Friday, 8 April 2022

फंडियों की सीख तुम्हारे कौम-कल्चर-किनशिप की गोभी खोद रही है; वक्त रहते घर-कुनबे के मर्द-औरत साथ बैठ के मंत्रणा करो व् अपने-अपने साझे नॉर्म्स निर्धारित करो!

करनाल के छोटे से बच्चे जस की निर्मम हत्या को देख के भी, जिसका ढोंग-पाखंड-आडंबर-फंडी-फलहरी-पाखंडी से व् उसकी कथाओं-गपेड़ों से हटने का मन नहीं करता तो समझो अगला नंबर थारे घर का भी हो सकता है|


वक्त रहते सम्भल जाओ, पुरखों के सिद्धांतों की सुध ले लो; वह पागल नहीं थे जो इन फंडी-फलहरियों के टकणों पर लठ मारा करते थे या इनको झलकारे दे-दे ताहा करते थे| वो इंसान की औकात-बिसात-नियत-जात सब जानते-पिछाणते थे जबकि उनके ऐवज में तुम इतने बड़े मंदबुद्धि व् दबीबुद्धि होते जा रहे हो कि सगा भाई ही भीतर-ही-भीतर कब इन फंडी-फलहरियों का बहकाया थामने सेध जा, यह तुम्हें तो क्या खुद उस सेधने वाले को काण्ड करने के बाद पता लगता है; इतना खतरनाक जहर है इन फंडियों का तथाकथित ज्ञान-गपोड़|

जितना हो सके अपने परिवार-कुणबे-ठोले को दूर रखो इनसे| आपस में बैठ के बतलाओ इन विषयों पर, भाइयों में बैठो; घर की लुगाईयों बीच बैठ के इन मसलों पर खुली चर्चा करो व् निर्धारित करो अपने ठोले-कुनबे के नॉर्म्स|

भक्त बने बाहर सिर्फ माइनॉरिटी धर्म वालों में नार-चुकार निकालने को ही सामाजिक ड्यूटी मत मान लेना; यहाँ फंडियों की सीख तुम्हारे कौम-कल्चर-किनशिप की गोभी खोद रही है|

जय यौधेय! - फूल मलिक

No comments: