Monday 7 September 2020

आदरणीय कृष्णचन्द्र दहिया सर आपकी "जाट कृषि व् इतिहास" बारे लेखनी में एक छोटा सा सुझाव!

क्योंकि आप शुद्ध जाट इतिहास पर पुस्तक लिख रहे हैं तो इसको इसके शुद्धतम रूप तक ले जाने बारे कुछ विचार आये, जो इस प्रकार हैं|

"जाट संस्कृति" शब्द की जगह "जाट की जाटियत", "जाट की जातकी" या "जाट का जाटपन" या फिर सिर्फ "जाट इतिहास" जैसा कोई उचित शब्द प्रयोग कीजिए क्योंकि संस्कृति शब्द एक भाषा संस्कृत से घड़ा गया शब्द है| और यह पैटर्न सिर्फ संस्कृत को छोड़ किसी भी अन्य भाषा में देखने को नहीं मिलता| इंग्लिश देख लीजिये उसमें इसका वर्ड "कल्चर (culture) है ना कि संस्कृति की तरह इंग्लिश से "इंग्लिशिति" टाइप कुछ; फ्रेंच देख लीजिये इसमें इसका शब्द कुल्चर (culture) है ना कि संस्कृति की भांति "फ्रेंचीति"| इन्होनें सिर्फ संस्कृत बोलने भर वालों के लिए बना दिया है संस्कृत-संस्कृति-संस्कार; जबकि इसमें व्यवहार नगण्य है या है तो वह सिर्फ संस्कृत बोलने-बरतने वालों तक को ही रिप्रेजेंट करता है|

तो जब ऐसे ही प्रेजेंट करवाना है तो मेरे ऊपरी पहरे की प्रथम लाइन में दिए सुझाव से क्यों ना किया जाए? यानि जैसे भाषा से ही संस्कृति बनती है तो फिर हरयाणवी से "हरयाणवी-हरयाणी-हरयाणत-हरयाणव" होना चाहिए और जातकी भाषा से "जातकी-जाटियत-जाटपन-जाट" जैसा कोई उचित शब्द प्रयोग करें (सुझाव ऊपर दिए)| क्योंकि और जैसा कि ऊपर कहा जब किताब शुध्द जाट पर लिखी जा रही है तो जातकी उसकी भाषा रही है, उसी के अनुरूप यह शब्द होना चाहिए यानि जाट संस्कृति नहीं अपितु "जाट की जाटियत" या "जाट का जाटपन" या "जाट की जातकी" या जाट का इतिहास" या संस्कृति तर्ज पर शब्द चाहिए तो "जाट की जटिति" टाइप कुछ हो|

हालाँकि मार्केटिंग के उद्देश्य से देखा जाए तो ब्रैकेट में (संस्कृति) शब्द प्रयोग कर सकते हैं, जैसे "जाट की जटिति (संस्कृति)" या फिर "जाट कल्चर" ही रख लीजिये इससे भी ज्यादा व्यापक शब्द है यह|

हमें यह चीज भी समझने की जरूरत है कि विश्व में कहीं भी अन्य भाषा में ऐसा पैटर्न ही नहीं है कि culture जैसे चीज को agriculture के बजाये भाषा से निकाला गया हो, बल्कि आपके ही एक लेख में पढ़ा था कि इंग्लिश हो या फ्रेंच इनके यहाँ cult शब्द से agriculture व् culture निकले हैं तो यह शब्द भाषा से कैसे निकल सकता है फिर? और क्योंकि आप तो "जाट की जटिति यानि संस्कृति" के नाम पर ला ही agriculture मुख्यत: रहे हो तो फिर शब्दों का चुनाव भी उसी के अनुरूप हो| हालाँकि संस्कृत एक अच्छी भाषा है, इससे मेरा भी प्रेम है, धातु-रूप मुझे भी आजतक याद हैं परन्तु इसी का लॉजिक लिया जावे तो जैसे संस्कृत-संस्कृति-संस्कार हैं ऐसे ही जातकी-जटिति-जाटियत-जाटपन होना चाहिए या जाट के सबसे नजदीक लगती दो भाषाएँ हरयाणवी व् पंजाबी से ड्राइव किया जाए इस शब्द को| बाकी आपका विजडम|

चलते-चलते, एक शब्द पर और प्रकाश डाल दूँ; वह है universe| इंग्लिश हो या हिंदी, फ्रेंच हो या उर्दू क्या इनमें किसी भी भाषा में यह शब्द किसी जाति या वर्ण से निकला हुआ है या नश्ल-न्यूट्रल है? नश्ल-न्यूट्रल है ना? तो फिर यह ब्रह्म-ब्राह्मण-ब्रह्मा-ब्रह्मचारी-ब्रह्माण्ड क्यों हैं अगर यह हिन्दू धर्म की सम्पूर्ण जातियों-वर्णों को ही मान लो रिप्रेजेंट करते हैं तो? यूँ तो फिर इस तर्ज पे मैं जाट-जाटपन-जट्टा-जट्टचरयता-जाटांड क्यों ना कहने लग जाऊं; अगर इतना ही आत्म-जाति या वर्ण मुग्ध (आत्मुग्ध ) होने की बात है तो या नहीं?

Note: क्योंकि शुद्ध जाट चीजों पर पुस्तक ला कर आप जाट को इन विसंगतियों से निकालते प्रतीत होते हैं तो आशा है कि यह सुझाव आपके इस उद्देश्य में कुछ कारगर सिद्ध होवे|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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