Sunday, 24 May 2020

चंद्रप्रकाश कथूरिया का भाजपा से 6 साल के लिए निलंबन अत्याचार है उन पर!

पहले 498A यानि एडलट्री की कानूनी धारा तुम खुद हटाते हो और तो और समलैंगिक प्रेम की धारा 377 तक तुम लागू करते हो| बल्कि इन दोनों को लागू करने बारे, पब्लिक में छीछालेदार भी हुए हो| जब इतनी छिछालेदारी सहन करी और फिर कोई कथूरिया जैसा शरीफ इंसान उसका पालन करे तो पार्टी से निकाल बाहर करते हो, किस आधार पर? चरित्रहीनता के आधार पर या क्राइम के आधार पर? दोनों ही लागू नहीं होते बंदे पे| यह दोगलापन क्यों फिर?

और ऐसे ही ना वह औरत दोषी है, जिसकी वीडियो वायरल की गई है| भला क्यों, जब तुम खुद कानून बना के "एक्स्ट्रा-मेरिटल-अफेयर" को कानूनी वैधता दिये हो तो करने दो लोगों को उसका पालन|

अन्यथा वो "900 चूहे खा के बिल्ली हज को चली" तर्ज पर इतनी मोरल पोलिसिंग का शौक चढ़ा है तो फिर यह 498A पुराने रूप में ही रहने दो और 377 को बंद कर दो|

ओ हो शुक्र मनाओ यह तो भाजपा ने निलंबित किया! तमाशा तो तब देखते जब अगर कोई जाट खाप पंचायत टाइप बॉडी ऐसे ही किसी अवैध-संबंध वाले को "गाम निकाला दे देती" या "हुक्का-पानी बंद कर देती" या "समाज से गिरा देती"| यही मीडिया में बैठे पिलुरे क्या-क्या तोड़ पाड़ देने वाले शब्द ढूंढ-ढूंढ कर लाते, "तालिबानी लोग", "क्रूर-निर्दयी इंसानियत के दुश्मन, गंवार जाहिल लोग, "कंगारू कोर्ट्स चलाने वाले रूढ़िवादी-तकियानूसी" पता नहीं क्या-क्या फूट पड़ता इनकी जुबान व् कलम दोनों से|

वो मेरी दादी वाली बात, "ऐ जाओ ना उठाईगीरों" देखी तुम्हारी आधुनिकता और खुलापन; दो मर्जी से प्यार करने वाले नहीं सुहाते तुम्हें, वह भी तुम्हारे बनाये कानूनों पर चलते हुए|

चिंतन कीजिये: क्या तो उस औरत की वीडियो वायरल करने से होगा और क्या कथूरिया को पार्टी से निलंबित करने से होगा? करना है कुछ, माथा मारना है तो बोलो इन कानून बनाने वालों को कि 498A पुनर्बहाल हो व् 377 खत्म हो| 498A हटा के जो गदर मचाने का हक तुमने खुद दिया हुआ है मैरिड-कपल्स को इतना गदर तो वेस्टर्न कंट्रीज में भी नहीं है; जिनको अक्सर तुम तुम्हारे कल्चर-वैल्यू सिस्टम को बिगाड़ने की तोहमद रखते रहते हो| यहाँ मैरिड आदमी हो या औरत, ब्याहता के अलावा किसी के साथ दिख भी जाता है तो मात्र इस बात पे भी तलाक हो जाते हैं यहाँ| और इसीलिए ज्यादा तलाक होते हैं यहाँ| तुमसे-हमसे तो ज्यादा चरित्रवान फिर यह लोग हुए, या नहीं हुए?

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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