Monday, 29 November 2021

29 नवंबर 2021 का दिन किसान आंदोलन के साथ-साथ "उज़मा बैठक" के लिए बेहद ख़ास है!

आज ही के दिन पिछले साल उज़मा बैठक व् khapland.in की टीम जिसके कि फूल कुमार मलिक, सुरेश देसवाल व् भरत सिंह इंचार्ज हैं; ने अपने अन्य उज़मा साथियों जैसे कि नेपाल सिंह सहरावत, सरला चौधरी, चेतनवीर सिंह, अनीता सिंह, विकास पंवार से मंत्रणा करके निर्धारित किया कि अगर किसान आंदोलन को मनोबल की एक सुनिश्चित ऊंचाई (जिससे कि सरकार भी घबराए) तक मजबूती से खड़ा करना है तो खापों का इसके साथ खड़ा होना बहुत जरूरी है| 

इसके बाद मुख्य जिम्मेदारी संभाली सुरेश देसवाल, फूल कुमार मलिक व् नेपाल सिंह सहरावत की टीम ने|

पहले फेज में यह टीम हरयाणा-दिल्ली की खापों की एक सफल पंचायत करवाने में सक्षम रही, 29 नवंबर 2020 को| इस पंचायत में जो-जो खाप चौधरी आए व् इसमें जो-जो निर्णय पास हुए, वह इस लिंक से पढ़ें: http://www.khapland.in/%e2%80%8bsarvkhap-support-farmers-agitation-against-3-agri-bills-and-msp-guarantee-law/?

इसके बाद दूसरे फेज में इस टीम ने वेस्ट यूपी की खापों को खासतौर से मोबिलाइज किया, जिसकी कि पहली पंचायत 14 दिसंबर 2020 के दिन सोरम की ऐतिहासिक चौपाल व् चबूतरे पर सम्पन्न हुई|

व् इसके बाद तो खापों का किसान आंदोलन के भिन्न-भिन्न प्रकार से समर्थन में आने का, लंगर से ले अन्य सुविधाएँ-सेवाएं सिनिश्चित करवाने का निर्बाध सिलसिला अपनी बुलंदी चढ़ता ही गया| व् जिस सोच के साथ यह शुरुवात हुई थी, वह कितनी कारगर साबित हुई है; इसकी बानगी इस आंदोलन की आज की आंशिक जीत (पूरी MSP के साथ होगी) के रूप में आपके समक्ष है|

और संयोग देखिए कि आज की तारीख (29th November 2021) में ही पूरे एक साल बाद लोकसभा में तीनों काले कानून वापिस हो रहे हैं|

जय यौधेय! - फूल मलिक

No comments: