जाटों को सबसे पहले शस्त्र रखने की अनुमति सिख गुरुओं ने दी। उससे पहले जाटों को शस्त्र रखने की अनुमति नहीं थी, क्योंकि जाट शूद्र थे।
उत्तर: ब्रिटिश काल तक खत्री को भी एक नीच और वर्णसंकर जाति माना गया। तो खत्री गुरुओं को यह किसने अधिकार दिया कि वो जाटों को शस्त्र रखने की अनुमति दे? वैसे बिना शस्त्र जाट महमूद ग़ज़नवी, तुर्क तैमूर, आदि से लड़े कैसे? सच्चाई तो यह हैं कि स्वयं सिख गुरु मुग़लों से बचने के लिए जाट शस्त्रधारियों की शरण में रहते थे। जाट लोगों के कारण ही सिखी में शस्त्र रखने की परंपरा आई और यह बात W.H. McLeod ने लिखी।
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