आं रै हरयाणवियो, जब थारी बची-खुची सामलात की जमीनों पर भी मोदी-शाह शरणार्थियों को बसा देंगे तो तब जा के मुंह खोलोगे क्या CAB जैसे स्थानीय लोगों के अस्तित्व को ही खत्म कर देने वाले इस कानून पर? और स्थानीय शेड्यूल कास्टस को कहाँ से मिलेंगे फिर 100-100 गज के प्लॉट्स, अगर शरणार्थी यहाँ बसा दिए तो? अचरज है कि हरयाणवी सेड्यूल्स भी इसपे चुप हैं या इसकी गंभीरता को समझा नहीं शेड्यूल अभी तक? पूर्वोत्तर राज्यों वालों के साथ इस विरोध में सुर क्यों नहीं मिला रहे हो? और किधर गए 75% नौकरियां स्थानीय हरयाणवियों के लिए सुनिश्चित करने वाले? CAB जैसे अति-गंभीर मुद्दों पर चुप रहने से सुनिश्चित होंगी क्या यह 75% नौकरिया? या छोटे मोदी साबित होवोगे कि जुमलेबाजी करके हरयाणवी यूथ के वोट लिए और खिसक लिए? देख लेना मैंने "साबित होवोगे" कहा है फ़िलहाल "साबित हो गए नहीं" कहा|
बोल पड़ो क्यों सोये पड़े हो? थारे 100-100 गज के प्लॉट्स और सामलात तो क्या थारे, लाल-डोरे तक में घुसा देंगे इनको यह और खट्टर इसकी तैयारी भी कर रहा है| बाहर आ जाओ यह धर्म या राष्ट्रवाद जिस किसी भी अफीम में बेहोश हुए पड़े हो अगर| पहले ही जमीनें-प्लॉट्स नहीं रही, छोरों के ब्याह तक ना हो रहे| खट्टर के भरोसे मत बैठना, वह तो नागपुर वालों का गुलाम है; चुसकेगा भी नहीं|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
बोल पड़ो क्यों सोये पड़े हो? थारे 100-100 गज के प्लॉट्स और सामलात तो क्या थारे, लाल-डोरे तक में घुसा देंगे इनको यह और खट्टर इसकी तैयारी भी कर रहा है| बाहर आ जाओ यह धर्म या राष्ट्रवाद जिस किसी भी अफीम में बेहोश हुए पड़े हो अगर| पहले ही जमीनें-प्लॉट्स नहीं रही, छोरों के ब्याह तक ना हो रहे| खट्टर के भरोसे मत बैठना, वह तो नागपुर वालों का गुलाम है; चुसकेगा भी नहीं|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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