Sunday, 26 November 2023

कीरत करो, नाम जपो, वंड छको!

सप्ताब यानि 'पंजाब + दोआब' यानी 'मिसललैंड + खापलैंड' के हर गाम को बसाने वाले गाम के प्रथम पुरखों की निशानी "दादा नगर खेड़ों/भैयों/भूमियों" का एक सिद्धांत है कि हर "गाम-नगर खेड़े" में इतनी मानवता अवश्य पाली जाए कि गाम का कोई भी धर्म-जाति का बाशिंदा भूखा-नंगा ना सोए|


इसीलिए सदियों से कहावत चलती आई कि यहाँ के गामों में आपको कोई भिखारी नहीं मिलता|

यह फिलोसॉफी बाबा नानक जी की दी हुई, "कीरत करो, नाम जपो, वंड छको" सीख का हूबहू रूप है| इस कहावत के रूप में सिखी सिर्फ पंजाब में ही नहीं अपितु पूरे सप्ताब के हर गाम-खेड़े में बसती व् बरती जाती है|

आप सभी को गुरुपरब यानि सिखी के संस्थापक गुरु नानक देव जी के प्रगटदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

जय यौधेय! - फूल मलिक

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