आप अपनी राजनैतिक आइडियोलॉजी की विरासतीय रीढ़ "हिन्दू-मुस्लिम" एकता (आपके पिता जी से विरासत में मिली) को तब भी नहीं छोड़े जब मुज़फ्फरनगर 2013 हुआ था व् आपके ही पिता जी को गुरु कहने वाले इस एकता को तोड़ने में दो में से एक पार्टी बन गए थे|
ख़ुशी की बात है कि आपके बेटे चौधरी जयंत सिंह इसी परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं व् इस आइडियोलॉजी में कितना दम था व् आज भी है यह विगत यूपी चुनाव में आपकी पार्टी को मिले समर्थन ने जाहिर कर दिया, जब आप 0 से ऊठ 8 सीटों पर विजयी रहे व् 22 पर द्वितीय, वह भी 200-500 के मार्जिन से| और "यूपी में चौधरियों की चौधराहट खत्म हो गई" के तंज कसने वालों के मुंह बंद किये|
हम कटिबद्ध हैं आप जैसे अपने पुरखों की इस आइडोलोजिक्ल धरोहर की राजनीति को पोषित करने व् करवाने पर|
जय यौधेय! - फूल मलिक
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