणाती है) चरणाई यानी चढ़ाई गई, वो इलाके का माना हुआ रईस माना जाता था| यह "हवेलियों-मकानों पर मोरनी चढाने की परम्परा जाटों में खासतौर से होती आई|

2) चौधरी चरण सिंह का वो मुस्लिम-जाट गठजोड़ जिसने पूरे वेस्ट यूपी को निहाल कर दिया, धनाढ्यता से भर दिया| और आज जब से यह गठजोड़ टूटा पड़ा है, तो पूरे वेस्ट यूपी में क्या जलालत पसरी पड़ी है, यह किसी की नजरों से ओझल बात नहीं|

3) बाबा महेंद्र सिंह टिकैत का वो मुस्लिम-जाट गठजोड़, जब बाबा स्टेज से हलकारा देते थे "अल्लाह-हु-अकबर" तो भीड़ से आवाज आती थी "हर-हर-महादेव" और जब वो हलकारा देते "हर-हर-महादेव" तो भीड़ से आवाज आती थी "अल्लाह-हु-अकबर"।

मखा, यह विभिन्न धर्मों को मॉस-लेवल (mass level) पर एक साथ जोड़ के चलने की मैनेजमेंट सिर्फ जाटों ने इस देश में चलाई और जब-जब चलाई वो इलाके और वहाँ के हर धर्म के बन्दे ना सिर्फ धनाढ्य बने बल्कि इंसान बने| और जो तुम लोग बना रहे हो वो इंसान नहीं सिर्फ ट्रैंड जानवर बना रहे हो; जो मालिक कहे तो भोंके, मालिक कहे तो काटे|

खैर छोड़, यह तो हुए, तुम्हारे पूछे जाट-मुस्लिम के वो वाकये जब इनका गठजोड़ हुआ तो धरती पर धनाढ्यता, सम्पन्नता, साहौर्द और उल्लास पसरा| अब मखा तू मुझे एक उदाहरण ऐसा दे दे इन जाट बनाम नॉन-जाट चिल्लाने वालों का, जब यह जाट के साथ शांति से रहे हों; बराबरी से मिलके धन-शक्ति-सम्पन्नता अर्जित की हो?
तुम बड़ा उलाहना देते हो ना कि मैं क्यों इतना मुस्लिम प्रेम दिखाता हूँ; मखा तुम दिखा दो इन जाट बनाम नॉन-जाट फैलाने वालों के ऐसे एक-दो किस्से, फिर जिसके कहोगे उसके प्रति भी प्रेम दिखा लूंगा| 


जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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