जवाब कुछ यूँ था, Shared Culture व् Copyright Culture वाला फर्क है भाई साहब:
सांझी म्हारा Copyright Culture है जबकि इन्हीं दिनों मनाए जाने वाली रामलीला, डांडिया, दुर्गा पूजा, नवरात्रे हमारे लिए Shared Culture हैं|
Shared Culture इसलिए, क्योंकि:
अगर आप कहने लगो कि नवरात्रे हमारे हैं तो अरोड़ा/खत्री बोल पड़ेंगे कि यह तो हमने दिए हुए हैं, तुम्हारे कैसे हुए?
अगर आप कहने लगो कि डांडिया डांस हमारा है तो गुजराती बोल पड़ेंगे कि यह तो हमने दिया हुआ है, तुम्हारा कैसे हुआ?
अगर आप कहने लगो कि दुर्गा-पूजा हमारी है तो बंगाली बोल पड़ेंगे कि यह तो हमने दी हुई है, तुम्हारी कैसे हुई?
अगर आप कहने लगो कि रामलीला व् दशहरा हमारा है तो अवधि यानि पूर्वी-यूपी बोल पड़ेंगे कि यह तो हमने दिए हुए हैं, तुम्हारे कैसे हुए?
यह कोई भी आपको हाथ नहीं रखने देगा, अपना क्लेम करने के नाम पर| और ना आप ऐसी रेफरेन्सेस दे पाओगे जिससे आप इसको अपने लिए क्लेम कर सको; जैसे कि इनको मनाने का आपके यहाँ इतिहास कितना पुराना है अथवा यह आपकी कल्चरल मान्यताओं से निकलते हैं तो कैसे?
तो ऐसे में इन्हीं के समकक्ष इन्हीं दिनों में मनने वाला आपका क्या है फिर, जो ऊपर की बातों को भी पूरा करे व् आप उसपे अपना हाथ भी रख सको? आपकी है सांझी|
अत: Shared Culture यानि जो दूसरी स्टेटस-कल्चर के सधर्मी migrants मनाते हैं व् अपने साथ हमारे यहाँ ले आए; व् Copyright Culture जो इतिहास व् कल्चरल मान-मान्यताओं व् ages-old practices से हमारे पुरखे करते-बरतते आये|
अगर इन दोनों का अंतर् सही से जान के, अपने Copyright Culture को सहेज के नहीं चलो तो फिर migrants आपको "कंधे से ऊपर कमजोर व् नीच मजबूत" के ताने देते मिलते हैं; जैसे खटटर ने 2015 में गोहाना के एक कार्यक्रम में कहा था कि "हरयाणवी कंधे से ऊपर कमजोर व् नीचे से मजबूत होते हैं"| इसलिए यह ताने नहीं सुनने तो अपने Copyright Culture पे खड़ा होना सीखें व् अगली पीढ़ियों को सिखाएं|
एक खापलैंड वाले के लिए यह फर्क है, इन बाकियों व् सांझी में|
जय यौधेय! - फूल मलिक
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