See the attached photo:
Minar-i-Kalan of Bukhara, Uzbekistan - Built in 1127 AD, 150 feet high
Minar-i-Qutb of Delhi, Hindustan - Built in 1220 AD, 238 feet high
मुग़लों
के यहाँ इसके 2 सैंपल हैं वह भी एक ही सदी में बने हुए| लाजिमी है कि गौरी
व्कुतुबद्दीन दोनों तुर्क थे व् उज़्बेकिस्तान व् तुर्कमेनीस्तान एक कल्चर
के देश हैंतो यह क़ुत्ब-मीनार का आईडिया मीनार-ए-कलां से ले के आए हों|
इलाहबाद हाईकोर्ट वाली बात, कुछ पढ़लिया करो, तथ्यात्मक शोध-वोध कर लिया
करो| अन्यथाइसके जैसा दूसरा सैंपल दिखाओ तुम्हारे पास?
बाकी
जिसको इन फंडियों की वाहियतों में माथे खपाने हैं खपाओ, परन्तु खापलैंड के
बालकदूर रहो इनकी वाहियतों से| जब वक्त थे मुग़लों से मुकाबले करने के तब
तो ये आज केछद्म राष्ट्रभक्त इनके दरबारी बने फिरा करते थे; और आज जब देश
एक लोकतान्त्रिकराष्ट्र है तब इनको सोधी आई है बदले लेने की| "शिकार के
वक्त कुत्तिया हगाईव् मौका-निकले बाद हम सबके जमाई" वाली कहानी रही है
इनकी| तुम उस वक्त जिनवजहों के चलते कमजोर थे उनको ठीक करो, ताकि भविष्य
में ऐसी बातों फिर ना हों; अगरइतना ही दर्द है तो| और वह वजहें थी और आज भी
हैं - वर्णवाद, शूद्र-स्वर्ण,छूत-अछूत में आकंठ डूबी तुम्हारी तथाकथित
धार्मिक थ्योरी|
तुम्हारे
धर्म के किसानों को जहाँ हक पाने हेतु 13-13 महीने सड़कों पर बैठना पड़ता
हो, वहांतुम्हें उनकी चिंता की बजाए, "सांप निकलने के बाद लकीर पीटने" की
भांतिइन चीजों की चिंता है तो निसंदेह तुम फंडी हो| वैसे भी ग्लोबलाइजेशन
का दौर है यह,दुनियां बहुत आगे जा चुकी इन चीजों से|
जय यौधेय! - फूल मलिक
जय यौधेय! - फूल मलिक
No comments:
Post a Comment