Sunday, 3 January 2021

सुनी है फरवरी महीने में हरयाणा के सभी गामों में फंडी आ रहे हैं एक भव्य धर्मघर के नाम पर चंदा मांगने?

पहली तो बात फंडी क्यों?: सवा महीने से कड़ाके की ठंड में लाखों-लाख किसान सड़कों पे बैठा है, 60 से ज्यादा जान गँवा चुके; ऐसे में उनके साथ संवेदना होने की बजाए इनको अभी भी चंदे की ही पड़ी है; इसलिए यह फंडी हैं| एक तो गुरुद्वारे-मस्जिदों की भांति किसानों का साथ नहीं दे रहे उसपे इतना भी नहीं कि जब तक किसान आंदोलनरत है, तब तक उनके सम्मान में इस चंदा प्रोग्राम को स्थगित ही रखो?

तो ऐसे बेशर्मों क्या इलाज हो सकता है?: जब चंदा मांगने आवें तो इनसे गुहार लगाओ कि चंदा देने लायक हमारी हस्ती बची रहे, इसलिए आरएसएस व् तमाम हिन्दू परिषदों-सभाओं-संगठनों से कह के पहले यह तीनो काले कृषि कानून वापिस करवाओ व् MSP पर कानून बनवाओ; जिससे हमारे बच्चे पालने के ब्योंत भी बचे रहें व् तुम्हें भी कुछ दे सकें|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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