Wednesday, 27 January 2021

ओबीसी व् एससी/एसटी के मन से फंडी का डाला द्वेष निकालते रहना व् सीधे तौर पर डाइलॉगिंग रखना, जाट यह दो काम निरंतर करता रहे तो इनके बीच से फंडी खत्म:

ओबीसी व् एससी/एसटी जातियों को जाट/जट्ट से तोड़े रखने के लिए इनको भरमाने/भड़काने/बिदकाने के जितने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष प्रयास फंडी करता है, जाट अगर इसके आधे प्रयास भी इन वर्गों के अंदर से यह भरम/भड़क/बिदक दूर करने के करता रहे तो फंडी पैर भी ना मार पाए जाट व् ओबीसी/एससी/एसटी के बीच| और इसका प्रैक्टिकल हमारी टीम ने मेरे गाम में करके देखा है, जिसके दो तरीके के रिजल्ट आए|
एक तो फंडियों ने एससी/एसटी में जाट की व्यर्थ की दबंग/बेरहम/क्रूर की जो छवि बना रखी थी वह उनको समझ आई व् उनके मन के अंदर इस वजह से जाट के प्रति जमी गरद साफ़ हुई|
दूसरा हमने उनको एससी/एसटी के फंडी के साथ रहने के फायदे/नुकसान दिखाए (जो कि वह जानते तो पहले से ही थे परन्तु फंडियों ने जाटों बारे गलत जो फैला रखा था, उस गरद के चलते देख नहीं रहे थे) व् जाट के साथ रहने के फायदे/नुकसान दिखाए तो उनको तस्वीर इतनी साफ़ हुई कि वह इनसे आज उतने ही दूर रहते हैं, जितने फंडियों ने जाटों को इनसे दूर कर दिया था| इसी दौरान एससी/एसटी की जाटों के प्रति शिकायतें/गिले-शिकवे भी जानने को मिले जो कि 90% तो ऐसे मिले जो सिर्फ और सिर्फ इसलिए बने हुए थे कि किसी जाट ने उनसे इन पहलुओं पर कभी बात ही नहीं की थी|
निचौड़ यह निकला कि कोई ओबीसी/एससी/एसटी, फंडी को फूटी आँख पसंद नहीं करता जबकि जाट के साथ ख़ुशी-ख़ुशी रहना चाहता है बशर्ते कि जाट उनसे डाइलॉगिंग बना के रखे| क्योंकि उनका यही कहना था कि जाट तो हमें एक थाली में साथ बैठा कर भी खिला लेता है (इक्का दुक्का को छोड़ कर जो अलगावादी वर्णवादी सोच से ग्रसित होता है) परन्तु फंडी तो 100% हमसे बिदकता है इन मसलों पर| वह हमको जाट के खिलाफ सिर्फ इसलिए कर पाता है क्योंकि जाट हमसे डाइलॉगिंग नहीं रखता जबकि फंडी, हमें जाट से तोड़े रखने हेतु ही डाइलॉगिंग रखता है, ना कि हमारे किसी भले के लिए|
तो फंडियों का क्लेश कटा चाहिए तो अपनी इन साथी बिरादरियों से समाज के स्तर पर डाइलॉगिंग बना के रखिये, इतना ही बहुत फंडी को "जाट बनाम नॉन-जाट" नहीं कर पाने से रोके रखने हेतु|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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