हरयाणवी कल्चर में दादा
या तो गाम के खेड़े को कहा जाता है
या तो पिता के पिता को
या गाम के नेग से दादा लगने वाले 36 बिरादरी व् सर्वधर्म के व्यक्ति को
या किसी खाप-तपे के चौधरी को कहा जाता है|
इस परिधि से बाहर आने वाले हर बुजुर्ग को "ताऊ" कहा जाता है, जैसे "ताऊ देवीलाल"|
विशेष: ऊपर लिखित परिधि से बाहर वाले को "ताऊ" कहने के साथ-साथ ताऊ, पिता का बड़ा भाई या गाम के नेग में ताऊ लगने वाले 36 बिरादरी व् सर्वधर्म के व्यक्ति को कहा जाता है|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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