कहते हैं कि दूध का जला छाज को भी फूंक-फूंक कर पीता है, जून 1984 व् फरवरी 2016 में फंडवाद व् वर्णवाद की सड़ांध मारती धधकती ज्वाला झेल चुके क्रमश: पंजाबी व् हरयाणवी किसान की वर्तमान किसान आंदोलन में भागीदारी कुछ इसी लाइन पर नजर आती है| यूथ-मेच्योर-वृद्ध किसान सचेत है, होश में है, फंडी जैसे धूर्त दुश्मन की हर चाल से वाकिफ व् अनुभवी है| जिसके लिए तमाम किसान जत्थेबंदियों को बारम्बार सलाम है|
बड़े-बड़े प्रोफेस्सोर्स, ह्यूमन साइंटिस्ट्स, रिसर्चर्स, बिज़नेसमैन्स, मैनेजर्स, डायरेक्टर्स, CEO तक अचम्भित हैं कि जिनको अक्सर मनुवाद-वर्णवाद के घमंड में सड़ती हुई भारतीय वर्णव्यवस्था के स्वघोषित ज्ञान के कीड़े ढंग से इंसान बराबर भी नहीं समझते, वह हर प्रकार के MBA, CA, PhD, IAS, IPS की डिग्रियों व् ओहदों वालों और तथाकथित गुरुओं को भी अचम्भे में डाले हुए हैं व् उस कहावत को साबित कर रहे हैं कि, "पढ़े हुए से कढ़ा हुआ, ज्यादा कामयाब कारगर होता है"| यह कोरी मिथ्या है कि अक्षरी ज्ञान वाला पढ़ालिखा या विद्वान् होता है; विद्वत्ता अनुभव व् सालीन सभ्यता से आती है; जो कि आज 57 दिन के हो चले इस किसान आंदोलन के जर्रे-जर्रे से बोल रही है|
परन्तु यह ध्यान रहे कि मुकाबला धूर्तता की हद से आगे जा के ओछे-हथकंडों वाली गुंडई मानसिकता से है, जिसका एक नमूना आज रात सिंघु बॉर्डर पर किसान जत्थेबंदियों के ठीकरी-पहरेदारों की मुस्तैदी की बदौलत हाथ लगे उस लड़के के ब्यानों से देखने को मिली जिसने देशभर की मीडिया के सामने स्वीकारा कि कैसे कई दस्ते ना सिर्फ किसान आंदोलन को हिंसक बनाने हेतु उतारे गए हैं अपितु कई स्नाइपर्स भी कई किसान नेताओं को गोली मारने हेतु छोड़े गए हैं, जिनमें से कि 4 किसान नेताओं की तो इस लड़के ने फोटो देख के पहचान भी करी| सनद रहे कि आपका मुकाबला आप के तथाकथित धर्म की कहे जाने वाली सरकारों से है, ना अंग्रेजों से न मुग़लों व् ना किन्हीं अन्य विदेशियों से; सर छोटूराम बताए दुनिया के धूर्त्तंम फंडियों से है|
मैं समझता हूँ कि पंजाब से ज्यादा हरयाणा व् वेस्टर्न यूपी के युवाओं के कंधे पर इस 26 जनवरी के ट्रेक्टर मार्च को 7 जनवरी वाले मार्च की तरह सफल बनाने की जिम्मेदारी है तो अवश्य ही अपना फरवरी 2016 के दंश के अनुभव व् सीख का इसमें इस्तेमाल करें व् आपके विरुद्ध आपके बीच हो सकने वाले हर षड्यंत्र व् षड़यंकारी को बाज की भांति वहीँ-की-वहीँ दबोच दें| आपस में इतना तालमेल बना के चलें कि साथ-की-साथ इस बात पर भी आपकी पैनी नजर रहे कि आपके साथ चले रहे ट्रेक्टर वाला कौन है, कहाँ का है| किसी भी अनजान को बीच में ना आने दें, आवे तो परिचय करें-करवाएं व् यकीन होने पर ही स्थान दें, अन्यथा जत्थेबंदियों द्वारा बनाई गई सुरक्षा चैन के तहत बात जिम्मेदार लोगों को तुरंत पहुंचाएं| आपको सिर्फ परेड ही नहीं करनी अपितु अपनी जासूसी कला व् सूझबूझ का भी परिचय देना है|
दुनियां भर के देशों, संसंदों-सांसदों व् किसानों की नजर है आप पर; 26 जनवरी की सलफता से यह लोग बहुत कुछ सीखने को टकटकी लगाए देख रहे हैं| आपकी नियत व् उद्देश्य दोनों इतने सच्चे हैं कि प्रकृति और परमात्मा भी आप किसान लोगों के जरिये जैसे दुनिया के ना सिर्फ किसानों अपितु मजदूरों-व्यापारियों को भी इतने विशालकाय आंदोलनों को सफलतापूर्वक करना सिखाना चाहते हैं, तभी तो सरकार हो या कोई संघ या कोई अन्य एजेंसी के षड्यंत्र आपकी मुस्तैदी इनको हरकत करने से पहले ही दबोच ले रही है| सलाम है आप लोगों की मैनेजमेंट व् कोऑपरेशन को|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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