Friday, 25 December 2020

यह खुद को ऊँचा व् श्रेष्ठ समझने की मरोड़ उनको दिखाना!

अगर चौधरी राकेश टिकैत वाली कॉल पे भी फंडी अपनी औकात दिखाने पर उतारू हैं और इनका थोथा अहम् व् अकड़ बात के मर्म को समझने की बजाए बेफालतू की रस्सकशी दिखा रहा है तो चलो चलिए फिर सिखी में; हमें हमारी खाप-खेड़े-खेत की हिस्ट्री वहाँ कैसे संभाल के रखनी है, वह गल-बातें मिल-बैठ के निर्धारित कर लेंगे| यह तो क्या इनके तो फ़रिश्ते भी "जाट जी" व् "जाट देवता" लिख-लिख ग्रंथ पाथ के पीछे-पीछे मान-मनुहार करते आएंगे 1875 वाले सत्यार्थ प्रकाश वाले दयानन्द ऋषि की भांति| सों नगर खेड़ों की, अबकी बार यह जितनी स्तुति मानमनुहार करें, रुकना नहीं, मुड़ के देखना नहीं| म्हारे पुरखों ने "दान में धौळी की जमीन" दे-दे 95% जमींदार बनाए ये और हमारे पे ही घुर्रा रहे| बेगैरत बेशर्मी बेहयाई की भी कोई हद होती है| इज्जत से इनको हाथ जोड़ो और कह दो कि आदरणीय म्हारा पैंडा छोड़ो बस|

होगे तुम उनके लिए बड़े जो तुम्हारी चतुर्वर्णीय व्यवस्था को मानते हैं; हमारे पुरखे तो तुम्हारे साथ तब रुके थे जब ग्रंथों में "जाट जी" लिखे थे| वह इज्जत-अहमियत लेने-देने की मान-मर्यादा मिटाते हो या उससे बाहर आते हो तो म्हारी तरफ से "नगर खेड़े की जय"| बराबर की इज्जत-मान-सम्मान से साथ रहना है तो 14 बार घसो-बसों अन्यथा जाटों के नहीं लगते तल्लाकी भी| अपनी यह खुद को ऊँचा व् श्रेष्ठ समझने की मरोड़ उनको दिखाना जिनसे ना कभी धन के दान लिए हों, ना जमीनों के दान लिए हों व् ना उनको कभी "जाट जी" कह के लिखा हो तुम्हारे पुरखों ने|
ये मनोहर लाल खट्टर चाहे हर्षवर्धन शर्मा की ले फरसा गर्दन काटने दौड़े या योगेश्वर दत्त को बरोदा चुनाव में टिकट मिलने पे उसकी लंगर वाले कुत्ते से तुलना करे; तब चूं ना हुई इनसे थोड़ी भी, अब चौधरी राकेश टिकैत ने लंगर बारे राह-लगती बात क्या कह दी; लगे बिलबिलाने| विरोध करने में भी दोगलापन इनके तो| वैसे तो खापलैंड के मामले में पहले भी थी परन्तु पिछले 1-2 दशक में बेहिसाबे मुंह लगाए जाने की वजह से ज्यादा ऊपर को मुंह हो लिए हों तो कोई ना, म्हारे पुरखों ने थारे पे "जाट जी" व् "जाट देवता" लिखवाई-कुहाई, तुम्हें भी उसी लाइन नहीं लाये तो हम क्या अपने पुरखों के जाम कुहाए| "माँ तो चौथी-चौथी को फिरै और बेटा बिटोड़े ही बिसाह दे" वाली मचा राखी जमा| राह लगती बात बोलने के भी चोर बनाना चाहे रे|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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