सावधान किसानों: बीजेपी की गुड़गाम्मा वर्कर्स मीटिंग का आउटपुट आ गया है, जिसके तहत बीजेपी/आरएसएस ने किसान को कृषि बिल समझा के कन्विंस करने की बजाए बहकाने हेतु अपना पैंतरा फेंक दिया है| इस पैंतरे के तहत बाबे/मोड्डों की ड्यूटी लगाई गई है कि गाम-गाम शांति के लिए हवन-यज्ञ-महायज्ञ करवाओ| यानि किसानों को तथाकथित शांत करने के लिए अब गाम-गाम शांति के महायज्ञों का प्रपंच होगा और लोगों को ओपरी-पराई शक्तियां उन पर चढ़ी होने, गाम पर चढ़ी होने के फंड रचे जायेंगे ताकि जिससे मर्द किसान ना भी डरें तो उनकी औरतें डरें (क्योंकि औरत का हृदय ज्यादा कोमल होता है, ज्यादा संवेदना वाला होता है) व् अपने मर्दों को घरों पर बैठा लें| कल ही मेरे गाम-गुहांडों में मोड्डों की भरी गाड़ियां देखी गई हैं जो 2 मोड्डे प्रति गाम उतारती है और अगले में चली जाती है| उनसे पूछा जाता है तो कहते हैं कि गाम की शांति हेतु गाम में महायज्ञ करेंगे| क्या मजाक व् संवेदनहीनता है यह, किसान के मुद्दों का अब यूँ मजाक बनाया जाएगा कि इन प्रपंचों से इनके हल निकलेंगे/निकालेंगे?
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