Monday, 6 February 2023

6 फरवरी 1858: वह तारीख जिस दिन हरयाणा देस यानि खापलैंड के दो टुकड़े कर दिए गए थे!

एक टुकड़ा यानि आज का हरयाणा, पंजाब में मिल दिया गया था|

दूसरा टुकड़ा यानि आज का वेस्ट-यूपी उस वक्त के अवध प्रान्त यानि लखनऊ में मिल दिया गया था|
यह तोड़ना दरअसल सर्वखाप की उस ताकत को तोड़ना था, जिसने 1857 की क्रांति करी थी व् सबसे ज्यादा अंग्रेजों को नाकों चने चबवाये थे| कहते हैं कि इस ताकत को इस हद तक बिखेर दिया था कि यमुना के आर-पार ब्याह-रिश्तों तक पर बैन लग गया था| हालाँकि छुपते-छुपाते ब्याह-रिश्ते होते रहे, जो कि अब फिर से ज्यादा स्तर पर होने शुरू हुए हैं| उम्मीद है कि यह उसी स्तर तक जायेंगे जिस पर 1858 से पहले हुआ करते थे|
वैसे एक तीसरा टुकड़ा और हुआ यानि दिल्ली सन 1911 में देश की राजधानी बनाई गई, कलकत्ता से उठा कर| ताकि दुनिया की सबसे क्रन्तिकारी व् डेमोक्रेटिक कौम बाहुल्य इस इलाके पर नजदीक से कण्ट्रोल रखा जा सके|
जय यौधेय! - फूल मलिक

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