👆 कैसे 1857 के विद्रोह के बाद ही 1860 में एक अंग्रेज अधिकारी द्वारा अयोध्या का ये सारा इतिहास गड़ा गया क्योंकि हिंदूं मुस्लिम मिलकर उस विद्रोह में सामिल हुए थे और वहीं से ये कहानी शुरु होते हुए आज़ादी के बाद एक स्थानीय नेता को हराने के लिए चुपके से वहां पर मूर्ति रख दी और अफवा फैला दी की रामल्ला प्रकट हो गए
कैसे संघ को मथुरा काशी अयोध्या में कभी वोट नही मिल पाते थे
उसके बाद राजीव गांधी ने 1986 में हिंदुओं को खुश करने के लिए इसके ताले खुलवाए और पास में राम मंदिर का सिल्यानाश भी किया
लेकिन आडवाणी की रथ यात्रा के बाद सब कुछ अपनी तरफ खींच लिया
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