Wednesday 17 January 2024

कुएँ का पाणी

 कुएँ का पाणी 

अर बिराणी बीरबानी बिन झुकें हासिऴ नहीं होया करर।


छात की नीचाई

अर सुथरई ऴुगाई घरबारी न घुटन दिया करर।


माँ का ऴाडऴा 

अर झोटा गाम साझऴा अपणा अपणा भरयां करर।


बाऴक अऴबादी 

अर बेमेऴ शादी दुख दिया करर।


चूऴेह की आग 

अर कुत्ते का भाग कद्ए भी बूझ जाया करर।


ऴूच्चा आदमी

अर बोदा गात पिटण प रहया करर।


बेइमान हऴवाई 

अर ज़िद्दी ऴूगाई सवाद खराब करया करर।


सूख्खआ पंचाती

अर अनाड़ी खाती बएढंगई कीऴ ठोकया करर।


राह की बडबेरी

अर कुंवारी छोरी हर आता जाता ऴहा करर।


छोटी साऴी 

अर जंग ऴागी ताऴी फेंकण की होया करर।


No comments: