Monday, 17 June 2024

यार 5911 वरगा!

सिधू मुसेवाले के साथ एक ट्रॅक्टर का भी चर्चा है जो हमारी पीढ़ी ट्रक्टर था और जिसका अपने जमाने में पूरा टोरा था । ये था सरकारी कंपनी hmt ( हिंदुस्तान मशीन टूल्स ) का hmt 5911 मॉडल । 5911 को सिधू मुसेवाले में गीतों में इतना ज्यादा इस्तेमाल किया किया की किसानों के इस साथी टैक्टर का नाम दिल्ली मुंबई के पबो तक गुज गया । शहर मे जिस किसी ने आज तक इस ट्रक्टर को देखा तक नहीं वो भी 5911 का नाम जानता है , हालाकि बहुत को ये भी नही पता की 5911 किस चीज का नाम है ।


चलो आज हम बताते 5911 hmt ट्रक्टर के बारे में । इसका इतिहास जानने से पहले हमको एक और ट्रक्टर बारे में जानना पड़ेगा । ये था ज़ीटर , ये एक हथियार बनाने वाली चकोस्लोवाकिया की कम्पनी का बनाया हुआ अलग अलग पॉवर का टैक्टर था जिसको ज़ीटर कहा जाता था । ज़ीटर यूरोप के साथ अनेक देशों में बहुत पसंद किया गया । भारत मे hmt नाम की सरकारी कंपनी की नींव 1953 में रखी गई थी । चकोस्लोवाकिया कम्पनी अपना ज़ीटर ट्रैक्टर विदेश से ही बना कर भारत भेज रही थी , वो इस ट्रक्टर को भारत में बनना चाहती थी , इसके उसने भारत की कम्पनी hmt के साथ हाथ मिलाया , hmt ने अपना कारखाना हरियाणा के पिंजौर में लगाया और फिर शुरू हुआ hmt के टैक्टर का निर्माण । तब टैक्टर पर hmt के साथ ज़ीटर भी लिखा आता था । आम लोग भी इसे ज़ीटर कह के बुलाते थे ।
1971 में यहाँ से पहला hmt ज़ीटर टैक्टर बन कर बाहर निकला । शुरवाती मॉडल में 2511 , 3511 जैसे टैक्टर थे उसके बाद 4511 , 5911 और 7511 के अलावा कई मॉडल आये ।

3511 के साथ 5911 बहुत मशहूर हुआ । hmt 5911 थोड़े बड़े किसानों ने बहुत पसंद किया । ये 59 हॉर्स पॉवर का ट्रक्टर तब अपनी कैटेगरी में अकेला ही राज करने वाला ट्रक्टर था । इसके 16 के बड़े टायर और भारी वजन धरती पर बहुत पकड़ देते थे , ज़ीटर तकनीक की इसमें लगी लिफ्ट और उस समय हाइड्रोलिक ब्रेक इसको सब टैक्टर से अलग करती थी । किसानों ने इसके पीछे कराह डाल डाल कर बड़े बड़े रेत के टिब्बों को समतल कर बढ़िया खेत बना लिए । इसका गियर लीवर तब की कारो की तरफ स्टेरिंग के पास था और इसको क्लासिक लुक देता था । इसमें 4 स्ट्रोक 4 सिलेंडर इंजन लगा हुआ हुआ जो 59 हॉर्स पॉवर के बावजूद भी बहुत कम तेल खाता है । इसका तेल टैंक 70 लीटर का और स्टीरिंग मैनुअल ही आता था । ये इतनी ज्यादा पॉवर जनरेट करता था की इसके पीछे डले कृषि औजार कही अड़ने से टूट जाते थे । मेरे एक रिश्तेदार ने 5911 को एक जमीन में धंसे स्वराज 855 के आगे डाल कर जोर लगा दिया , ट्रक्टर तो नही निकला अलबत्ता दो टुकड़े हो गया । वन विभाग ने इसको बहुत इस्तेमाल किया , इसके साथ इसके आगे हाइड्रोलिक लगा कंस्ट्रक्शन वालो ने इसे जेसीबी और लोडर की तरह बहुत इस्तेमाल किया । जरनेटर में बहुत कामयाब था , जरनेटर पर 5911 जितना कामयाब कोई ट्रक्टर नही हुआ । डबल क्लच इसमें शुरवात थी सबसे पहले कम्बाईन पर यहीं कामयाब हुआ था ।

इन सब खूबियों के साथ hmt 5911 कमियों से भी भरा पड़ा था । सबसे बड़ी कमी में इसका स्टेरिंग , जो की मैन्युअल था । इतने भारी ट्रक्टर में पॉवर स्टेरिंग ना होने कारण इसको मोड़ना बेहद मुश्किल था । इसको चलाने के बाजुओं में जान चाहिए थी । कमजोर आदमी तो इसके स्टेरिंग के साथ झूलता ही रहता था । अगली कमी इसका का डीजल इंजन पंप था , जो की बेहद खराब रहता था , कई ट्रक्टर तो खत्म हो गए मगर उनके पंप की हवा का पता नहीं लगा । पंप तो मिस्त्री पर गया ही रहता था । अगली कमी इसके गियर और क्लच था , बड़ी हॉर्स पॉवर के आगे गियर की गरारी और क्लच प्लेट जल्दी साथ छोड़ जाती थी । इसके वाटर बॉडी भी कुछ खास नहीं थी , पानी का रिसाव रहता ही था । इसकी एक और बड़ी कमी थी की इसके पिछले पहियों में रिडक्शन लगी थी जो चलते वक़्त बहुत आवाज करती थी और खराब भी जल्दी हो जाती थी । इसका एक बहुत बड़ी कमी थी जिस से बहुत लोग दूर भागते थे वो थी इसकी लीकेज । इसकी कवर बॉडी बहुत हिलती थी जिस से जल्द बुढ़ापा आ जाता था , ये बहुत जगह से लीकेज करता था , इसके चलाने वाले के कपड़े साफ नही रहते थे , डीजल टैंक की भी लीकेज थी ।

इन कमियों और खूबियों के साथ hmt 5911 ने राज भोगा है ये वाकिया ही झोटे जैसे जान लगाता था । इसको hmt 5911 या ज़ीटर 5911 ना कह कर बल्कि सिर्फ 5911 कह के बुलाया जाता था । hmt कम्पनी खुद को अपडेट नही कर पाई और शायद 2016 में बन्द हो गई । 80 के दशक में hmt के साथ करार पूरा होते ही ज़ीटर ने गुजरात की किसी कम्पनी से हाथ मिला लिया था और उसने अपने ज़ीटर मॉडल की नकल पर दमदार हिंदुस्तान नाम से ट्रक्टर निकाले । hmt आज बन्द है मगर चकोस्लोवाकिया में ज़ीटर आज भी बड़ी कामयाबी से चल रही है ।

खेतो के राजा 5911 को एक किसान सालाम

By: पलविंदर खैहरा।



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