खाप-खेड़ा-खेत कैलेंडर में शामिल होने लायक सबसे प्रमुख जीवित हस्ती - एक देदीप्यमान रौशनी भरे मार्ग के दिग्गज प्रणेता|
इस बार का खाप-खेड़ा-खेत कैलेंडर जब बन रहा था तो "उदारवादी जमींदारी" के परिवेश की "लिटरेचर से संबंधित जिन जिन्दा हस्तियों" का नाम आया उसमें सबसे प्रमुख नाम है "सरदार चौधरी कमांडेंट हवा सिंह सांगवान जी"| परन्तु क्योंकि कैलेंडर में जीवित हस्तियों को जगह नहीं दी जानी थी इसलिए नाम कैलेंडर में नहीं आया| आगे जिन वजहों से आप इस कैलेंडर में स्थान पाएंगे वह हैं:
1) फंडियों की पोल खोलती व् उदारवादी जमींदारों के दिमाग-पट्ट खोलती आपकी लिखी किताबें| आपकी लेखनी ने मेरी समझ दुरुस्त करी कि जैसे फसलों को आवारा जानवरों से बचाने हेतु बाड़ की जरूरत होती है, ऐसे ही नश्लों को फंडी रूपी आवारा जानवर से बचाने हेतु, इनसे नश्लों की बाड़ की जरूरत होती है| आपकी ही लिखी किताबें थी जिनसे मुझे यह समझ आई कि इस विश्व में वास्तविक शूद्र-नीच-अछूत कोई है तो वो जो खुद को वर्णवादी व्यवस्था का धोतक बोलता है| विदित रहे जो इंसान को बराबर का इंसान मानता हो वह अपना भाई, वरना तलाक्की नहीं लगता चाहे जिस वर्ण का हो|
2) आरक्षण की चिंगारी को गाम-गाम गली-गली सबसे पहले व् सबसे व्यापक स्तर पर फ़ैलाने वाली हस्ती के नाम से|
3) इक्कीसवीं सदी में सबसे पहले सिख धर्म अपना कर, समाज के लोगों को इन फंडियों को दुत्कारने की शक्ति व् प्रेरणा बनने के कारण| बेशक कोरोना के चलते आप लोगों को हरमिंदर साहिब की तरफ से कम संख्या में आने का सुझाव था व् आप लोगों ने उसको माना भी परन्तु आप लोगों के इस कदम ने एक बार फिर से समाज को सिखी की तरफ जाने का मार्ग प्रसस्त कर दिया; जिसके कि आने वाले वक्त में व्यापक नतीजे मिलने वाले हैं|
आप को हमेशा साभार याद व् आने वाले इतिहास में हम हमेशा अमर रखेंगे, यह सुनिश्चितता हम आपको देते हैं|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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