कुछ भाईओ कौ गलतफहमी है कि जाट 300 साल पुराने या 250 साल पुराने जमीनदार है तो जब मुगलो नै जब भारत मे पैर रखा तो उनके सामने उतरभारत मे जमीनदार और राजा एक ही कौम थी वो थी जाट. राजस्थान मे भी जाट बडे जमीनदार थे और राजा 1490 तक थे जो खाप स्टाईल मे शासन करते थे पर खाप नही थे. उस समय जगलादेश मे राजपुत भुमिहिन थे और फिर अकबर ने उनको पहले जमीनदार बनाया फिर जागीर का राजा पर वो जागीरदार आजाद स्टेट कभी नही बना पाये. बिकानेर से झुनझुनु तक का इलाका जाटो ने आपस मे लडकर राजपुत शासको को एक गोदारा जाट राजा ने दिया और बाकि राजस्थान के बहुत इलाको मे जमीन राजपुतो को अकबर ने दी.
क्योकि पंजाब हरयाणा दिल्ली पशचिम युपी मे जाट खापो का राज था वहा अकबर ने समझौता कर लिया और इस इलाके कि जमीन और प्रशासन जाटो के पास रहा. भुस्वामी और जमीनदार अलग अलग थे. बडे भुस्वामी थे यह जमीनदार और आम जाट भुस्वामी से बडा था और जमीनदार के पास सैनिक थे और खेतीबाड़ी वाले भुस्वामी और व्यापारी से tax लेने के अधिकार था और सजा भी देता था. जाटो का अफगानिस्तान के सीमा से गवालियर तक राज चलता था और हर जाट परिवार भुस्वामी था और फिर जाट एक जमीनदार प्रशासक भी थे.
यह दिल्ली और हरयाणा युपी के कुछ इलाको का 1595 का मुगलो का बनाया जमीन का रिकार्ड है जिसमे सिर्फ जाट ही जमीनदार है एक दो इलाको मे राजपुत गुजर है. यह रिकार्ड तब का है जब राजपुतो को मुगल जमीनदार बना चुके थे उसके बाद भी खापलैड मे दुसरे किसान जैसै राजपुत जाटो के सामने कही नही . इस तरह के रिकार्ड हर जिले के है अगर उन सबका हिसाब लगाये तो 1595 मे जाट भारत के पंजाब हरयाणा दिल्ली पशचिम युपी और पाक पंजाब मे 50% जमीन के अकेले मालिक है. यह रिकार्ड भारत सरकार के पास भी है और हर university मे भी है जब जाटो ने कौटा मागा तो पिछडा समाज ने यह रिकार्ड का हवाला देकर जाटो का सबसे बडे जमीनदार और राजा घौषित कर दिया था.
जाट विरोधी प्रोफेसर यह नही बतायेगा ना धर्म के दुशमन क्योकि इससे उनका झुठ पकडा जायेगा. इस तरह कै सैकडो रिकार्ड है सब नही डाल सकते हमारे पास दस दस किलो के रिकार्ड है. बाकि जाट आरक्षण के मामलै मे supreme court का judgement है और पिछडा आयोग की रिपोर्ट भी है जिसमे जाट कौन है कितने बडे थे सब लिखा है
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