अरे रलदू, भाई
जरा पहुँचाना इस बात को "हिन्दू एकता और यूनिटी" चिल्लाने वाले अंधभक्तों
तक; उनमें भी खासकर जाट अंधभक्तों तक तो जरूर से जरूर पहुँचवा भाई!
जिन्होनें हिंदुत्व के नाम पर इनके गलों-पेटों व् दान-पेटियों में अपने घर
के घर उड़ेल दिए| और पुछवा कि पंजाब केसरी की इस "हिन्दू एकता" तोड़ने वाली
बात के विरोध में कितने आरएसएस वालों ने, कितने अन्य हिन्दू संगठनों ने
पंजाब केसरी के कौनसे-कौनसे दफ्तर के आगे धरना दिया या इसका खंडन ही किया?
यही देश का चौथा स्तम्भ होने का दायित्व होता है क्या इन अखबारों का?
यही देश का चौथा स्तम्भ होने का दायित्व होता है क्या इन अखबारों का?
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